Rajasthan Special Current affairs in hindi pdf
April 2020 Current GK
राजस्थान विशेष साप्ताहिक करेंट अफेयर्स
अप्रेल, 2020 (12 से 18 अप्रेल, 2020)
राजस्थान में भूमि जोतों की संख्या में वृद्धि हुई है?
राज्य में कृषि गणना 2015—16 के अनुसार कुल प्रचलित जोतों की संख्या 76.55 लाख है जबकि वर्ष 2010—11 में यह संख्या 68.88 लाख थी। राजस्थान में भूमि जोतों की संख्या में 11.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन जोतों में सीमान्त जोत 40.12 प्रतिशत, लघु जोत 21.90 प्रतिशत और बड़े आकार की जोत 4.69 प्रतिशत है। शेष जोत मध्यम एवं अर्ध मध्यम जोत श्रेणी में आते हैं।
राज्य में जोत का आकार निर्धारण होता है?
राजस्थान में 1 हैक्टेयर से कम के जोत को सीमान्त, 1 से 2 हैक्टेयर की जोत लघु, 2 से 4 हेक्टेयर की जोत अर्ध मध्यम, 4 से 10 हैक्टेयर की जोत मध्यम और 10 हैक्टेयर से अधिक की जोत का बड़ी जोत माना जाता है।
भारत में पहली बार कृषि गणना कब हुई थी?
भारत मे प्रथम कृषि गणना 1970—71 से प्रारंभ हुई थी। तब से लेकर 10 कृषि गणनायें हो चुकी थी। 10वीं कृषि गणना वर्ष 2015 में की गई थी।
राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धात्मक परियोजना क्या है?
प्रदेश में कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने, कृषकों की आय में वृद्धि करने, जलवायु प्रतिरोधक क्षमतायुक्त कृषि, कृषि में सिंचाई जल के उपयोग को कम करने, कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन के उद्देश्य से 17 जिलों में चयनित 17 कलस्टरों में यह योजना चलाई जा रही है। इस योजना में विश्व बैंक का सहयोग है।
कृषि विपणन निदेशालय का क्या काम है?
राज्य के कृषकों का उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये अच्छी विपणन सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ ही राज्य में मण्डी नियामक एवं प्रबंधन को प्रभावी ढंग से लागू करना कृषि विपणन निदेशालय के मुख्य काम है।
महात्मा ज्योतिबा फूले मण्डी श्रमिक कल्याण योजना है?
महात्मा ज्योतिबा फूले मण्डी श्रमिक कल्याण योजना के अन्तर्गत मण्डी में काम करने वाले श्रमिकों को प्रसूति सहायता, विवाह सहायता, चिकित्सा सहायता, श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृति एवं पितृत्व अवकाश जैसी सुविधायें मिलती हैं।
राजीव गांधी कृषक सहायता योजना क्या है?
राजीव गांधी कृषक सहायता योजना के तहत कृषकों, खेतिहर मजदूरों एवं हम्मालों की कार्यस्थल पर दुर्घटनावश मृत्यु हो जाने की स्थिति में उसके आश्रितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की योजना है। इस योजना के तहत मृत्यु होने पर 2 लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
किसान कल्याण कोष के गठन का उद्देश्य है?
राजस्थान में किसानों के लिये व्यापार एवं खेती करने में आसानी के लिये एक हजार करोड़ की राशि से दिनांक 16 दिसम्बर, 2019 को किसान कल्याण कोष का गठन किया गया है। इस कोष से किसानों को उनके उत्पादों का यथोचित मूल्य दिलवाने के लिये काम में लिया जायेगा।
परवन बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना से लाभान्वित होने वाले जिले हैं?
परवन बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना राज्स्थान की वृहद् सिंचाई परियोजनाओं की श्रेणी में आता है। यह परियोजना झालावाड़ के निकट परवन नदी पर निर्माणाधीन है। इसके अन्तर्गत 1821 गांवों में पेयजल उपलब्ध करवाने के साथ—साथ झालावाड़, बारां और कोटा जिले के 637 गांवों की 2,01,400 हैक्टेयर सिंचित भूमि पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश की किस परियोजना में फव्वारा सिंचाई अनिवार्य की गई है?
राजस्थान में फव्वारा सिंचाई पद्धति को अनिवार्य रूप से पहली बार नर्मदा नहर परियोजना में लागू किया गया है। फव्वारा सिंचाई पद्धति जल संरक्षण की ऐसी विधि है जिसमें नाली के बजाय फव्वारे के माध्यम से सिंचाई कर जल की बचत की जाती है।
राजीव गांधी जल संचय योजना क्या है?
राजस्थान में वर्षा जल के अधिकतम उपयोग, उसके संग्रहण, संरक्षण और उपलब्ध जल के न्यायोचित उपयोग के लिये राजीव गांधी जल संचय योजना प्रारंभ की गई है। इसके प्रथम चरण की शुरूआत 20 अगस्त, 2019 को की गई।
प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन कैसे क्रियान्वित हो रहा है?
गेंहूं एवं दलहन जैसे खाद्य उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिये यह मिशन शुरू किया गया है। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में हिस्सेदारी करती हैं। राजस्थान में 14 जिलों में गेहूं, 5 जिलों में मक्का और 7 जिलों में जौ के लिये यह मिशन क्रियान्वित किया जा रहा है। इस मिशन में किसानों को प्रमाणित बीजों का वितरण, उन्नत उत्पादन, तकनीक का प्रदर्शन, जैविक खाद, सूक्ष्म तत्व आधारित प्रशिक्षण किसानों को दिया जाता है।
काम के नोट्स: