राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना की जानकारी | rasnotes.com

Rajiv Gandhi Krishak Sathi Sahayta Yojna Information in hindi


Rajiv Gandhi Krishak Sathi Sahayta Yojna Information in hindi

1.योजना का नामः- राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना-2009

2.योजना का संक्षिप्त परिचयः

कृषक साथी योजना दिनांकः 30.08.1994 से प्रारंभ हुई जो 22.12.2004 को इसका नाम किसान जीवन कल्याण योजना रखा गया। पुनः 09.12.2009 को राज्य सरकार ने इसका नाम राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना रखा। योजना में किसान, खेतीहर मजदूर, मंडी प्रागंण में कार्यरत पल्लेदार, हम्माल को मृत्यु/अंग-भंग होने पर सहायता राशि प्रदान की जाती है।

3.योजना प्रारम्भ किये जाने का वर्षः

1994-95 में प्रारम्भ हुई थी तब इसका नाम कृषक साथी योजना था।

4.लाभान्वित वर्गः

किसान एवं खेतीहर मजदूर, मण्डी प्रांगण में कार्यरत पल्लेदार/हमाल कृषि कार्य करते समय दुर्घटना में मृत्यु या अंग-भंग होने पर सहायता राशि प्रदान की जाती है। 

5.योजना की पात्रता

योजना में राज्य के कृषकों/खेतीहर मजदूरों द्वारा कृषि अथवा मण्डी प्रांगण में विपणन कार्य करते समय गांव से मण्डी तक विक्रय करने के अगले दिन तक लौटते हुए दुर्घटना में मृत्यु या अंग-भंग होने पर कृषि विपणन निदेशालय द्वारा कृषि उपज मण्डी समितियों के जरिये सहायता राशि प्रदान की जाती है। 

(1) कृषकों/खेतीहर मजदूरों द्वारा कृषि कार्य में कृषि यंत्रों का उपयोग करते हुए (जिनमें खेती से सम्बन्धित सिंचाई कार्य भी शामिल है) 

(2) सिंचाई कार्य हेतु कुआं खोदते समय, ट्यूबैल स्थापित करते समय एवं ट्यूबवैल संचालित करते समय बिजली का करंट लगने से एवं खेत में गुजरने वाली विद्युत लाईन के क्षतिग्रस्त होने से मृत्यु या अंग भंग होने पर। 

(3) कृषकों द्वारा खेतों में फसलों, फल सब्जियों पर रासायनिक दवाईयों आदि का छिडकाव करते समय दुर्घटना में मृत्यु होने पर। 

(4) मुख्य मण्डी यार्ड, उप मण्डी यार्ड एवं राज्य सरकार द्वारा समय समय पर घोषित क्रय केन्द्रों पर कृषि यंत्रों का उपयोग करते समय दुर्घटना में मृत्यु या अंग भंग होने पर। 

(5) मण्डी में बोरियों की धांग लगाते समय मृत्यु या अंग भंग होने पर। 

(6) मण्डी प्रागंण में ट्रेक्टर ट्रोली, ऊंट लड्डा, बैलगाडी, भैंसा गाडी आदि उलट जाने पर दुर्घटना में काश्तकार की मृत्यु या अंग भंग होने पर। 

(7) मण्डी प्रांगण में कार्यरत पल्लेदार/हमाल/ मजदूर की मंडी प्रांगण में कृषि विपणन कार्य करते समय दुर्घटना में फैक्चर होने, या अंग भंग होने या मृत्यु होने पर। 

(8) अपने अथवा किराये के साधन, जिसमें काश्तकार स्वंय हो, मण्डी में कृषि उपज लाते समय रास्ते में हुई दुर्घटना में मृत्यु या अंग भंग होने पर अथवा कृषि उपज बेचकर अपने या किराये के साधन से गांव लौटते समय (अगले दिन तक) में हुई दुर्घटना में मृत्यु या अंग भंग होने पर। 

(9) काश्तकार/खेतीहर/मजदूर के कृषि प्रयोजनार्थ ट्रेक्टर बैलगाडी ऊंटगाडी आदि से घर से खेत में जाते/आते समय दुर्घटना होने पर मृत्यु या अंग भंग होने पर। 

(10) राज्य में कुट्टी काटने की मशीन अथवा कृषि संयत्रों से कृषक/मजदूर, पुरूषों, महिलाओं के केश (बाल) मशीन में आने से हुई दुर्घटना (डी स्केल्पिंग) होने पर। 

(11) कृषकों/ खेतीहर मजदूरों के खेत पर कार्य करते हुए सांप या जहरीले जानवर के काटने/ ऊंट के काटने पर मृत्यु या अंग भंग होने पर। 

(12) कृषि कार्य करते हुए आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु या अंग भंग होने पर। 

(13) कृषि/कृषि विपणन कार्य करते समय रीढ की हडडी टूट जाने पर दो अंगों, की क्षति के समान मानते हुए मुआवजा राशि देय होगी। 

