Author name: Ras Notes

Fairs and Festivals of Barmer

बाड़मेर के मेले एवं त्योहार नाकोड़ा तीर्थ यह जैन सम्प्रदाय का एक प्रमुख तीर्थ है जो बालोतरा से 9 किलोमीटर पश्चिम को मेवानगर में नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर के रूप में अवस्थित है। यहां पर प्रति वर्ष जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान के जन्मदिवस पौष बदी दशम् (दिसम्बर माह) को विशाल मेला नाकोड़ा ट्रस्ट की ओर से […]

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Various Historical Monuments of Barmer

बाड़मेर का जैन मंदिर बाड़मेर में स्थित श्री पार्श्वनाथ का जैन मंदिर भी सुंदर एवं दर्शनीय है। यह शहर के पश्चिमी भाग में स्थित पहाड़ियों पर 12वीं शताब्दी में निर्मित हुआ बताया जाता है। मंदिर में शिल्पकला के अतिरिक्त कांच एवं चित्रकला के आकार का रूप दर्शनीय हैं। इस जैन मंदिर के अलावा बाड़मेर में

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Historical Monuments of Barmer: Nagnechi Mata Temple

नागणेची माता का मंदिर (Nagnechi Mata Temple ) पचपदरा नामक स्थान नमक के लिए विख्यात है। बाड़मेर—जोधपुर सड़क मार्ग का यह मध्यवर्ती स्थान है। इस स्थान पर पंवारों, चौहानों, गोहिलों एवं राठौड़ों ने अपना शासन किया था। यहां जैन मंदिर के अलावा पचपदरा के समीपवर्ती ग्राम नागोणा में नागनेची माता का मंदिर बना हुआ है।

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Historical Places of Barmer: Fort Sivana

सिवाना दुर्ग (Fort Sivana) सिवाना का किला इतिहास प्रसिद्ध रहा है। यह किला सिवाना तहसील एवं पंचायत ​समिति मुख्यालय पर ही एक उंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इसका निर्माण पंवार राजा भोज के पुत्र श्री वीरनारायण ने करवाया था। अलाउद्दीन खिलजी, राव मल्लीनाथ, तेजपाल, राव मालदेव, राव चंद्रसेन, अकबर, कल्ला रायमलात, मोटाराजा, उदयसिंह महाराज,

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Short Notes for RPSC Exams: Barmer

परीक्षापयोगी शॉर्टनोट्स:बाड़मेर (Barmer) बाड़मेर (Barmer) की स्थापना बाहड़ शासक राव परमार ने की। बाड़मेर (Barmer) का नाम भी इसी शासक के बनाये हुए किले के नाम पर पड़ा बाड़मेर यानि बाड़ का पहाड़ी किला पड़ा। भारत—पाकिस्तान को बांटने वाली रेडक्लिफ रेखा बाड़मेर (Barmer) के बाखासर गांव (शाहगढ़) तक फैली हुई है। रेडक्लिफ रेखा की बाड़मेर

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Historical Monuments of Barmer: Mallinath Temple

मल्लीनाथ का मंदिर (Mallinath Temple) यह स्थान बालोतरा से लगभग दस किलोमीटर दूर लूनी की तलहटी में है। यहां राव मल्लीनाथ ने चिर समाधि ली थी। समाधि स्थल पर भक्तजनों द्वारा निर्मित मल्लीनाथ का मंदिर और उनकी चरण पादूकाएं दर्शनीय है। इस स्थान पर प्रति वर्ष चैत्र मास में पन्द्रह दिन का विशाल पशु मेला

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Historical Monuments of Barmer: Viratara Mata Temple

वीरातरा माता का मंदिर (Viratara Mata Temple) बाड़मेर से लगभग 48 किलोमीटर दूर चौहटन एवं चौहटन से करीब दस किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में लाख एवं मुदगल के वृक्षों के बीच रमणीय पहाड़ों की एक घाटी में वीरातरा माता का मंदिर विद्यमान है। इसे चार सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। इस स्थान पर एक

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Historical Places of Barmer: Kapaleshwar MahadevTemple

कपालेश्वर महादेव (Kapaleshwar Mahadev) बाड़मेर के चौहटन कस्बे में यह स्थान विद्यमान है जो बाड़मेर से करीब 55 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। चौहटन की विशाल पहाड़ी के बीच कपालेश्वर महादेव के 13वीं शताब्दी के देवालय आज भी सुन्दर शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध हैं। बताया जाता है कि पांडवों ने अपने

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Historical Places of Barmer: Fort Kotra

कोटड़ा का किला (Fort Kotra) रेगिस्तानी अंचल में से एक छोटी सी भाखरी पर जैसलमेर के किले के आकार का यह किला बाड़मेर के शिव तहसील के कोटड़ा (Kotra) गांव में बना हुआ है। यह भी कभी जैन सम्प्रदाय की विशाल नगरी थी। बाड़मेर (Barmer) से करीब 65 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग से यह स्थान

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Historical Places of Barmer: Nakoda

नाकोड़ा (Nakoda) जोधपुर—बाड़मेर में मध्यवर्ती बालोतरा जंक्शन से लगभग नौ किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में जैन सम्प्रदाय का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान नाकोड़ा (Nakoda) है जिसे मेवानगर के नाम से भी जाना जाता है। यहां प्रति वर्ष पौष बदी दशमी को श्री पार्श्वनाथ के जन्मोत्सव पर विशाल मेला लगता है। स्थापत्य कला की दृष्टि से यहां

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