इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की सम्पूर्ण जानकारी | rasnotes.com

Indira Gandhi Matritva Poshan Yojna in hindi

 

Indira Gandhi Matritva Poshan Yojna in Hindi

‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण’ योजना की शुरूआत गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भस्थ शिशुओं को उचित पोषण उपलब्ध करवाने के लिए की गई है। राजस्थान सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना की मदद से माताओं एवं बच्चों में कुपोषण कम करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही बच्चे के समुचित विकास में मां के पोषण के महत्व के संबंध में जागरूकता बढ़ाने का काम इस योजना के तहत किया जाएगा।

क्या है इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की प्रमुख बातें?

इस योजना के माध्यम से राजस्थान में गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं बच्चे को उचित पोषण देने का प्रयास किया जाएगा। 

इस योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों की अनुपालना में राजस्थान सरकार ने द्वितीय प्रसव के समय महिलाओं के लिए यह योजना शुरू की है। पहले प्रसव के दौरान यह सुविधा केन्द्र सरकार के मातृ वन्दना योजना के माध्यम से मिल रही है। 

केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए योजना बनाने का प्रावधान भी था। 

कैसे काम करेगी इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना?

राजस्थान सरकार ने महिला एवं बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण को प्राथमिकता देने वाली इस योजना की घोषणा वर्ष 2020—21 के राज्य बजट में की गई थी। फिलहाल यह योजना मातृ एवं शिशु पोषण संकेतकों पर बनी रैंकिंग के आधार पर प्रदेश के चार अत्यधिक पिछड़े टीएसपी जिलों उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर एवं प्रतापगढ़ में शुरू की गई है। राजस्थान सरकार इसे चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में लागू करेगी।

कौन होगा इस योजना के माध्यम से लाभान्वित?

इस योजना में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा खान एवं भूविज्ञान विभाग मिलकर कार्य करेंगे। प्रतिवर्ष करीब 77 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित होंगी। इसके तहत पर 43 करोड़ रूपए वार्षिक खर्च होंगे, इसमें वित्त पोषण खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधीन स्टेट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। 

क्या मिलेगा इस योजना के तहत लाभ?

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं तथा तीन वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ एवं पोषण की स्थिति में सुधार लाना है। 

इस योजना में दूसरी संतान के जन्म पर लाभार्थी महिलाओं को पांच चरणों में 6 हजार रूपए की राशि सीधे लाभार्थी के खाते  में  भेजी जाएगी। 

पहली किश्त 1000 रूपए गर्भावस्था जांच व पंजीकरण होने पर, दूसरी किश्त 1000 रूपए कम से कम दो प्रसव पूर्व जांचें पूरी होने पर, तीसरी किश्त 1000 रूपए संस्थागत प्रसव होने पर, चौथी किश्त 2000 रूपए बच्चे के जन्म के 105 दिन तक सभी नियमित टीके लगने तथा बच्चे का जन्म पंजीकरण होने पर तथा पांचवी एवं आखिरी किश्त 1000 रूपए दंपती की दूसरी संतान पैदा होने के तीन माह के भीतर परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर दी जाएगी। इससे परिवार नियोजन को भी बढावा मिलेगा। 

योजना के तहत 1 नवम्बर 2020 एवं इसके बाद जन्मे दूसरे बच्चे के समय गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलेगा। इस योजना में केन्द्र सरकार की ओर से फिलहाल कोई राशि नहीं दी जा रही है। योजना पर राशि पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा खर्च की जा रही है। 

आंगनबाडी केन्द्रों द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एएनएम एवं आशा सहयोगिनी लाभार्थी महिलाओं को उचित पोषण एवं शिशु की देखभाल के संबंध में परामर्श देंगी। चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फण्ड फाउण्डेशन तथा आईपीई ग्लोबल योजना के क्रियान्वयन में राज्य सरकार का सहयोग करेंगे। 

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