Author name: Ras Notes

Fairs and Festivals of Banswara

बांसवाड़ा के प्रमुख मेले एवं त्योहार घोडी—रणछोड़ जी का मेला: जिले के मोटाग्राम में यह मेला आयोजित होता है​ जिसमें 5 से 10 हजार तक मेलार्थी शामिल होते हैं। कलाजी का मेला:आसोज नवरात्रि के प्रथम रविवार को जिले के गोपीनाथ का गढ़ा ग्राम मेला आयोजित किया जाता है जिसमे हजारो मेलार्थी शामिल होते हैं। देव झूलनी:बांसवाड़ा […]

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Historical Places of Banswara: Ancient temples of Talwara

तलवाड़ा के प्राचीन मंदिर बांसवाड़ा के लगभग 15 किलोमीटर पश्चिम में बांसवाड़ा ग्राम के बाहर 11वीं शताब्दी के आसपास का बना हुआ जीर्ण—शीर्ण सूर्य मंदिर है, जिसमें सूर्य की मूर्ति एक कोने में रखी हुई है और बाहर के चबूतरे पर सूर्य के रथ का एक चक्र टूटा हुआ पड़ा है। उसके निकट श्वेत पत्थर

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Historical Places of Banswars: Ancient Temples of Arthuna

अ​​र्थूना के प्राचीन भग्नावेश मंदिर अ​र्थूना, बांसवाड़ा के दक्षिण पश्चिम में 55 किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन कस्बा है। यह बांसवाड़ा के गलियाकोट सड़क मार्ग पर स्थित है, पास ही में अमरावती नगरी के भग्नावेश ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्राचीन ग्रन्थों में इसका नाम उत्थूनक मिलता है। शिल्पकला की दृष्टि से

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Historical Places of Banswara: Tripura Sundari Temple

त्रिपुरा सुन्दरी (Tripura Sundari) तलवाड़ा ग्राम से 5 किलोमीटर दूर स्थित भव्य प्राचीन त्रिपुरा सुन्दरी (Tripura sundari) मंदिर है​ जिसमें सिंह पर सवार भगवती अष्टादश भुजा की मूर्ति है। मूर्ति की अष्टादश भुजाओं में अठारह प्रकार के आयुध हैं। पैरों के नीचे प्राचीनकालीन कोई यंत्र बना हुआ है। इसे श्रद्धालु त्रिपुरा सुन्दरी (Tripura sundari) तरतई

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Historical Places of Banswara: Jain Mandir, Kalinjara

कलिंजरा का जैन मंदिर बांसवाड़ा से 30 किलोमीटर दूर दक्षिण—पश्चिम में स्थित हिरन नदी के तट पर बसे कलिंजरा ग्राम के जैन मंदिर प्रसिद्ध है। यहां पर एक बड़ा शिखरबंद पूर्वाभिमुख जैन मंदिर है। इसके दोनो पार्श्वों में और पीछे एक—एक शिखरबंद मंदिर बना हुआ है और चारों तरफ देव कुलिकाएं हैं। यह मंदिर दिगम्बर

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Historical Places of Banswara: Cheench Brahma Temple

छींच का ब्रह्मा मंदिर बारहवीं शताब्दी मे छींच ग्राम में बना ब्रह्मा जी का मंदिर राज्य के बेहतरीन मंदिरों में से एक है। ब्रह्माजी की इतनी विशाल मूर्ति वाला मंदिर आस—पास और कहीं नहीं है। मंदिर का सभा मंडप बड़ा विशाल है। खम्भों पर खुदाई देखते ही बनती है। छह फुट उंची सुन्दर चार मुखों

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Historical Places of Banswara: Ghotiya Amba

घोटिया अम्बा बांसवाड़ा जिले में महाभारत से सम्बन्धित प्रसिद्ध मंंदिर घोटिया अम्बा स्थित है। यह अत्यंत प्रसिद्ध मंदिर बागीदोरा पंचायत समिति क्षेत्र में आता है। यह स्थल बांसवाड़ा से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। महाभारत की कथा के अनुसार पांडवों ने वनवास के समय अपना कुछ समय घोटिया आम्बा केलापानी स्थल पर गुजारा था।

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Historical Places of Banswara: Abdul pir ka Makbara

बांसवाड़ा शहर (Banswara City) अब्दुल्ला पीर का मकबरा जिले का मुख्यालय बांसवाड़ा शहर में स्थित है और यह भूतपूर्व बांसवाड़ा के प्र​थम प्रमुख जगमाल द्वारा बसाया गया है। इसके पूर्व में प्रतिवेशी पहाड़ियों द्वारा बने एक गर्त में बाईताल नाम से ज्ञात एक कृत्रिम तालाब है जो महारावल जगमाल की रानी द्वारा निर्मित बताया जाता

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Banswara: Geographical facts

बांसवाड़ा की भौगोलिक स्थिति अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ बांसवाड़ा जिले का क्षेत्रफल 5076.99 वर्ग किलोमीटर है। यह जिला 23 डिग्री 11 मिनट से 26 ​डिग्री 56 मिनट उत्तरी अक्षांश 74 डिग्री से 74 डिग्री 47 मिनट पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। इसके उत्तर में उदयपुर जिले की धरियावद तहसील और प्रतापगढ़ जिला,

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History of Banswara

बांसवाड़ा (Banswara) का ऐतिहासिक परिदृश्य ऐतिहासिक तौर पर वागड़ राज्य की स्थापना के कई तथ्य पाए जाते हैं। एक मान्यता के अनुसार बंसिया भील ने बांसवाड़ा (Banswara) की नीव रखी थी जबकि एक दूसरा मत यह है कि गुहिलोतों ने वागड़ राज्य की स्थापना की थी। इन तथ्यों के बावजूद ज्यादातर यही माना जाता है कि

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