वैर, भरतपुर
भरतपुर से कोई 60 किलोमीटर दूर यह बाग बगीचों का कस्बा कहलाता है। इस कस्बे के पास नौलखा बाग में बना सफेद महल, फुलवारी महल की प्रस्तर कला, वास्तुकला चित्रकला एवं मूर्तिकला का बेजोड़ नमूना है। इसका निर्माण भरतपुर राज्य के संस्थापक महाराजा सूरजमल के छोटे भाई प्रताप सिंह ने 1726 में करवाया था। इस प्रताप फुलवारी में लगभग 30 बीघा भूमि में पक्की कलात्मक क्यारियां बनी हुई है जिसमें रियासत के समय कश्मीर से केसर लाकर लगाई गई थी। आज यह उद्यान एवं प्रस्तर कला का अनमोल खजाना नष्ट होने के कगार पर है।
रूपवास, भरतपुर
मुगल सम्राट अकबर द्वारा बनाये गए फतेहपुर सीकरी के सम्मिलित होने से रूपवास का क्षेत्र अकबर की आखेट स्थली के रुप में काफी प्रसिद्ध रहा है। रूपवास वस्तुतः चित्तौड़ के महाराणा के एक पूर्व वंशज रूप सिंह द्वारा बसाया गया था। रूपवास में निर्मित अकबर के मृगया महल व तालाब के अलावा इससे सिर्फ 3 किलोमीटर पहले खानवा की प्रसिद्ध स्थली भी है, जहां मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर और मेवाड़ के महाराणा सांगा के बीच ऐतिहासिक युद्ध हुआ था जिसमें मिली विजय से भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ।