RIPS – 2019 Rajasthan Important Facts and Rules in hindi |
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना RIPS- 2019 की परीक्षा में उपयोगी जानकारी
राजस्थान सरकार ने प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये नई निवेश प्रोत्साहन योजना 19 दिसम्बर 2019 से लागू की है. यह नई योजना पुरानी निवेश प्रोत्साहन योजना 2014 का स्थान लेगी.
इस योजना का लाभ उठाने में शुरूआती कंपनीयों में से यूएस बेस्ड ईडन रिन्यूवल साइट लि. ने जैसलमेर में सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए भूमि प्राप्त कर रिप्स रियायतों का लाभ भी प्राप्त कर लिया है। ईडन रिन्यूवल साइट द्वारा 1572 करोड़ के निवेश से जैसलमेर के पोकरण के पास लक्सर में 3716 बीघा भूमि पर 300 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जा रहा है।
इसी तरह से अडानी समूह की अडानी ग्रीन एनर्जी ने जैसलमेर में ही 50 विण्ड टर्बाइन लगाने के लिए भूमि प्राप्त कर स्टाम्प ड्यूटी व कन्वर्जन छूट का लाभ प्राप्त किया है. अडानी ग्रीन एनर्जी ने जैसलमेर के पोखरण, फतेहगढ़, जैसलमेर और बनियाना में इन 50 विण्ड टर्बाइन के लिए 250 एकड़ भूमि ली है. 500 करोड़ के इस निवेश से विण्ड पॉवर के माध्यम से 100 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा। अडानी और ईडन के दोनों ही प्रोजेक्ट के लिएस्टाम्प और कन्वर्जन चार्जेज में शत-प्रतिशत छूट के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
राज्य सरकार द्वारा जारी नई राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में प्रदेश में लगने वाले नये उद्यमों को सात वर्षों के लिये विद्युत कर, मण्डी शुल्क और भूमि कर में शत—प्रतिशत छूट प्रदान की है. साथ ही स्टाम्प ड्यूटी और भूमि रूपान्तरण शुल्क में में भी सौ फीसदी छूट प्रदान की गई है.
थ्रस्ट सेक्टर में विद्युत कर में अधिकतम दस वर्षों के लिए शत-प्रतिशत छूट दी गई है।
राज्य सरकार द्वारा जारी राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना रिप्स में सात वर्ष के लिए राज्य जीएसटी में 75 प्रतिशत निवेश अनुदान का प्रावधान किया है वहीं थ्रस्ट सेक्टरों को अधिकतम दस सालों के लिए शत-प्रतिशत निवेश अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा.
इसी तरह से रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए नियोक्ता द्वारा उद्यमों के श्रमिकों की ईपीएफ/ईएसआई की 50 प्रतिशत राशि का सात सालों तक पुनर्भरण की व्यवस्था की है. वहीं थ्रस्ट सेक्टरों को यह सुविधा अधिकतम दस सालों के लिए 75 फीसदी तक होगी.
नई निवेश प्रोत्साहन योजना को अन्य राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मक और अतिरिक्त परिलाभकारी बनाते हुए बिन निरीक्षण मात्र थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन के अतिरिक्त परिलाभ देने का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह से राज्य के संतुलित क्षेत्रीय विकास पर बल देते हुए पिछड़े, अति पिछड़े, जनजातिय, पहाड़ी और मरुस्थलीय क्षेत्र में निवेश पर अतिरिक्त परिलाभ देने के प्रावधान है.
इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए एमएसएमई, टेक्सटाइल और अपेरल क्षेत्रों के उद्यमों को अतिरिक्त परिलाभ दिया जाएगा.
राज्य की नई निवेश प्रोत्साहन योजना में विनिर्माण क्षेत्र में 26 और सेवा क्षेत्र में 11 थ्रस्ट सेक्टर चिन्हित किए गए हैं.
11 थ्रस्ट सेक्टर- Thrust Sectors in RIPS 2019
विनिर्माण क्षेत्र में कृषि प्रसंस्करण, ऑटो कंपोनेंट, बॉयो टेक्नोलॉजी, सेरेमिक और ग्लास, केमिकल, डेयरी, डिफेन्स, दिल्ली, मुंबई इण्डस्ट्रियल कोरिडोर में लगने वाले उद्यम, इलेक्ट्रिक व्हीकल, इलेक्ट्रोनिक्स सिस्टम डिजाइन निर्माण, फूड प्रोसेसिंग, जेम्स व ज्वैलरी, हैण्डीक्राफ्ट, औद्योगिक गैस, चमड़ा, जूते एवं सह उत्पाद, एम सेण्ड, मेडिकल डिवाइस निर्माण, खनिज आधारित निर्माण, एमएसएमई, पेट्रोलियम सहायक उद्यम, पेट्रोकेमिकल, दवा निर्माण, सौर उर्जा उपकरण, स्टार्टअप्स, टेक्सटाइल, विंड टर्बाइन निर्माण क्षेत्र को शामिल किया गया है.
इसी तरह से सेवा क्षेत्र में दवा निर्माण क्षेत्र में कोल्ड चेन, कॉमन यूटिलिटी सेंटर, औद्योगिक पार्क, सूचना प्रौद्योगिकी पार्क, सूचना प्रौद्योगिकी उद्यम, लॉजिस्टिक इन्फ्रा स्ट्रक्चर, प्लग एण्ड प्ले ऑफिस कॉम्प्लेक्स, स्टार्ट अप्स, सामाजिक आधारभूत सुविधा और टेस्टिंग व रिसर्च लैब्स को शामिल किया गया है.
थ्रस्ट सेक्टरों का चयन ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों के साथ ही नवाचार, रोजगारपरक, सामाजिक क्षेत्र के साथ ही आधारभूत सुविधाओं और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया है.
काम के नोट्स: