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Dialects and Costumes of Alwar
अलवर की बोलियां और वेशभूषा वर्तमान में इस जिले में चार बोलियां उपयोग में लाई जाती है। जिले के पूर्वी भाग में ब्रज, पश्चिम में अहीरवाटी, उत्तर में मेवाती तथा दक्षिण भाग में ढूंढारी बोली इस्तेेमाल की जाती है। प्रमुखत: यहां मेवाती और अहीरवाटी बोली का ही प्राधान्य माना जाता है। ब्रज भाषा के प्रभाव जिले…
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Painting and Arts of Alwar
अलवर की चित्रकला राजस्थान की विभिन्न चित्रकला शैलियों में अलवर शैली की अपनी विशिष्टता है। अलवर शैली की चित्रकला का विकास अलवर रियासत के संस्थापक राव राजा प्रतापसिंह द्वारा 1775 में राजगढ़ को अपनी राजधानी बनाने से लेकर तत्कालीन महाराजा जयसिंह के शासनकाल (1892—1937) के अन्त तक रहा। इस काल में जिन कलाकारों ने अपनी…
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Music of Alwar
अलवर की संगीत कला कलाओं की साधना और विकास में इस जिले के कलाकारों को अपनी देन रही है। यहां की संगीत परम्परा को दरबारी संगीत और लोक संगीत मे विभाजित किया जा सकता है। दरबारी संगीत में गणगौर, तीज, होली, दिपावली जैसे पर्व तथा विवाह और अन्य मांगलिक अवसरों पर आयोजित संगीत महफिलों में…
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Literature of Alwar
अलवर का साहित्य अलवर की साहित्य साधना भक्ति परम्परा, रीति परम्परा और आधुनिक साहित्य में विभाजित की जा सकती है। लोक भाषा और बोलियों में रचा साहित्य इस परम्परा का दूसरा अंग है। जिले के प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण वन अंचलों में स्थित पर्वतीय कन्दराएं प्राचीन काल से ही…
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Freedom struggle in Alwar
अलवर में स्वतंत्रता संग्राम 1925— राज द्वारा की गई लगान वृद्धि के विरूद्ध किसान आन्दोलन, चौबीस मई को नीमूचाना में किसानों की बड़ी सभा। राज की सेना द्वारा गोलीकांड में अनेक व्यक्ति मरे, सैकड़ों दुधारू पशु जल मरे, गांव में आगजनी। गांधी जी ने ‘हरिजन’ में इसे जलियां वाला कांड की संज्ञा दी। 1932— हिन्दुस्तान…
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Alwar: Geographical facts
अलवर का भौगोलिक स्थिति राजस्थान प्रान्त के उत्तर पूर्व में स्थित अलवर जिला 27 डिग्री 4′ से 28 डिग्री 4′ उत्तरी अक्षांश और 76 डिग्री 7′ से 77 डिग्री 13′ पूर्वी देशान्तर तक फैला हुआ है। उत्तर से दक्षिण में करीब 137 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम में करीब 110…
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History of Alwar
अलवर का ऐतिहासिक परिदृश्य अलवर जिला राजस्थान के अग्रणी जिलों में से एक है। इस आधुनिक शहर का इतिहास अति प्राचीन है। वैसे तो प्राचीन काल से ही यह नगर बसा हुआ है लेकिन महाभारत काल से इसका विधिवत इतिहास प्राप्त होता है। महाभारत युद्ध से पूर्व यहाँ राजा विराट…
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Districts of Rajasthan:Ajmer
अजमेर(Ajmer) अजमेर राजस्थान का एक प्रमुख जिला है। राज्य में यह स्कूली शिक्षा का प्रमुख केन्द्र हैं। यहां माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान लोक सेवा आयोग और मेयो जैसे प्रमुख सरकारी और नीजि संस्थान स्थित है। यह भारतीय रेलवे का मंडल भी है। अजमेर:एक नजर में (Ajmer: At a Glance) क्षेत्रफल: …
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Fairs and Festivals of Ajmer
अजमेर के मेले एवं त्यौहार ख्वाजा साहब की उर्स अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जिन्हें अजमेर शरीफ भी कहा जाता है। यहां प्रति वर्ष रज्जब माह की एक से 6 तारीख तक उर्स मेला भरता है। देश के विभिन्न भागों से सभी धर्मों के धर्मावलम्बी इस मेले मे आते हैं। ख्वाजा साहब…
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Historical Places of Ajmer: nasiyan gee, Rajputana museum, Dadabari and Bajrang garh Temple
अजमेर के अन्य दर्शनीय स्थल नसियांजी स्व.सेठ मूलचन्द सोनी द्वारा इसका निर्माण प्रारंभ किया गया था तथा उनके ही पुत्र स्व.सेठ टीकमचन्द सोनी द्वारा सन् 1865 में निर्माण कार्य पूरा कराया गया। यह जैन मंदिर प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ अथवा ऋषभदेव का है। मुख्य मंदिर के पीछे विशाल भवन में जैन दर्शन व तीर्थकंरों के…