lakes of rajasthan

Historical Places of Alwar: fatehganj gumbad

फतहगंज गुम्बद   अलवर रेलवे स्टेशन के पास बनी यह पांच मंजिल की यह गुम्बद अनायास ही आते जाते यात्रियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। चौकोर आधार पर बनी इस गुम्बद की हर मंजिल में चारों तरफ दरवाजे और छोटे—छोटे गवाक्ष बने हुए हैं। पहली मंजिल के दरवाजों और छतों पर सुन्दर …

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Historical Places of Alwar: Moosi Maharai ki Chatri

मूसी महारानी की छतरी बाला दुर्ग के नीचे और शहर महल के पिछवाड़े सागर के दक्षिणी किनारे पर बनी यह अनूठी छतरी राजपूत स्थापत्य कला की एक अनुपम धरोहर है। एक विशाल चबूतरे पर मूसी महारानी और तत्कालीन महाराजा बख्तावर सिंह की ​स्मृति में बनी और संगमरमर के अस्सी ख्म्भों पर टिकी यह कलात्मक छतरी …

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Historical Places of Alwar: Shimla (Company Bagh)

शिमला (कंपनी बाग) अलवर के कम्पनी बाग में सन् 1885 में तत्कालीन महाराजा मंगलसिंह द्वारा निर्मित यह शिमला देशी—विदेशी पर्यटकों को तो अपनी ओर आकर्षित करता ही है, साथ ही अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण पूरे भारत में अपना सानी नहीं रखता। जो जमीन से पच्चीस फीट गहरे तीस सौ अस्सी फीट लंबे और 288 …

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Historical Monuments of Alwar: Taal vriksh

तालवृक्ष  अलवर से लगभग 35 किलोमीटर दूर तालवृक्ष जिले का एक सुरम्य स्थल है जो ऐतिहासिक और धार्मिक पवित्र स्थल के तौर पर भी जाना जाता है। अलवर—नारायणपुर मार्ग पर स्थित यह स्थल प्राकृतिक पर्यटन के तौर पर खासा मशहूर है। ऐसा माना जाता है कि महान ऋषि मांडव्य ने इस स्थल को अपनी तपोस्थली …

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Historical Monuments of Alwar: Siliserh lake

सीलीसेढ़  अलवर से करीब 16 किलोमीटर दूर तहीन ओर अरावली पर्वत की श्रेणियों से​ घिरा यह सुरम्य स्थल पर्यटकों के आकर्षण का एक प्रमुख केन्द्र है। इस स्थल का समग्र सौन्दर्य घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरी नीली झील में सिमट कर आ गया है। वर्षा ऋतु में यह स्थान और भी अधिक मनोहारी  हो …

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Lakes of Ajmer

अजमेर की झीलें आनासागर दो पहाड़ियों के बीच में पाल डालकर सम्राट पृथ्वीराज के पितामह राजा अरणोराज अथवा आनाजी द्वारा 1135 ई. में निर्मित यह कृत्रिम झील शहर के अनुपम सौन्दर्य में ​अभिवृद्धि करती है। सम्राट जहांगीर ने इस झील के किनारे शही बाग बनवाया जिसका नाम दौलतबाग रखा गया। सम्राट शाहजहां ने सन् 1627 …

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