मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की सम्पूर्ण जानकारी
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना राजस्थान में रहने वाले हरेक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना में राज्य के हर परिवार को कैशलेस इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाएगा। बजट 2021—22 में इसकी घोषणा की गई थी।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ किसे मिलेगा?
• प्रदेश में हर परिवार को अस्पताल में भर्ती होने पर निःशुल्क इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है।
• राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) व सामाजिक आर्थिक जनगणना (SECC 2011) के पात्र परिवारों, लघु व सीमांत कृषक व संविदाकर्मियों का पूरा बीमा प्रीमियम राज्य सरकार देगी।
• अन्य परिवार 850 रुपये प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर योजना से जुड़ सकते हैं।
योजना में क्या—क्या लाभ मिलेगा?
• चिन्हित सामान्य बीमारियों के लिये 50 हज़ार रुपये एवं गंभीर बीमारियों के लिये 4 लाख 50 हज़ार रुपये प्रतिवर्ष बीमा कवर मिलेगा।
• विभिन्न बीमारियों के 1576 पैकेज शामिल किये गये हैं।
• योजना से जुड़े निजी एवं सरकारी अस्पतालों में लाभार्थी परिवार निःशुल्क उपचार ले सकते हैं। मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से पांच दिन पहले का और डिस्चार्ज के बाद पन्द्रह दिनों का चिकित्सा खर्च निःशुल्क पैकेज में शामिल है।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से कैसे जुड़ें?
• योजना से जुड़ने के लिए लाभार्थी को health.rajasthan.gov.in पर खुद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना है या ई-मित्र पर रजिस्ट्रेशन करवाना है।
• रजिस्ट्रेशन 1 अप्रेल 2021 से आरम्भ, 1 मई 2021 से योजना का लाभ मिलना शुरु।
• आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में लाभान्वित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के पात्र परिवारों को रजिस्ट्रेशन करवाने की आवश्यकता नहीं है।
• रजिस्ट्रेशन के लिए इनमें से कोई एक – भामाशाह या जन-आधार कार्ड या जन-आधार संख्या या जन-आधार के रजिस्ट्रेशन की रसीद और आधार कार्ड आवश्यक है।
• ई-मित्र पर पंजीयन शुल्क
• आवेदन शुल्क – 20 रुपये
• प्रीमियम जमा करवाने का शुल्क – 10 रुपये
पॉलिसी दस्तावेज़
रजिस्ट्रेशन के बाद लाभार्थी बीमा पॉलिसी दस्तावेज़ डाउनलोड कर प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए प्रिंटिंग शुल्क ई-मित्र प्लस पर 10 रुपये एवं ई-मित्र कियोस्क पर 20 रुपये होगा। ऐसे परिवार जिनका जन–आधार या भामाशाह नामांकन नहीं हुआ है उन्हें पहले जन-आधार नामांकन करवाना होगा। इसके बाद ही योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। योजना से जुड़ने के लिए 1 से 10 अप्रेल 2021 तक ग्राम पंचायत स्तर पर भी विशेष रजिस्ट्रेशन शिविर आयोजित किये जा रहे हैं।
अस्पताल में मरीज को लाभ कैसे मिलेगा?
• मरीज को सबसे पहले योजना से जुड़े निजी या सरकारी अस्पताल, जहां वो अपना इलाज करवाना चाहते हैं, वहां इनमें से कोई एक पहचान पत्र लेकर जाना होगा:
• जन आधार कार्ड/भामाशाह कार्ड/जन आधार कार्ड की पंजीयन रसीद या कार्ड नम्बर
• आधार कार्ड जो कि जन आधार कार्ड से जुड़ा हो
• मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का पॉलिसी दस्तावेज़
• अस्पताल में चिकित्सक के परामर्श एवं निर्देशानुसार भर्ती किये जाने के लिए हैल्प डेस्क पर स्वास्थ्य मार्गदर्शक उपलब्ध होंगे।
• स्वास्थ्य मार्गदर्शक द्वारा मरीज का बायोमैट्रिक सत्यापन किया जायेगा। चिकित्सक के परामर्श एवं निर्देशानुसार मरीज की बीमारी से जुड़े पैकेज के लिये स्वास्थ्य मार्गदर्शक द्वारा टी.आई.डी. बुक किया जायेगा एवं उसके साथ ही मरीज का इलाज शुरू किया जायेगा। इलाज पूरा होने के बाद अस्पताल द्वारा बीमा कम्पनी को क्लेम भेजा जाता है और इसकी
जानकारी लाभार्थी के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर एस.एम.एस. से दी जाती है।
• लाभार्थी के अस्पताल में भर्ती एवं डिस्चार्ज के समय लाइव फोटो लिया जाता है।
• अस्पताल से डिस्चार्ज के समय लाभार्थी से फीडबैक फॉर्म भी भरवाया जाता है।
लाभार्थी सभी जुड़े सरकारी और निजी अस्पताल की जानकारी के लिये टोल फ्री नम्बर 1800 180 6127 पर फोन करें या विभाग की वेबसाइट www.health.rajasthan.gov.in देखें।
• निर्धारित पैकेज में लाभार्थी हेतु सभी सुविधायें कैशलेस हैं। अस्पताल किसी भी रूप में मरीज से कोई भी राशि वसूल नहीं कर सकते हैं। अस्पताल को इलाज के बदले पैकेज की निश्चित दर के अनुसार बीमा कम्पनी द्वारा पुनर्भरण होता है।
• यह सुविधाएं IPD यानि अस्पताल में भर्ती होकर इलाज़ करवाने के लिए ही मान्य हैं। ओ.पी.डी. में मरीजों को मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना तथा मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क दवा व निःशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध हैं।
• बीमित परिवार के सभी सदस्यों की बीमा करवाने से पहले की भी समस्त बीमारियों का कवर है।
सहायता और शिकायत निवारण
योजना के लाभार्थी की अस्पताल या चिकित्सा प्रशासन से जुड़ी किसी भी शिकायत का निवारण जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय परिवेदना निवारण समिति (डी.जी.आर.सी.) द्वारा परिवेदना प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर किया जायेगा।
अगर लाभार्थी डी.जी.आर.सी. के निर्णय से संतुष्ट न हो तो उस निर्णय के विरूद्ध 30 दिनों में राज्य स्तरीय परिवेदना निवारण समिति (एस.जी.आर.सी.) में अपील की जा सकेगी। इसके अलावा लाभार्थी अन्य किसी के लिये टोल फ्री नम्बर 1800 180 6127 अथवा 181 पर संपर्क कर सकते हैं।
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