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Questions on Rivers of Rajasthan-5

Questions on Rivers of Rajasthan-5 1.  सोम नदी का जलग्रहण क्षेत्र किन जिलों में है? अ. बांसवाडा और डूंगरपुर जिलों में ब. उदयपुर और डूंगरपुर जिलों में स. उदयपुर, राजसमन्द और चित्तौड़गढ़ जिलों में द. उदयपुर, बांसवाडा और डूंगरपुर जिलों में उत्तर:- ब 2.     बाघेरी का नाका बांध किस नदी पर बना हुआ […]

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Questions on Rivers of Rajasthan-4

Questions on Rivers of Rajasthan-4 1.पांचना बांध किस जिले में स्थित है? अ.भीलवाड़ा में ब.प्रतापगढ़ में स.करौली में द.राजसमन्द में उत्तर:- स 2.बनास नदी किस स्थान के निकट चम्बल में मिलती है? अ.गंगापुर, सवाईमाधोपुर ब.फतेहाबाद, आगरा (उत्तर प्रदेश) स.रामेश्वरम, सवाईमाधोपुर द.लालसोट, दौसा उत्तर:- स 3.राजस्थान के किन जिलों में कोई नदी नहीं बहती है? अ.चुरू

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Ajmer: Important facts for RPSC Exams

अजमेर:महत्वपूर्ण परीक्षापयोगी तथ्य अजमेर राजस्थान का मध्यवर्ती संभाग है जो जिसकी सीमा सभी छः संभागों की सीमा से लगती है। अजमेर मेरवाड़ा एकीकरण के समय राजस्थान का एकमात्र केन्द्र शासित प्रदेश था। हरिभाऊ उपाध्याय को अजमेर-मेरवाड़ा के पहले व एकमात्र मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त है। राजस्थान के एकीकरण के सातवें चरण में अजमेर –

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Handicrafts of Barmer

बाड़मेर की हस्तकला बाड़मेर जिले की हस्तकला की अपनी खास पहचान है। यहां की उम्दा दस्तकारी का काफी विकास हुआ है। इस उद्योग ने उत्पादन और विपणन दोनों में अच्छी जगह बनाई है। बाड़मेर में कपड़े पर हाथ की छपाई, कपड़े की रंगाई, आरी—तारी, जूट—पट्टी, ऊनी गलीचा, कांच कशीदाकारी, पीतल पर नक्काशी, ऊनी पट्टू, चर्म

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Folk Cultrure of Barmer

बाड़मेर की लोकसंस्कृति  बाड़मेर की लोकसंस्कृति पूरी दुनिया में विख्यात है। आधुनिकता की चकाचौंध से कोसो दूर तनाव रहित जन जीवन हर किसी को उल्लासित करता है। यहां के लोक संगीत की स्वर लहरियों की कोई सानी नहीं है। यहां के लोक कलाकार भूंगड़े खां, आमद फकीर, धोधे खां, समन्दर खां, गाजी खां, हाकम खां,

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Districts of Rajasthan: Barmer

बाड़मेर (Barmer) बाड़मेर जिला (Barmer) पश्चिमी राजस्थान के थार मरूस्थल का एक विशाल भू—भाग है। यहां का अद्वितीय नैसर्गिक मरूस्थलीय सौन्दर्य एवं लोक संगीत लहरियां प्रत्येक पर्यटक का मन मोह लेती हैं। जिले का मुख्यालय बाड़मेर नगर (Barmer City) है, जबकि अन्य मुख्य कस्बे बालोतरा, गुड़ामलानी, बायतु, सिवाना, जसोल, चोहटन और धोरीमन्ना हैं। बाड़मेर (Barmer):

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Fairs and Festivals of Barmer

बाड़मेर के मेले एवं त्योहार नाकोड़ा तीर्थ यह जैन सम्प्रदाय का एक प्रमुख तीर्थ है जो बालोतरा से 9 किलोमीटर पश्चिम को मेवानगर में नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर के रूप में अवस्थित है। यहां पर प्रति वर्ष जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान के जन्मदिवस पौष बदी दशम् (दिसम्बर माह) को विशाल मेला नाकोड़ा ट्रस्ट की ओर से

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Various Historical Monuments of Barmer

बाड़मेर का जैन मंदिर बाड़मेर में स्थित श्री पार्श्वनाथ का जैन मंदिर भी सुंदर एवं दर्शनीय है। यह शहर के पश्चिमी भाग में स्थित पहाड़ियों पर 12वीं शताब्दी में निर्मित हुआ बताया जाता है। मंदिर में शिल्पकला के अतिरिक्त कांच एवं चित्रकला के आकार का रूप दर्शनीय हैं। इस जैन मंदिर के अलावा बाड़मेर में

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Historical Monuments of Barmer: Nagnechi Mata Temple

नागणेची माता का मंदिर (Nagnechi Mata Temple ) पचपदरा नामक स्थान नमक के लिए विख्यात है। बाड़मेर—जोधपुर सड़क मार्ग का यह मध्यवर्ती स्थान है। इस स्थान पर पंवारों, चौहानों, गोहिलों एवं राठौड़ों ने अपना शासन किया था। यहां जैन मंदिर के अलावा पचपदरा के समीपवर्ती ग्राम नागोणा में नागनेची माता का मंदिर बना हुआ है।

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Historical Places of Barmer: Fort Sivana

सिवाना दुर्ग (Fort Sivana) सिवाना का किला इतिहास प्रसिद्ध रहा है। यह किला सिवाना तहसील एवं पंचायत ​समिति मुख्यालय पर ही एक उंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इसका निर्माण पंवार राजा भोज के पुत्र श्री वीरनारायण ने करवाया था। अलाउद्दीन खिलजी, राव मल्लीनाथ, तेजपाल, राव मालदेव, राव चंद्रसेन, अकबर, कल्ला रायमलात, मोटाराजा, उदयसिंह महाराज,

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