राजस्थान के प्रमुख बांध
राजस्थान की प्रमुख नहरें भाग-2
बीसलपुर परियोजना
(1) योजना में टोंक जिले में बनास नदी पर बीसलपुर गांव के निकट एक बांध बनाया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य टोंक, अजमेर, ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद, केकड़ी और सरवाड़ को पेयजल आपूर्ति करना है।
(2) परियोजना में बाद में जयपुर जिले को भी सम्मिलित किया गया व वर्ष 2009 से जयपुर में भी बीसलपुर से पेयजल आपूर्ति की जा रही है।
(3) बांध की लम्बाई 580 मी. व ऊंचाई 21 मीटर तथा सिंचाई क्षमता 69,300 हैक्टेयर है।
जवाई बांध
(1) लूनी नदी की सहायक नदी जवाई पर यह बांध बनाया गया है।
(2) इस बांध से पाली व जालौर जिले में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
(3) बांध से 22 कि.मी. लम्बी मुख्य नहर निकाली गई है जिसकी चार शाखाएं है जिनकी कुल लम्बाई 176 कि.मी. है।
(4) जोधपुर, सुमेरपुर, पाली शहर को पेयजल आपूर्ति भी इस बांध से की जाती है।
(5) इस बांध में पानी की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने ‘सेई परियोजना’ तैयार की है जिसमें सेई बांध के पानी को जवाई नदी में डालने की योजना है।
जाखम बांध
(1) यह बांध जाखम नदी पर प्रतापगढ़ में बनाया गया है।
(2) जाखम, माही की सहायक नदी है।
(3) इस बांध का मुख्य उद्देश्य उदयपुर के धरियाबाद व प्रतापगढ़ तहसील के गांवों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाना है।
(4) योजना से लाभान्वित होने वाला अधिकांष क्षेत्र आदिवासी बहुल है।
(5) इस योजना का निर्माण जनजाति उपयोजना के अन्तर्गत किया गया है।
(6) बांध से 9 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन के संयंत्र भी लगाए गए है।
मेजा बांध
(1) भीलवाड़ा की मांडलगढ़ तहसील के मेजा गांव में कोठारी नदी पर सिंचाई के लिए मेजा बांध बनाया गया है।
(2) बांध के भीलवाड़ा जिले में 10 हजार हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है। साथ ही भीलवाड़ा शहर को घरेलू उपभोग के लिए पानी भी दिया जाता है। बांध से मत्स्य पालन व नहर प्रणाली का विकास भी किया गया है।
सोम-कमला-अम्बा परियोजना
(1) सोम नदी पर कमला-अम्बा गांव में बांध का निर्माण किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य डूंगरपुर के आसपुर व उदयपुर की सलूम्बर तहसील के गांवों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाना है।
पांचना बांध
(1) करौली जिले में गुडला गांव के पास पांच नदियों बरखेड़ा, भद्रावती, माची, भैसावट व अटा के संगम पर मिट्टी का बांध बनाया गया है।
(2) बांध से टोडाभीम, हिण्डौन, गंगापुर के गांवों में सिंचाई की जाती है।
अन्य सिंचाई परियोजनाएं –
(1) गरडदा – बूंदी (मांगली-डूंगरी नदी व गनेश माला)
(2) तकली – कोटा (तकली नदी पर)
(3) पिपलाद – झालावाड़
(4) गागरीन – झालावाड़ (आहू नदी पर)
(5) लहासी – बारां
(6) मनोहरथाना – झालावाड़ (झालावाड़, बारां, कोटा में सिंचाई भी मिलेगी)
(7) हथियादेह – बारां
(8) अंधेरी – बारां
(9) राजगढ़ – झालावाड़ (आहू व कंधारी के संगम पर)
(10) मोरेल – सवाई माधोपुर
(11) परवन – झालावाड़
(12) चाकन – बूंदी
(13) भीखाभाई सागवाड़ा नहरें – डूंगरपुर
(14) बिलास – बारां
(15) छापी – झालावाड़
(16) हरीश्चंद्र सागर – झालावाड़
(17) सावन-भादों – कोटा
(18) सोम -कागदर – उदयपुर
(19) बांकली – जालौर पाली
(20) इंदिरा लिफ्ट – सवाई माधोपुर
(21) अडवाना – शाहपुरा (भीलवाड़ा)
(22) चवली – झालावाड़
(23) माधो सागर बांध – दौसा
(24) कडाणा बैक वाटर – डूंगरपुर
(25) सूकली सेलवाड़ा – सिरोही
(26) नवनेरा बांध – कोटा
(27) औराई – चित्तौड़गढ़
राजस्थान जल क्षेत्र पुनर्रचना परियोजना – (RWSRP)
(1) यह परियोजना विश्व बैंक की सहायता से सिंचाई प्रणाली में सुधार के लिए चलाई जा रही है।
(2) 2002-03 में प्रारंभ इस परियोजना द्वारा राज्य की परियोजनाओं में सुधार किया जाना है।
(3) जल के बेहतर उपयोग हेतु किसानों में जागरुकता द्वारा बूंद-बूंद एवं अन्य जल संरक्षण तकनीकों पर जोर इस योजना के तहत दिया जा रहा है।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP)
(1) राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से 13 जिलो में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। इससे 26 बांधों में जल आपूर्ति की जायेगी।
(2) जिससे इन बांधों का लगभग 80,000 हैक्टेयर क्षैत्र में सिंचाई सुविधा पूर्ण स्थापित किये जाने के साथ-साथ 2 लाख हैक्टेयर क्षैत्र में नवीन सिंचाई सुविधा सृजित की जावेगी।
(3) योजना की प्री – फिजिबिलिटी रिपोर्ट केन्द्रीय जल आयोग द्वारा स्वीकृत।
(4) परियेाजना की अनुमानित लागत राशि 37,247 करोड़ रूपये।
(5) परियोजना के प्रथम चरण में गांव नवनेरा तहसील दिगोद जिला कोटा में लगभग 750 करोड़ रूपये की लागत से बांध का निर्माण करवाया जा रहा है।
काम के नोट्स: