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Short Notes for RPSC Exams: Barmer

परीक्षापयोगी शॉर्टनोट्स:बाड़मेर (Barmer) बाड़मेर (Barmer) की स्थापना बाहड़ शासक राव परमार ने की। बाड़मेर (Barmer) का नाम भी इसी शासक के बनाये हुए किले के नाम पर पड़ा बाड़मेर यानि बाड़ का पहाड़ी किला पड़ा। भारत—पाकिस्तान को बांटने वाली रेडक्लिफ रेखा बाड़मेर (Barmer) के बाखासर गांव (शाहगढ़) तक फैली हुई है। रेडक्लिफ रेखा की बाड़मेर […]

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Historical Monuments of Barmer: Mallinath Temple

मल्लीनाथ का मंदिर (Mallinath Temple) यह स्थान बालोतरा से लगभग दस किलोमीटर दूर लूनी की तलहटी में है। यहां राव मल्लीनाथ ने चिर समाधि ली थी। समाधि स्थल पर भक्तजनों द्वारा निर्मित मल्लीनाथ का मंदिर और उनकी चरण पादूकाएं दर्शनीय है। इस स्थान पर प्रति वर्ष चैत्र मास में पन्द्रह दिन का विशाल पशु मेला

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Historical Monuments of Barmer: Viratara Mata Temple

वीरातरा माता का मंदिर (Viratara Mata Temple) बाड़मेर से लगभग 48 किलोमीटर दूर चौहटन एवं चौहटन से करीब दस किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में लाख एवं मुदगल के वृक्षों के बीच रमणीय पहाड़ों की एक घाटी में वीरातरा माता का मंदिर विद्यमान है। इसे चार सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। इस स्थान पर एक

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Historical Places of Barmer: Kapaleshwar MahadevTemple

कपालेश्वर महादेव (Kapaleshwar Mahadev) बाड़मेर के चौहटन कस्बे में यह स्थान विद्यमान है जो बाड़मेर से करीब 55 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। चौहटन की विशाल पहाड़ी के बीच कपालेश्वर महादेव के 13वीं शताब्दी के देवालय आज भी सुन्दर शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध हैं। बताया जाता है कि पांडवों ने अपने

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Historical Places of Barmer: Fort Kotra

कोटड़ा का किला (Fort Kotra) रेगिस्तानी अंचल में से एक छोटी सी भाखरी पर जैसलमेर के किले के आकार का यह किला बाड़मेर के शिव तहसील के कोटड़ा (Kotra) गांव में बना हुआ है। यह भी कभी जैन सम्प्रदाय की विशाल नगरी थी। बाड़मेर (Barmer) से करीब 65 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग से यह स्थान

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Historical Places of Barmer: Nakoda

नाकोड़ा (Nakoda) जोधपुर—बाड़मेर में मध्यवर्ती बालोतरा जंक्शन से लगभग नौ किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में जैन सम्प्रदाय का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान नाकोड़ा (Nakoda) है जिसे मेवानगर के नाम से भी जाना जाता है। यहां प्रति वर्ष पौष बदी दशमी को श्री पार्श्वनाथ के जन्मोत्सव पर विशाल मेला लगता है। स्थापत्य कला की दृष्टि से यहां

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Questions on Rivers of Rajasthan-3

Questions on Rivers of Rajasthan-3 1. निम्नांकित में से राजस्थान की कौनसी नदियाँ बारहमासी नदियाँ है? अ. लूनी व चम्बल ब. चम्बल व माही स. बनास व बाणगंगा द. माही व लूनी उत्तर:- ब 2. लूनी नदी का जल किस स्थान के बाद खारा होता है? अ. जोधपुर ब. पाली स. अजमेर द. बालोतरा उत्तर:-

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Historical Monuments of Barmer: Khed

खेड़ (Khed) जोधपुर—बाड़मेर रेलमार्ग पर खेड़ स्टेशन पर वैष्णव तीर्थ स्थान विद्यमान है। अतीत काल में खेड़ राठौड़ राजपूतो की राजधानी थी। राव मल्लीनाथ ने इस स्थान से ही अपने राज्य का विस्तार किया था। यह स्थान लूनी नदी के किनारे स्थित है। वर्तमान में यहां चार मंदिर है, जिसमें एक मंदिर श्री रणछोड़राय जी

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Historical Places of Barmer: Juna Fort and Temple

जूना (Juna) यह स्थान बाड़मेर—मुनाबाव रेलमार्ग पर जसोई स्टेशन से करीब पांच किलोमीटर दूर है। बाड़मेर से यह स्थान लगभग 42 किलोमीटर दूर है। यहां पर 12वीं शताब्दी एवं 13वीं शताब्दी के शिलालेख एवं जैन मंदिर के स्तम्भ देखने को मिलते हैं। पहाड़ी पर एक प्राचीन किला विद्यमान है जिसकी परिधि करीब 15 किलोमीटर क्षेत्र

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Historical Places of Barmer: Kiradoo

किराडू (Kiradoo) बाड़मेर (Barmer) के उत्तर—पश्चिम में लगभग 33 किलोमीटर दूर बाड़मेर मुनाबाव रेल लाइन के खड़ीन स्टेशन से उत्तर दिशा में हाथमा गांव के समीप यह ऐतिहासिक स्थान है। यहां पांच मंदिर विद्यमान हैं। शिल्प कलाकृतियों का यह एक प्रमुख केन्द्र है। मंदिर के खम्भों में यहां 1161 ईसवी काल का शिला लेख मौजूद

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