How to prepare current affairs for exams from newspaper

How to prepare current affairs for exams from newspaper

न्यूज पेंपर्स से कैसे करें  परीक्षा के लिए करंट अफेयर्स की तैयारी

करंट अफेयर्स की तैयारी के लिए ऐसे पढ़ें न्यूज पेपर

आरएएस समेत आरपीएससी और आरएसएमएसएसबी की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अब न्यूज पेपर रीडिंग जरूरी है क्योंकि करंट अफेयर्स से जुड़े सवाल सभी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। करंट अफेयर्स की अच्छी तैयारी इन परीक्षाओं में हाई स्कोर में मदद करती है। साथ ही अखबार पढऩे की आदत इंटरव्यू में आत्मविश्वास के साथ जवाब देने में भी हेल्पफुल होती है। इससे आपकी आगर्यूमेंटेटिव स्किल्स डेवलप होती हैं। चूंकि अखबारों का साइज और पेजों की संख्या अधिक होती है ऐसे में एक घंटे में पूरा पेपर पढ़ पाना मुश्किल होता है। दूसरी ओर अक्सर स्टूडेंट्स ये शिकायत करते हैं कि न्यूजपेपर पढऩे में उन्हें कई घंटे लग जाते हैं जबकि कॉम्पिटिशन एगजाम्स के लिए टाइम मैनेजमेंट बेहद जरूरी है। नीचे दिए गए कुछ टिप्स जो कम से कम समय में अखबार से करंट अफेयर्स की तैयारी में मदद करेंगे-


काम के कंटेंट की शॉर्टलिस्टिंग

सबसे पहले तय करें कि कौनसा कंटेंट आपकी प्रिपरेशन के लिहाज से ठीक है और कौनसी चीजें आपको नियमित रूप से पढऩी चाहिए।  जो हिस्से नहीं पढ़ने हैं उन्हें भी छांट लें। यह भी याद रखें कि तैयारी चाहें आप आरएएस परीक्षा की कर रहे हों या फिर किसी दूसरी परीक्षा की करंट अफेयर्स की तैयारी श्रेष्ठ होनी चाहिए।

शॉर्ट नोट्स करें तैयार 

न्यूजपेपर पढ़ते समय पेन और नोटबुक तैयार रखें और शॉर्ट नोट्स तैयार करते जाएं। ऐसे आर्टिकल जिन्हें आप दोहराने की जरूरत महसूस करते हैं, उनकी कटिंग अलग रखें। इसके अलावा जनहित में जारी विज्ञापनों को भी ध्यान से देखें। ऐसे शब्द या टर्मिनोलॉजी जिसके बारे में आपने पहली बार पढ़ा हो उनके अर्थ खोजने की कोशिश करें। किसी भी न्यूज आइटम को विस्तार में समझना हो तो उसके बारे में डिस्कशन कर सकते हैं।

एगजाम से रिलेट करके पढ़ें टॉपिक

जो भी परीक्षा देने जा रहे हों उसके पिछले सालों के प्रश्न पत्रों का अध्ययन करें इससे आपको अंदाज हो जाएगा कि पेपर में किस तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। इसके बाद आप उन हिस्सों पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे जो सीधे परीक्षा से जुड़े हैं। रैंडम रीडिंग लगाने के बजाय न्यूज कंटेंट के टॉपिक को करंट अफेयर्स/जनरल स्टडीज पेपर से रिलेट करके पढ़ें।

चुनें राष्ट्रीय स्तर के अखबार

सही अखबार का चयन बेहद महत्वूपर्ण है। हिंदी-अंग्रेजी के राष्ट्रीय स्तर के अखबार आपको रेफर करने चाहिए। जरूरी नहीं कि हर दिन आप बहुत सारे अखबार पढ़ें। इसकी बजाय एक अखबार को फॉलो करते हुए अन्य अखबारों के उपयोगी कॉलम्स देख सकते हैं। उदाहरण के तौर पर राजस्थान पत्रिका रोजाना पढ़ते हुए दैनिक भास्कर या राष्ट्रदूत या दैनिक नवज्योति के स्पेसिफिक कॉलम फॉलो कर सकते हैं।

