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Banswara: Geographical facts
बांसवाड़ा की भौगोलिक स्थिति अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ बांसवाड़ा जिले का क्षेत्रफल 5076.99 वर्ग किलोमीटर है। यह जिला 23 डिग्री 11 मिनट से 26 डिग्री 56 मिनट उत्तरी अक्षांश 74 डिग्री से 74 डिग्री 47 मिनट पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। इसके उत्तर में उदयपुर जिले की धरियावद तहसील और प्रतापगढ़ जिला,…
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History of Banswara
बांसवाड़ा (Banswara) का ऐतिहासिक परिदृश्य ऐतिहासिक तौर पर वागड़ राज्य की स्थापना के कई तथ्य पाए जाते हैं। एक मान्यता के अनुसार बंसिया भील ने बांसवाड़ा (Banswara) की नीव रखी थी जबकि एक दूसरा मत यह है कि गुहिलोतों ने वागड़ राज्य की स्थापना की थी। इन तथ्यों के बावजूद ज्यादातर यही माना जाता है कि…
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Various Fairs and Festivals of Alwar
अन्य प्रमुख मेले अलवर जिले में डहरा शाहपुरा में शिवरात्रि को चूडसिद्ध का मेला, बानसूर में चैत्रशुक्ला 12 को गिरधारीदास का मेला, चैत्र शुक्ला 13 को हाजीपुर में किले वाले हनुमानजी का मेला, चैत्र शुक्ला 14 को हरसोरा में हनुमानजी का मेला, चैत्र कृष्णा अष्ठमी को बिलारी माता का मेला सहित शेरपुर में लाल दास,…
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Fairs and Festivals of Alwar: Jagannath G Rathyatra and Mela
जगन्नाथ जी का मेला एवं रथयात्रा अलवर के पास रूपवास में श्री जगन्नाथ महाराज का लक्खी मेला आषाढ़ सुदी अष्टमी से तेरस तक लगता है। इस मेले के शुभारम्भ पर सीतारामजी की सवारी रूपवास पहुंचती है, जबकि जगन्नाथ जी महाराज की रथ यात्रा शहर के सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ जी मंदिर से निकाली जाती है।…
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Fairs and Festivals of Alwar: Pandupol Mela
पाण्डुपोल का मेला सरिस्का की बाघ परियोजना से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित घने जंगलों में पाण्डुपोल हनुमान जी का मनोरम स्थान स्थित है। यहां पर भादवा शुक्ला चतुर्थी व पंचमी को हनुमान जी का लक्खी मेला लगता है। इस मेले में पूरे राजस्थान के अलावा आस—पास के राज्यों से भी ढेरों श्रद्धालु आते…
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Fairs and Festivals of Alwar: Bhartihari Baba ka Mela
भर्तृहरि बाबा का मेला अलवर—जयपुर मार्ग पर सरिस्का से तीन किलोमीटर पूर्व—दक्षिण दिशा में भर्तृहरि बाबा का स्थान स्थित है। यहां प्रतिवर्ष भादवा शुक्ल अष्टमी को लक्खी मेला लगता है। वैसे वर्ष में यहां दो बार मेला लगता है तथा श्रावण तथा भादवा के महीनों में अष्टमी के दिन यहां मेले अपने पूरे उफान पर…
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Districts Of Rajasthan:Alwar
अलवर (Alwar) अलवर राजस्थान का एक प्रमुख जिला है। राज्य में उद्योग का यह एक प्रमुख केन्द्र है। साथ ही यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का भी हिस्सा है। अलवर का प्राचीन नाम ‘शाल्वपुर’ था। चारदीवारी और खाई से घिरे इस शहर में एक पर्वतश्रेणी की पृष्ठभूमि के सामने शंक्वाकार पहाड़ पर स्थित बाला क़िला इसकी…
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Historical Places of Alwar: Narayani ji, jaisamand Bandh and Museam
अन्य दर्शनीय स्थल नारायणीजी : अलवर जिले की राजगढ़ तहसील में बरवा डूंगरी की तलहटी में स्थित इस रमणीय स्थल पर नाई समाज की कुल देवी ‘नारायणी’ माता का मन्दिर है। मन्दिर के सामने संगमरमरी पत्थरों से बना एक छोटा सा कुंड भी है। सैलानियों के आकर्षण का यह प्रमुख केन्द्र है। जयसमन्द बांध :…
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Historical Places of Alwar: Bhangarh Fort
भानगढ़ सन् 1631 में राजा माधोसिंह द्वारा करीब 10 हजार की आबादी की बसाई हुई यह नगरी अचानक अज्ञात कारणों से उजड़ गई। यहां पर योजनाबद्ध तरीके से निर्मित आवास, बाजार एवं कलात्मक मंदिर देखने लायक हैं। भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर स्थित है। यहाँ का किला बहुत…
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Historical Places of Alwar: fatehganj gumbad
फतहगंज गुम्बद अलवर रेलवे स्टेशन के पास बनी यह पांच मंजिल की यह गुम्बद अनायास ही आते जाते यात्रियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। चौकोर आधार पर बनी इस गुम्बद की हर मंजिल में चारों तरफ दरवाजे और छोटे—छोटे गवाक्ष बने हुए हैं। पहली मंजिल के दरवाजों और छतों पर सुन्दर…