religious places of rajasthan

Various Historical Monuments of Barmer

बाड़मेर का जैन मंदिर बाड़मेर में स्थित श्री पार्श्वनाथ का जैन मंदिर भी सुंदर एवं दर्शनीय है। यह शहर के पश्चिमी भाग में स्थित पहाड़ियों पर 12वीं शताब्दी में निर्मित हुआ बताया जाता है। मंदिर में शिल्पकला के अतिरिक्त कांच एवं चित्रकला के आकार का रूप दर्शनीय हैं। इस जैन मंदिर के अलावा बाड़मेर में […]

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Historical Monuments of Barmer: Nagnechi Mata Temple

नागणेची माता का मंदिर (Nagnechi Mata Temple ) पचपदरा नामक स्थान नमक के लिए विख्यात है। बाड़मेर—जोधपुर सड़क मार्ग का यह मध्यवर्ती स्थान है। इस स्थान पर पंवारों, चौहानों, गोहिलों एवं राठौड़ों ने अपना शासन किया था। यहां जैन मंदिर के अलावा पचपदरा के समीपवर्ती ग्राम नागोणा में नागनेची माता का मंदिर बना हुआ है।

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Historical Monuments of Barmer: Mallinath Temple

मल्लीनाथ का मंदिर (Mallinath Temple) यह स्थान बालोतरा से लगभग दस किलोमीटर दूर लूनी की तलहटी में है। यहां राव मल्लीनाथ ने चिर समाधि ली थी। समाधि स्थल पर भक्तजनों द्वारा निर्मित मल्लीनाथ का मंदिर और उनकी चरण पादूकाएं दर्शनीय है। इस स्थान पर प्रति वर्ष चैत्र मास में पन्द्रह दिन का विशाल पशु मेला

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Historical Monuments of Barmer: Viratara Mata Temple

वीरातरा माता का मंदिर (Viratara Mata Temple) बाड़मेर से लगभग 48 किलोमीटर दूर चौहटन एवं चौहटन से करीब दस किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में लाख एवं मुदगल के वृक्षों के बीच रमणीय पहाड़ों की एक घाटी में वीरातरा माता का मंदिर विद्यमान है। इसे चार सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। इस स्थान पर एक

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Historical Places of Barmer: Kapaleshwar MahadevTemple

कपालेश्वर महादेव (Kapaleshwar Mahadev) बाड़मेर के चौहटन कस्बे में यह स्थान विद्यमान है जो बाड़मेर से करीब 55 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। चौहटन की विशाल पहाड़ी के बीच कपालेश्वर महादेव के 13वीं शताब्दी के देवालय आज भी सुन्दर शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध हैं। बताया जाता है कि पांडवों ने अपने

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Historical Places of Barmer: Nakoda

नाकोड़ा (Nakoda) जोधपुर—बाड़मेर में मध्यवर्ती बालोतरा जंक्शन से लगभग नौ किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में जैन सम्प्रदाय का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान नाकोड़ा (Nakoda) है जिसे मेवानगर के नाम से भी जाना जाता है। यहां प्रति वर्ष पौष बदी दशमी को श्री पार्श्वनाथ के जन्मोत्सव पर विशाल मेला लगता है। स्थापत्य कला की दृष्टि से यहां

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Historical Monuments of Barmer: Khed

खेड़ (Khed) जोधपुर—बाड़मेर रेलमार्ग पर खेड़ स्टेशन पर वैष्णव तीर्थ स्थान विद्यमान है। अतीत काल में खेड़ राठौड़ राजपूतो की राजधानी थी। राव मल्लीनाथ ने इस स्थान से ही अपने राज्य का विस्तार किया था। यह स्थान लूनी नदी के किनारे स्थित है। वर्तमान में यहां चार मंदिर है, जिसमें एक मंदिर श्री रणछोड़राय जी

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Historical Places of Barmer: Kiradoo

किराडू (Kiradoo) बाड़मेर (Barmer) के उत्तर—पश्चिम में लगभग 33 किलोमीटर दूर बाड़मेर मुनाबाव रेल लाइन के खड़ीन स्टेशन से उत्तर दिशा में हाथमा गांव के समीप यह ऐतिहासिक स्थान है। यहां पांच मंदिर विद्यमान हैं। शिल्प कलाकृतियों का यह एक प्रमुख केन्द्र है। मंदिर के खम्भों में यहां 1161 ईसवी काल का शिला लेख मौजूद

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Historical Places of Banswara: Ancient temples of Talwara

तलवाड़ा के प्राचीन मंदिर बांसवाड़ा के लगभग 15 किलोमीटर पश्चिम में बांसवाड़ा ग्राम के बाहर 11वीं शताब्दी के आसपास का बना हुआ जीर्ण—शीर्ण सूर्य मंदिर है, जिसमें सूर्य की मूर्ति एक कोने में रखी हुई है और बाहर के चबूतरे पर सूर्य के रथ का एक चक्र टूटा हुआ पड़ा है। उसके निकट श्वेत पत्थर

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Historical Places of Banswars: Ancient Temples of Arthuna

अ​​र्थूना के प्राचीन भग्नावेश मंदिर अ​र्थूना, बांसवाड़ा के दक्षिण पश्चिम में 55 किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन कस्बा है। यह बांसवाड़ा के गलियाकोट सड़क मार्ग पर स्थित है, पास ही में अमरावती नगरी के भग्नावेश ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्राचीन ग्रन्थों में इसका नाम उत्थूनक मिलता है। शिल्पकला की दृष्टि से

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