राजस्थान की ऐतिहासिक विरासत
➤ जयपुर के ईसरलाट का निर्माण राजा जयसिंह के दूसरे पुत्र ईश्वरी सिंह ने 1749 ई. में करवाया था।
➤ मराठों की सेना को पराजित करने के उपलक्ष्य में विजय स्तम्भ के रूप मे इस भव्य इमारत का निर्माण करवाया गया था।
➤ इसे सरगासूली भी कहते हैं।
➤ जयपुर के चन्द्रमहल के पूर्व में जंतर-मंतर वेद्यशाला है।
➤ इसका निर्माण राजा सवाई जयसिंह ने करवाया था।
➤ जयसिंह ने तीन नये यन्त्रों का भी आविष्कार किया।
➤ जिनके नाम सम्राट यन्त्र, जय प्रकाश यन्त्र और राम यन्त्र रखे गए।
➤ इनमें सम्राट यन्त्र सबसे बड़ा व ऊँचा है।
➤ यह यन्त्र शुद्धतम समय बताने में सक्षम है।
➤ इससे मौसम का अदांजा भी लगाया जा सकता है।
➤ इस ऐतिहासिक राजस्थान की विरासत को यूनेस् को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल किया गया है, विश्व धरोहर घोषित कर दिया गया हैं।
➤ इस तरह राजस्थान का यह पहला और देश का 28 वाँ स्मारक बन गया है।
➤ जंतर-मंतर के नाम के पीछे भी एक गूढ़ अर्थ छिपा है।
➤ जंतर का अर्थ होता है उपकरण और मंतर का अर्थ होता है गणना।
➤ जंतर-मंतर का अर्थ है कि वह उपकरण जिससे गणना की जाए।
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