राजस्थान की खनिज सम्पदा भाग-3
राजस्थान के खनिज संसाधन के नोट्स की इस श्रृंखला के पहले हिस्से में धात्विक खनिजों और दूसरे हिस्से में अधात्विक खनिजों से जुड़े तथ्य दिये गये. आने वाले हिस्सों में राजस्थान में अधात्विक खनिजों और पेट्रोलियम संसाधनों से जुड़े तथ्य दिये जायेंगे। इस श्रृंखला के तीसरे हिस्से में आपको अधात्विक खनिज के परीक्षापयोगी तथ्य दिये जा रहे हैं।
अभ्रक
➤ विद्युत उपकरणों में अभ्रक का उपयोग किया जाता है.
➤ अभ्रक की चद्दरें भी बनाई जाती है.
➤ देश के कुल उत्पादन का लगभग 25 प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन राजस्थान में होता है.
➤ राज्य में अभ्रक उत्पादन की प्रमुख पट्टी उत्तरपूर्वसे दक्षिण पश्चिम दिशा में फैली हुई है.
➤ जयपुर के बंजारी व लक्ष्मी, उदयपुर के चम्पागुढ़ा व धोलामेतरा प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है.
यूरेनियम
➤ यूरेनियम का उपयोग परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में ईंधन के तौर पर किया जाता है.
➤ इसका खुले बाजार में विपणन और बिक्री नहीं की जाती है.
➤ राजस्थान में इसकी खाने डूंगरपुर, बांसवाड़ा और किशनगढ़ में है।
➤ भीलवाड़ा के जहाजपुर तहसील के कुराड़िया में इसके नवीन भंडार मिले हैं।
बैराइट्ज
➤ यह एक ऐसा खनिज है जो प्राकृतिक चट्टानों को फोड़कर स्वत: ही बाहर निकल आता है।
➤ उदयपुर के जगतपुर में इसके सबसे बड़े भण्डार है।
➤ उदयपुर के रेलपलातिया, सेनपुरी, अलवर के जहीर का खेड़ा, कारौल, उमरैण, राजसमंद के देलवाड़ा—केसुली—नाथद्वारा और बूंदी के उमर इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है।
➤ ब्लीचिंग पाउडर बनाने और पटाखे बनाने में इसका उपयोग होता है।
पन्ना
➤ इसे इमरैल्ड भी कहा जाता है. पन्ना उत्पादन में राजस्थान का एकाधिकार है.
➤ इसे स्थानीय स्तर पर हरी अग्नि भी कहा जाता है.
➤ यह राजसमन्द के गामगुढ़ा से अजमेर के बुबानी—मुहामी के बीच 221 किलोमीटर की पट्टी में पाया जाता है.
➤ राजसमन्द के राजगढ़, तिखी व कालागुमान इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है.
तामड़ा
➤ तामड़ा को अंग्रेजी में गारनेट कहा जाता है. गारनेट के उत्पादन में राजस्थान का एकाधिकार है.
➤ इसे रक्तमणि के नाम से भी बुलाया जाता है.
➤ टोंक जिले के कल्याणपुर—राजमहल क्षेत्र इसका प्रमुख जमाव क्षेत्र है.
रॉक फॉस्फेट
➤ रॉक फॉस्फेट का प्रमुख रूप से उपयोग रासायनिक उर्वरक के निर्माण में किया जाता है.
➤ उदयपुर के झामर कोटड़ा में देश का सबसे बड़ा रॉक फॉस्फेट का भण्डार पाया जाता है.
राजस्थान में रॉक फास्फेट उत्पादक क्षेत्र
1. उदयपुर: मटून, डाकन कोटड़ा, खरबरियों का गुढ़ा, ढोल की पारी
2. बांसवाड़ा: सलोपेट, राम कमूना
3. जैसलमेर: बिरमानिया लाठी, फतेहगढ़
4. अलवर: अडूका, अंडवाणी
घीया पत्थर
➤ घीया पत्थर को सोप स्टोन भी कहा जाता है.
➤ भारत की कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता का लगभग 90 प्रतिशत का उत्पादन राजस्थान में होता है.
राजस्थान में घीया पत्थर उत्पादक क्षेत्र
1. उदयपुर: देवपुरा, लखावली, नाथरा की पाल
2. दौसा: डगोथा, झरना
3. भीलवाड़ा: घेवरिया, चैनपुरा
4. डूंगरपुर: देवल, बलवाड़ा
5. सवाई माधोपुर: धोलीता, धवां
राजस्थान के अन्य प्रमुख धात्विक खनिजों से जुड़े तथ्य
➤ चित्तौडगढ़ के केसरपुरा में हीरे के भण्डारों का पता लगा है लेकिन राजस्थान में इसके खनन में कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिली है.
➤ केल्साइट के भंडार सिरोही जिले के बेल्का पहाड़, खीला तथा उदयपुर के ढींकली और राबचा में मिले है.
➤ सीकर जिले में पाइराइट्स के विशाल भण्डार मिले है.
➤ वोल्स्टोनाइट के उत्पादन में राजस्थान का एकाधिकार है. इसका मुख्य जमाव क्षेत्र सिरोही, पाली और उदयपुर जिले में है.
➤ फ्लोराइट के प्रमुख क्षेत्र डूंगरपुर में माण्डो की पाल व काहिला, जालोर के कडका और सीकर के चौकरी व चापौली में है. इस खनिज के उत्पादन में भी राजस्थान का एकाधिकार है.
➤ राजस्थान में पोटाश के भण्डार बीकानेर के सतीपुरा, भारूसरी और लखासर में है. पोटाश का उपयोग रासायनिक उर्वरक बनाने में किया जाता है.
काम के नोट्स:
राजस्थान का भुगोल: महत्वपूर्ण तथ्य