Rajasthan Special Current affairs in hindi pdf
April 2020 Current GK
राजस्थान विशेष साप्ताहिक करेंट अफेयर्स
अप्रेल, 2020 (19 से 25 अप्रेल, 2020)
सतत् विकास लक्ष्यों के लिये बनाई गई कार्ययोजना है?
सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये एजेण्डा 2030 की कार्ययोजना में 5 पी के आधार पर गोल्स को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इन 5 पी का अर्थ है— पीपल, प्रोसपैरिटि, प्लेनेट, पीस और पार्टनरशिप। इन गोल्स को क्रमश: सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय, शांति और भागीदारी को बढ़ावा देने से जोड़ा गया है।
सतत् विकास लक्ष्यों के लिये भारत में काम करने वाला मंत्रालय है?
भारत सरकार का सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, राष्ट्रीय संकतेक फेमवर्क को तैयार करने और सतत् संधारण के लिये उत्तरदायी है, जो सतत् विकास लक्ष्यों और उससे जुड़ी प्रगति की मॉनिटरिंग में सहायता करता है।
राजस्थान सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक क्या हैं?
सतत् विकास लक्ष्यों पर राजस्थान के जिलों के प्रदर्शन को मापने के लिये राजस्थान सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य जिलों में सतत् विकास लक्ष्यों के बेहतर प्रदर्शन के लिये प्रतिस्पर्धा विकसित करना है। इस इंडेक्स के अनुसार झुंझनूं, जयपुर, दौसा, चूरू, करौली और कोटा फ्रंट रनर जबकि शेष जिले परफॉर्मर श्रेणी में आते हैं।
राजस्थान का सबसे शहरीकृत जिला है?
राजस्थान का कोटा 60.31 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक शहरीकृत जिला है। इसके बाद जयपुर 52.40 प्रतिशत, अजमेा 40.08 प्रतिशत, जोधपुर 34.30 प्रतिशत का स्थान है। सबसे कम शहरीकृत जिलों में जालौर 8.30 प्रतिशत, प्रतापगढ़ 8.27 प्रतिशत, बांसवाड़ा 7.10 प्रतिशत और डूंगरपुर 6.39 प्रतिशत का स्थान है।
राजस्थान में विकास प्राधिकरणों की संख्या है?
राजस्थान में शहरी विकास के लिये तीन विकास प्राधिकरण जयपुर, जोधपुर और अजमेर का गठन किया गया है। इसके अलावा प्रदेश में 14 शहरी न्यास का भी गठन किया गया है।
सबसे कम शहरी जनसंख्या वाला शहर है?
राजस्थान का बांसवाड़ा सबसे कम शहरी जनसंख्या वाला शहर है। जनसंख्या की दृष्टि से जयपुर राज्य का सबसे बड़ा शहर है। इसके बाद जोधपुर, कोटा और बीकानेर का स्थान आता है।
राजस्थान में शहरी लिंगानुपात है?
राजस्थान के शहरी क्षेत्र में लिंगानुपात प्रति हजार पुरूषों पर 914 महिलाओं का है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह अनुपात बढ़कर प्रतिहजार 933 हो जाता है। लिंगानुपात के मामले में राजस्थान का ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र से बेहतर है।
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद का गठन किया गया?
राजस्थान ग्रामीण विकास परिषद की स्थापना राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में की गई। इसकी स्थापना अक्टूबर 2010 में एक स्वायत्त परिषद के रूप में की गई। इसमें स्वयं सहायता समूह आधारित कॉन्सेप्ट के आधार सभी ग्रामीण आजीविका कार्यक्रमों को चलाने का कार्य दिया गया।
विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना क्या है?
स्थानीय जरूरतों के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के लिये जरूरी निर्माण और विकास में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिये इस योजना की शुरूआत की गई। इस योजना में प्रत्येक विधायक को अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिये हर साल 2.25 करोड़ रूपये तक के कार्य अधिकार दिये गये। इस राशि में से 20 प्रतिशत राशि अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास कार्यों पर खर्च करने का प्रावधान है।
सांसद विकास क्षेत्र विकास योजना में खर्च की सीमा है?
इस योजना में प्रत्येक सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में हर साल 5 करोड़ रूपय के काम जिला कलेक्टर के माध्यम से करवा सकता है। राज्यसभा सांसद अपने राज्य के किसी भी जिले में काम करवा सकते हैं। आपदा के समय सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के बाहर भी 1 करोड़ रूपये के स्थाई निर्माण करवा सकते हैं। कोरोना की वजह से यह सांसद निधि दो वर्षों के लिये रोक दी गई है।
मेवात क्षेत्र विकास कार्यक्रम है?
अलवर और भरतपुर के 12 खण्डों में जिन्हें मेवात क्षेत्र कहा जाता है। इनके विकास के लिये राजस्थान सरकार द्वारा 1987—88 से मेवात क्षेत्र विकास कार्यक्रम आरंभ किया गया है।
सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम है?
सातवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान एक केन्द्र के कार्यक्रम के तौर पर सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम शुरू किया गया। इसका मुख्य उदृेश्य राजस्थान में अंतराष्ट्रीय सीमा से लगे इलका का संतुलित विकास करना है। इसमें चार सीमावर्ती जिले बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और जैसलमेर के 16 खण्डों को लाभ मिला है।
डांग क्षेत्र विकास कार्यक्रम है?
बीहड़ क्षेत्र तथा संकरी घाटी युक्त डाकूओं से प्रभावित क्षेत्र को डांग क्षेत्र कहा जाता है। इस क्षेत्र के विकास के लिये 2005—06 में इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई। यह कार्यक्रम राजस्थान के 8 जिलों सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, बारां, झालावाड़, भरतपुर, कोटा और बूंदी में चलाया जा रहा है।
मगरा क्षेत्र विकास कार्यक्रम है?
राजस्थान के दक्षिणी भाग जो कि पहाड़ी क्षेत्र से घिरा हुआ है, और जनजातिय क्षेत्र में नहीं आता है, उसे मगरा क्षेत्र कहते हैं। इसमें अजमेर, भीलवाड़ा, पाली, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद के हिस्से आते हैं। आर्थिक और सामाजिक सुधार के लिये इन 5 जिलों में 2005—06 में यह कार्यक्रम शुरू किया गया था।
काम के नोट्स: