monuments of Rajasthan

Historical Monuments of Alwar: Taal vriksh

तालवृक्ष  अलवर से लगभग 35 किलोमीटर दूर तालवृक्ष जिले का एक सुरम्य स्थल है जो ऐतिहासिक और धार्मिक पवित्र स्थल के तौर पर भी जाना जाता है। अलवर—नारायणपुर मार्ग पर स्थित यह स्थल प्राकृतिक पर्यटन के तौर पर खासा मशहूर है। ऐसा माना जाता है कि महान ऋषि मांडव्य ने इस स्थल को अपनी तपोस्थली […]

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Historical Monuments of Alwar: Siliserh lake

सीलीसेढ़  अलवर से करीब 16 किलोमीटर दूर तहीन ओर अरावली पर्वत की श्रेणियों से​ घिरा यह सुरम्य स्थल पर्यटकों के आकर्षण का एक प्रमुख केन्द्र है। इस स्थल का समग्र सौन्दर्य घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरी नीली झील में सिमट कर आ गया है। वर्षा ऋतु में यह स्थान और भी अधिक मनोहारी  हो

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Fairs and Festivals of Ajmer

अजमेर के मेले एवं त्यौहार ख्वाजा साहब की उर्स अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जिन्हें अजमेर शरीफ भी कहा जाता है। यहां प्रति वर्ष रज्जब माह की एक से 6 तारीख तक उर्स मेला भरता है। देश के विभिन्न भागों से सभी धर्मों के धर्मावलम्बी इस मेले मे आते हैं। ख्वाजा साहब

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Historical Places of Ajmer: nasiyan gee, Rajputana museum, Dadabari and Bajrang garh Temple

अजमेर के अन्य दर्शनीय स्थल नसियांजी स्व.सेठ मूलचन्द सोनी द्वारा इसका निर्माण प्रारंभ किया गया था तथा उनके ही पुत्र स्व.सेठ टीकमचन्द सोनी द्वारा सन् 1865 में निर्माण कार्य पूरा कराया गया। यह जैन मंदिर प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ अथवा ऋषभदेव का है। मुख्य मंदिर के पीछे विशाल भवन में जैन दर्शन व तीर्थकंरों के

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Historical Places of Ajmer: Pushkar

तीर्थराज पुष्कर तीर्थराज पुष्कर अजमेर नगर के उत्तर पश्चिम में 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मार्ग में सुरम्य घाटी है जो ‘पुष्कर घाटी’ के नाम से विख्यात है। यह तीर्थ समुद्री तल से 530 मीटर की उंचाई पर स्थित है। भारत में ब्रह्मा का एकमात्र एवं प्राचीनतम मंदिर यदि कहीं है तो पुष्कर

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Historical Places of Ajmer: Shrine of Moinuddin Chishti

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह ख्वाजा साहब और गरीब नवाज के नाम से विश्वविख्यात है। यह दरगाह एक धार्मिक स्थल है जहां मुस्लिमों के साथ—साथ अन्य सभी धर्मों के भी लोग अपनी हाजिरी देने जाते हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेर के प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का जन्म 536

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Lakes of Ajmer

अजमेर की झीलें आनासागर दो पहाड़ियों के बीच में पाल डालकर सम्राट पृथ्वीराज के पितामह राजा अरणोराज अथवा आनाजी द्वारा 1135 ई. में निर्मित यह कृत्रिम झील शहर के अनुपम सौन्दर्य में ​अभिवृद्धि करती है। सम्राट जहांगीर ने इस झील के किनारे शही बाग बनवाया जिसका नाम दौलतबाग रखा गया। सम्राट शाहजहां ने सन् 1627

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Historical Places of Ajmer: Taragarh Fort

तारागढ़ का दुर्ग                  राजा अजयदेव द्वारा 2855 फुट उंची पहाड़ी पर निर्मित इस ऐतिहासिक दुर्ग ने न जाने कितनी लड़ाइयों और शासकों का उत्थान पतन देखा है। यह किला पहले अजयमेरू दुर्ग के नाम से प्रसिद्ध था। इसका विस्तार दो मील के घेरे में है और छोटे—बड़े

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