राजस्थान की प्रमुख झीलें
➤ राजस्थान में अनेक झीलों के निर्माण का उल्लेख मिलता हैं।
➤ झीलों के निर्माण में राजा, महाराजाओं ने बहुत रूची दिखाई।
➤ इससे सिंचाई की व्यवस्था की जाती थी।
➤ प्राचीन काल में चन्द्रगुप्त मौर्य ने कृषि की सिंचाई हेतु सुदर्शन झील का निर्माण करवाया था।
➤ 1152 से 1163 के बीच अजमेर के पास वीसलसर नामक कृत्रिम झील निर्मित करने का उल्लेख मिलता है।
➤ पुष्कर में मीठे पानी की झील अत्यन्त प्राचीन हैं।
➤ इसके तट पर ब्रह्माजी का विख्यात प्राचीन मंदिर है।
➤ अलवर में तीन ओर से पहाड़ियों से गिरी सिलीसेढ़ नीली झील दर्शनीय है।
➤ उदयपुर को झीलों की नगरी कहां जाता है।
➤ यहाँ की पिछोला झील ऐतिहासिक है।
➤ इसमें कई टापू है। इनमें से एक टापू पर जग निवास नामक महल है।
➤ पिछोला झील के उत्तर में फतह सागर झील का निर्माण है।
➤ इस झील में आहाड़ नदी से 6 किमी लम्बी नहर द्वारा जल लाया जाता है।
➤ इस झील के बीच स्थित टापू आकर्षण का केन्द्र है।
➤ उदयपुर से 51 कि.मी. दूर स्थित जयसमुद्र झील हैं।
➤ जिसका निर्माण 1687-1691 ई. में महाराणा जयसिंह ने करवाया था।
➤ यह विश्व की दूसरे नम्बर की तथा एशिया की पहली सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।
➤ इसकी लम्बाई 14,400 मीटर तथा चौड़ाई 9,600 मीटर है।
➤ इसमें 9 नदियों का पानी आता है।
➤ कोटा में नगर के मध्य छत्र बिलास नामक झील स्थित है।
➤ इस झील में जगमन्दिर नामक महल है।
➤ इसका निर्माण महाराव दुर्जनशाल ने करवाया था।
➤ आबू पर्वत पर स्थित नक्की झील के बारे में कहा जाता है कि इसे देवताओं ने अपने नाखून से खोद कर बनाया था।
➤ सर्दियों में इस झील का पानी जम जाता है।
➤ इसके एक किनारे मेढ़काकार चटटान है जिसे टाॅड राॅक कहते हैं।
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