(14) कृषि, कृषि विपणन कार्य करते समय सिर पर चोट लगने से कोमा में जाने पर इसे दो अंगो के स्थाई रूप से अंग भंग होने के समान क्षति मानते हुए सहायता राशि देय होगी। 

(15) कृषि सुरक्षा, पशु चराई हेतु पेडों की छंगाई, कृषि की रखवाली करते हुए दुर्घटना घटित होने पर। 

(16) वर्तमान में विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों के खेतों पर डिग्गी का निर्माण कराया जाता है। किसान के खेत मे निर्मित डिग्गी में कृषक/ खेतीहर मजदूर की मृत्यु होने पर भी इस योजना के तहत लाभ देय होगा। 

6.योजना में देय सहायता:

1. मृत्यु होने पर 2,00,000/ 

(दिनांक 18.11.2014 से प्रभावी) 

2. दो अंगो (जैसे दोनो हाथ, दोनों पैर, दोनों आंख, कोई एक-एक अंग) के 

क्षतिग्रस्त होने पर 50,000 रूपये

3. रीढ की हडडी टूटने, सिर पर चोट से कोमा मे जाने पर 50,000 रूपये 

4. पुरूष अथवा महिला के सम्पूर्ण सिर केश (बालों) की डी स्केल्पिंग होने पर 40,000 रूपये  

5. पुरूष अथवा महिला के सिर के बालों के आंशिक (छोटे भाग की) डी स्केल्पिंग होने पर 25,000 रूपये 

6. एक अंग जैसे एक हाथ, पैर, आंख, पंजा, बांह आदि के अंग भंग होने पर 25,000 रूपये 

7. चार अंगुली कटने पर (पूर्ण रूप से या हिस्से में) 20,000 रूपये 

8. तीन अंगुली कटने पर 15,000 रूपये 

9. दो अंगुली कटने पर 10,000 रूपये 

10. एक अंगुली कटने पर 5,000 रूपये 

11. मण्डी प्रांगण में कार्यरत हमाल/ पल्लेदार/ मजदूर को मण्डी प्रांगण में कृषि/विपणन कार्य करते समय दुर्घटना में फैक्चर होने पर 5,000 रूपये 

7.योजना का आवेदन पत्र प्राप्त करने और प्रस्तुत करने का कार्यालयः

संबंधित कृषि उपज मण्डी समिति का कार्यालय

8.कैसे करें करेंगे दावे का निपटारा और क्या होगी समयावधि

दुर्घटना घटित होने की छ: माह की अवधि में संबंधित मण्डी समिति कार्यालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होता है। यदि प्रकरण 6 माह पश्चात प्राप्त होता है, तो विलम्ब का औचित्यपूर्ण कारण दर्शाते हुए मण्डी समिति आवेदन पत्र के निर्धारित प्रपत्रों की पूर्ती करवा कर उक्त समय सीमा में शिथिलता की स्वीकृति हेतु विभाग को भेजेगें। यह सीमा विशेष परिस्थितियों में तीन माह तक निदेशक,कृषि विपणन विभाग द्वारा तथा 06 माह तक राज्य सरकार द्वारा बढ़ाई जा सकती है। दुर्घटना के 15 माह पश्चात सहायता राशि हेतु प्राप्त आवेदन पत्र का दावा स्वीकार योग्य नहीं होगा। 

योजनान्तर्गत दुर्घटना में मृत्यु होने पर संबंधित स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई एफ.आई.आर. व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर सहायता राशि स्वीकृत की जाएगी। 

दुर्घटना में अंग भंग की स्थिति में स्थानीय राजकीय अथवा निजी चिकित्सालय जहां से भी इलाज करवाया गया है, उस चिकित्सक का प्रमाण पत्र, इलाज की पर्ची इत्यादि, दावा प्रपत्र के साथ संलग्न करना 

आवश्यक होगा। सर्पदंश से मृत्यु होने की स्थिति में राजकीय चिकित्सक का प्रमाण पत्र आवश्यक होगा एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा मौके पर तैयार पंचनामा पर दो सरकारी कर्मचारियों एवं संबंधित चिकित्सक जिसने चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी किए है, के हस्ताक्षर आवश्यक होंगें। 

9.योजना में आवेदन के साथ संलग्न किये जाने वाले दस्तावेजः

निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र सक्षम व्यक्तियों से प्रमाणित प्रतियों के साथ प्रस्तुत करें। चिकित्सक का प्रमाण पत्र, पंचनामा, पुलिस एफ.आई.आर. पोस्टमार्टम रिपोर्ट चिकित्सक के ईलाज की पर्ची एवं दवाईयों के बिल, पुनर्विवाह संबंधी प्रमाण पत्र, शपथ पत्र आदि । 

10.योजना का लाभ लेने के लिए सम्पर्क सूत्रः

संबंधित सचिव, कृषि उपज मण्डी समिति


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