राजस्थान का स्थापत्य भाग-9
राजस्थान के प्रमुख राजमहल एवं प्रासाद
जयनिवास महल
➤ महाराजा जयसिंह द्वारा निर्मित राज प्रासाद जयनिवास कहलाता है।
➤ यह जयपुर में स्थित हैं, इसे अब सिटी पैलेस भी कहते हैं।
➤ इसका मुख्य द्वार त्रिपोलिया कहलाता हैं।
➤ यह दरवाजा केवल पूर्व महाराजा के लिए या गणगौर की सवारी के लिए ही खोला जाता है।
➤ इसमें यूरोपीय तथा भारतीय भवन निर्माण पद्धति का मिश्रण है।
➤ इसी परिवार में सवाई माधोसिंह द्वारा निर्मित मुबारक महल भी हैं।
हवामहल
➤ 1799 ई. मे. निर्मित हवामहल पिरामिड की आकृति में है।
➤ इसमें छोटी-छोटी खिड़कियाँ हैं, इसलिए इसको हवामहल कहा जाता है।
तलहटी महल
➤ मेहरानगढ़ की तलहटी में एक विशाल चटृान पर राजा सूर सिंह ने रानी सौभाग्य देवी के लिए महलों का निर्माण करवाया था।
उम्मेद महल
➤ इसे छीतर महल भी कहते हैं। यह अत्याधुनिक महल है।
➤ 1929 में राजा उम्मेदसिंह ने बनवाया था। इसमें पाँच सितारा होटल भी चलता है।
➤ यह हेरीटेज होटल के रूप में विकसित है।
➤ यह जोधपुर में स्थित हैं।
राई का बाग पेलेस
➤ जोधपुर में स्थित इस महल को राजा जसवंत सिंह प्रथम की रानी हाड़ीजी ने 1663 ई. में बनवाया था।
➤ 1883 ई. में दयानन्द सरस्वती ने इसी महल में बैठकर राजा को उपदेश दिया था।
काष्ठ प्रासाद
➤ यह झालावाड़ में स्थित है।
➤ लकडी़ से निर्मित यह महल राजा राजेन्द्र सिंह ने 1936 ई0 में बनवाया था।
➤ यह महल तीन हजार पाँच सौ वर्ग फुट फैला हुआ है।
बूंदी के राज महल
➤ यहाँ के राज महल राजस्थान के महलों में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं।
➤ जिस राजा ने जिस महल का निर्माण करवाया, उनके नाम लिखे हुए है।
➤ यहाँ पर प्राचीन समय की पानी घड़ी लगी हुई है।
काम के नोट्स:
राजस्थान की चित्रकला