निम्न हिस्सों में बांटकर आप न्यूज रीडिंग कर सकते हैं –

नेशनल न्यूज

राष्ट्रीय स्तर के अखबार ज्यादातर नेशनल न्यूज को लीड खबर बनाते हैं। लोकल खबरों पर बहुत जोर न देते हुए राष्ट्रीय महत्व की खबरें देखें। सरकारी स्कीम्स, योजनाएं, घोषणाएं व नीतियों की लेटेस्ट जानकारी पढ़ते रहें, इनसे जुड़े सवाल अक्सर पूछे जाते हैं। किसी भी घटना में संख्या या तारीखों से ज्यादा उसके पीछे के कारण हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं। मसलन रेलवे एक्सीडेंट में मृतकों की संख्या से ज्यादा उस दुघर्टना के कारण और बचाव कदमों में ध्यान देना काम आएगा। इसरो मिशंस, स्पेस प्रोग्राम्स के बारे में भी पढ़ते रहें। स्थानीय खबरें जैसे एक्सीडेंट, मर्डर, चोरी, पॉलिटिकल पार्टियों की स्थानीय घटनाएं,आदि की हेडलाइंस पढऩे से भी काम चल जाएगा। इन्हें गहराई में पढऩे की जरूरत नहीं होती।

इंटरनेशनल न्यूज

यह सेक्शन आमतौर पर विश्व की खबरों को समेटे होता है। दो या अधिक देशों के बीच संबंध, दुनिया भर के प्रमुख राजनीतिक बदलाव, युद्ध, बाढ़, सूखा या अन्य अंतरराष्ट्रीय घटनाएं जिनका प्रभाव भारत पर होता है से अनभिज्ञ न रहें। प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति की विदेश यात्राएं, उनके द्वारा की गई संधियों व एमओयू भी देखते रहें। अलग-अलग देशों के चुनावों के बारे में भी मोटे तौर पर पढ़ते रहें। साथ ही प्रमुख ईवेंट्स पर भी नजर रखें। जी 20, सार्क सम्मेलन, आसियान की मीटिंगस के बारे में भी पढ़ते रहें। पर्यावरण से जुड़ी खबरों के साथ-साथ साइंस व टेक्नोलॉजी से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय खबरें भी देखें। अलग-अलग देशों के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में भी जानें।

फाइनेंशियल या बिजनेस न्यूज

इकोनॉमी का अर्थ यह नहीं है कि आप रोज का शेयर मार्केट देखने लगें। अंकों से ज्यादा उनके पीछे छिपे इतिहास और भविष्य का विश्लेषण करें। आर्थिकी पर प्रभाव डालने वाली बिजनेस न्यूज, मॉनिटरी पॉलिसी, स्टॉक मार्केट, आरबीआई, सेबी जैसी नियामक संस्थाओं द्वारा जारी नई गाइडलाइंस देखें। यह सेक्शन बैंक, आरबीआई और फाइनेंशियल मार्केट में नौकरी ढूंढऩे वालों के लिए उपयोगी है। इसके अलावा इकोनॉमी से जुड़े हुए संपादकीय लेख पढ़ें। जीडीपी, सीपीआई, एसोचैम, नैस्कॉम को विस्तृत रूप से समझें। आसियान, वल्र्ड बैंक आदि से जुड़ी खबरें भी देखें।

एडिटोरियल आर्टिकल्स

एडिटोरियल आर्टिकल्स को ध्यान से पढ़ें। लेकिन इसके लिए अच्छी श्रेणी के अखबारों का चयन करें। ऐसा नहीं है कि एडिटोरियल आर्टिकल्स का हरेक वाक्य महत्वपूर्ण होगा। आप जरूरी जानकारी कि छोटी समरी तैयार कर लें। अलग-अलग लेखकों का एनालिसिस करें और कौन कितनी उपयोगी जानकारी दे रहा है यह विश्लेषण भी आपकी रीडिंग को आसान बना देगा। हरेक लेखक के पूरे-पूरे लेख पढ़ पाना संभव नहीं है। लेखक विशेष की व्यक्तिगत राय से प्रभावित न हों। फैक्ट्स पर अधिक ध्यान दें।

पर्यावरण और सेहत

एन्वायरनमेंट व हेल्थ की लेटेस्ट न्यूज व रिसर्च पर भी नजर रखें। ग्रेजुएशन में ये अगर आपके विषय रहें हों तो इन्हें और भी ध्यान से देखें क्योंकि इंटरव्यू में इनसे जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं।

साइंस व शिक्षा से जुड़े लेख

विज्ञान व तकनीकी घटनाओं की नवीनतम जानकारी भी आपको योगय उम्मीदवार साबित करें। इसलिए इन पर नजर बनाए रखें।

खेल जगत

स्पोट्र्स से जुड़ी मुख्य खबरों को सरसरे तौर पर देखते रहें। अगर आपकी हॉबी किसी खेल विशेष से जुड़ी हो तो उसके बारे में लेटेस्ट न्यूज पढ़ते रहें। लाइफस्टाइल, बॉलीवुड से जुड़ी खबरें विशेष महत्व की नहीं होतीं।

राजस्थान से जुड़ी परीक्षाओं के लिये 

एडमिनिस्ट्रेशन के तहत सरकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस जहां पॉलिसी और प्रशासनिक सुधारों से जुड़ी घोषणाएं होने वाली हों पर नजर रखना जरूरी है। अलग-अलग बिल्स और कैबिनेट मीटिंग, डेवलपमेंटल स्कीम्स और उन्हें संचालित करने वाले मंत्रालयों के बारे में पढ़ते रहें। चुनावी घटनाएं व विवाद, चुनाव आयोग द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर ध्यान दें। केंद्र व राज्य सरकारों दोनों के लिए ही तैयारी करें। पॉलिटिकल पार्टियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस, स्थानीय ईवेंट आदि से जुड़ी न्यूज के बारे में ज्यादा डिटेल में जाने की जरूरत नहीं होती। घोटालों, घपलों में तारीख विशेष रटने के बजाय घोटाले की संक्षिप्त जानकारी, जांच का वर्तमान स्टेटस, कोर्ट का निर्णय आदि ध्यान में रखें।

स्पीड रीडिंग

अखबार की एक-एक लाइन पढऩे के बजाय स्पीड रीडिंग से अपने काम का कंटेंट निकाल लें। रोज प्रैक्टिस से आप यह कला सीख जाएंगे। इसके अलावा लिखने की आदत भी आपको फायदा पहुंचाएगी। समरी बनाते समय पूरी-पूरी खबरें न लिखने बैठ जाएं, बल्कि कीवड्र्स या फ्रेज के जरिए शॉर्ट नोट्स तैयार करें।

प्रोफाइल बेस्ड सवालों की तैयारी

इंटरव्यू में अक्सर प्रोफाइल बेस्ड सवालों से सामना होता है। जिसमें आपकी लोकेशन, पढ़ाई, हॉबीज आदि के बारे में पूछा जाता है। लोकेशन से जुड़े सवालों के के लिए आपको अपने राज्य, जिले और शहर की सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक व राजनीतिक स्थिति का पता होना चाहिए। एकेडमिक बैकग्राउंड के लिए अपनी डिग्री से जुड़े करंट अफेयर्स के बारे में पढ़ते रहें। जिस भी हॉबी के बारे में जिक्र करें उससे जुड़े करंट अफेयर्स भी देखें।

काम के नोट्स:

कैसे करें राजस्‍थान के सामान्‍य ज्ञान की पुख्‍ता तैयारी




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