Districts of Rajasthan

Historical Places of Ajmer: Shrine of Moinuddin Chishti

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह ख्वाजा साहब और गरीब नवाज के नाम से विश्वविख्यात है। यह दरगाह एक धार्मिक स्थल है जहां मुस्लिमों के साथ—साथ अन्य सभी धर्मों के भी लोग अपनी हाजिरी देने जाते हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेर के प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का जन्म 536 …

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Lakes of Ajmer

अजमेर की झीलें आनासागर दो पहाड़ियों के बीच में पाल डालकर सम्राट पृथ्वीराज के पितामह राजा अरणोराज अथवा आनाजी द्वारा 1135 ई. में निर्मित यह कृत्रिम झील शहर के अनुपम सौन्दर्य में ​अभिवृद्धि करती है। सम्राट जहांगीर ने इस झील के किनारे शही बाग बनवाया जिसका नाम दौलतबाग रखा गया। सम्राट शाहजहां ने सन् 1627 …

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Historical Places of Ajmer: Taragarh Fort

तारागढ़ का दुर्ग                  राजा अजयदेव द्वारा 2855 फुट उंची पहाड़ी पर निर्मित इस ऐतिहासिक दुर्ग ने न जाने कितनी लड़ाइयों और शासकों का उत्थान पतन देखा है। यह किला पहले अजयमेरू दुर्ग के नाम से प्रसिद्ध था। इसका विस्तार दो मील के घेरे में है और छोटे—बड़े …

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Historical Places of Ajmer: Adhai din ka Jhopda

अढ़ाई दिन का झोपड़ा               अढ़ाई दिन का झोपड़ा मूलत: प्रथम चौहान सम्राट बीसलदेव द्वारा सन् 1153 में संस्कृत पाठशाला के लिए बनाया गया। बाद में शहाबुद्दीन गौरी ने इस विद्यालय को मस्जिद में परिवर्तित कर दिया। परिवर्तन का यह कार्य सुल्तान शमसुद्दीन अल्तमश के समय में हुआ। परिवर्तन …

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Ajmer: Geographical facts

अजमेर की भौगोलिक स्थिति  (The geographical location of Ajmer) अजमेर जिला भारत के पश्चिम में स्थित राजस्थान राज्य के मध्य में 25 डिग्री 38′ से 26 डिग्री 50′ उत्तरी अक्षांशों एवं 73 डिग्री 54′ से 75 डिग्री 22′ पूर्वी देशान्तरों के मध्य स्थित है। इसका क्षेत्रफल 8481 वर्ग किलोमीटर है। अजमरे नगर​ जिस पठारी भाग प​र स्थित …

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History of Ajmer

अजमेर का ऐतिहासिक परिदृश्य       राजस्थान के मध्य में स्थित अजमेर को बारहवीं शताब्दी में चौहान राजाओं की राजधानी बनने का गौरव प्राप्त हुआ। राजा अजयपाल ने ईसा की सातवीं शताब्दी में इस नगर की स्थापना की। स्वतंत्रता के पश्चात अक्टूबर, 1956 तक अजमेर सी श्रेणी के राज्यों में से एक था। नवम्बर, …

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