Author name: Ras Notes

Questions on Rivers of Rajasthan-3

Questions on Rivers of Rajasthan-3 1. निम्नांकित में से राजस्थान की कौनसी नदियाँ बारहमासी नदियाँ है? अ. लूनी व चम्बल ब. चम्बल व माही स. बनास व बाणगंगा द. माही व लूनी उत्तर:- ब 2. लूनी नदी का जल किस स्थान के बाद खारा होता है? अ. जोधपुर ब. पाली स. अजमेर द. बालोतरा उत्तर:- […]

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Historical Monuments of Barmer: Khed

खेड़ (Khed) जोधपुर—बाड़मेर रेलमार्ग पर खेड़ स्टेशन पर वैष्णव तीर्थ स्थान विद्यमान है। अतीत काल में खेड़ राठौड़ राजपूतो की राजधानी थी। राव मल्लीनाथ ने इस स्थान से ही अपने राज्य का विस्तार किया था। यह स्थान लूनी नदी के किनारे स्थित है। वर्तमान में यहां चार मंदिर है, जिसमें एक मंदिर श्री रणछोड़राय जी

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Historical Places of Barmer: Juna Fort and Temple

जूना (Juna) यह स्थान बाड़मेर—मुनाबाव रेलमार्ग पर जसोई स्टेशन से करीब पांच किलोमीटर दूर है। बाड़मेर से यह स्थान लगभग 42 किलोमीटर दूर है। यहां पर 12वीं शताब्दी एवं 13वीं शताब्दी के शिलालेख एवं जैन मंदिर के स्तम्भ देखने को मिलते हैं। पहाड़ी पर एक प्राचीन किला विद्यमान है जिसकी परिधि करीब 15 किलोमीटर क्षेत्र

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Historical Places of Barmer: Kiradoo

किराडू (Kiradoo) बाड़मेर (Barmer) के उत्तर—पश्चिम में लगभग 33 किलोमीटर दूर बाड़मेर मुनाबाव रेल लाइन के खड़ीन स्टेशन से उत्तर दिशा में हाथमा गांव के समीप यह ऐतिहासिक स्थान है। यहां पांच मंदिर विद्यमान हैं। शिल्प कलाकृतियों का यह एक प्रमुख केन्द्र है। मंदिर के खम्भों में यहां 1161 ईसवी काल का शिला लेख मौजूद

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Barmer: Geographical facts

बाड़मेर (Barmer) की भौगोलिक स्थिति बाड़मेर (Barmer) जिले की भौगोलिक स्थिति 24 डिग्री 58 मिनट से 26 डिग्री 32 मिनट उत्तरी अक्षांश एवं 70 डिग्री 5 मिनट से 72 डिग्री 52 मिनट पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। इसके उत्तर में जैसलमेर, दक्षिण में जालौर, पूर्व में पाली एवं जोधपुर जिला तथा पश्चिम में 270 किलोमीटर

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History of Barmer

बाड़मेर (Barmer) की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वर्तमान बाड़मेर (Barmer) का इतिहास विक्रम की दसवीं शताब्दी के पूर्व प्रतिहार एवं भाटी राजवंशों से सम्बद्ध रहा है। यह क्षेत्र किरात, ​शिवकूप एवं मेलोप्हथ तीन भू—भागों में विभक्त था। विक्रम की दसवीं शताब्दी में सिन्धुराज महाराज मरूमण्डल का शासन था। यह राज्य आबू से किरात कूप तथा ओसियां तक

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Districts of Rajasthan: Banswara

बांसवाड़ा (Banswara) आकृति में चतुष्कोणिय आदिवासी बहुल बांसवाड़ा (Banswara) जिला पुरातात्विक संस्कृति का धनी है। यह जिला अने ऐतिहासिक एवं वास्तुशिल्पीय स्मारकों के लिए मशहूर है। इसका प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। माही बजाज सागर परियोजना से इस जिले में हरित क्रांति आई है। बांसवाड़ा (Banswara) जिले में वर्तमान में

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Questions on Rivers of Rajasthan-2

Questions on Rivers of Rajasthan-2 1.चम्बल नदी स्थित चूलिया जल-प्रपात स्थित है- अ. रावतभाटा, चित्तौड़गढ़ ब. मेनाल, भीलवाड़ा स. राश्मी, चित्तौड़गढ़ द. भैंसरोड़गढ़, चित्तौड़गढ़ उत्तर:- द 2.अजमेर की नाग पहाड़ियों से निकलने वाली नदी है- अ. लूनी ब. घग्गर स. बनास द. माही उत्तर:- अ 3.किस नदी को राजस्थान की कामधेनु भी कहा जाता है?

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Rajasthan Ranks 1st in India

राजस्थान:भारत में प्रथम 1.सीधा लाभ हस्तान्तरण शुरू करने वाला पहला राज्य। 2.उद्योग आधार का पंजीयन प्रारंभ करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। 3.स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। 4.सौर उर्जा उत्पादन में 1270 मेगावाट के साथ राज्य देशभर में पहले स्थान पर है। 5.सम्पूर्ण राज्य में

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Tribal Culture of Banswara

बांसवाड़ा की आदिवासी संस्कृति इस जिले की 70 प्रतिशत से भी अधिक जनसंख्या आदिवासी भीलों की है। भीला या मीणा भारत के प्राचीनतम निवासियों में से हैं। कर्नल टाड ने इनाक नाम ‘वन पुत्र’ रखा है जो सदियों से जंगलों में रहते आए हैं। यहां की आदिवासी संस्कृति जन जीवन के प्रमुख केन्द्र बिन्दु स्थान—स्थान

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