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Amnesty India and FCRA Act 2020

एमनेस्टी ​इंडिया पर रोक और एफसीआरए अधिनियम 2020 

हाल ही में भारत सरकार ने एमनेस्टी इंटरनेशनल के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। इसकी वजह से एमनेस्टी इंडिया के संलाचन को बंद करना पड़ा है। भारत सरकार ने इस संस्था की गतिविधियों की जांच करने के लिए राष्ट्रीय जांच ब्यूरो की एक जांच समिति भी स्थापित की है। भारत सरकार ने यह कदम विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 की एमनेस्टी द्वारा अवहेलना करने की वजह से उठाया है। दरअसल एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके द्वारा भारत में रजिस्टर्ड 4 संस्थाओं को एफडीआई के माध्यम से बड़ी राशि प्रदान की गई है जिसमें एफसीआरए के नियमों का पालन नहीं किया गया है।

क्या है विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम या एफसीआरए?

यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय भूमि पर काम करने वाली संस्थाएं विदेशों से प्राप्त अंशदान का दुरूपयोग न करें और भारत की आंतरिक सुरक्षा को इससे हानी न पहुंचाई जा सके। 

इसी बात को ध्यान में रखते हुये 1976 में पहली बार एफसीआरए कानून लाया गया था। इसमें 2010 में संशोधन किया गया और इसके बाद 2020 में भी इसमें नये प्रावधान जोड़े गये हैं।

यह कानून विदेशी अंशदान प्राप्त करने वाले सभी संगठनों, संघों, गैर सरकारी संगठनों और समूहों पर लागू होता है। इसके तहत इस तरह की संभी संस्थाओं को एफसीआरए में स्वयं को पंजीकृत करवाना होता है। इसके बाद ही वे विदेश से किसी तरह की आर्थिक सहायता ले सकते हैं। 

क्या है विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम 2020 के नये प्रावधान?

हाल ही में भारत सरकार ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम 2020 पारित किया है। इस नये कानून का विरोध हो रहा है। इसमें जोड़े गए नये प्रावधानों की वजह से विवाद हो रहा है।

विधेयक में इस बात की व्यवस्था की गई है कि कोई भी लोक सेवक जो सरकार से वेतन ले रहा है वे विदेशों से अंशदान नहीं प्राप्त कर सकते हैं। 

नये विधेयक में आधार को सभी संघों, संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और समूहों के लिए अनिवार्य पहचान पत्र के दस्तावेज बनाया गया है। 

प्राप्त आर्थिक सहायता को किसी दूसरे संगठन या समूह को स्थानान्तिरत नहीं किया जा सकता है।

अधिनियम के तहत मिले प्रमाणपत्र को छह माह में नवीनीकृत करवाना आवश्यक होगा। 

विदेशी अंशदान को स्टेट बैंक आफ इंडिया, नई दिल्ली की उसी शाखा में लिया जा सकेगा, जिसे केन्द्र सरकार अधिसूचित करेगी। 

अधिनियम के अनुसार कोई एनजीओ प्राप्त विदेशी अंशदान की 20 प्रतिशत से अधिक राशि का इस्तेमाल प्रशासनिक खर्चे के लिए नहीं कर सकती है। 

कौन है एमेनस्टी इंटरनेशनल?

एमनेस्टी इंटरनेशनल एक गैर सरकारी संगठन यानि एनजीओ है। यह संगठन पूरी दुनिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाता है और सरकार तथा व्यवस्था द्वारा किये जा रहे मानवाधिकार उल्लंघन के कार्यों को पूरी दुनिया के सामने लाने का प्रयास करता है। 

एमनेस्टी इंटरनेशनल की स्थापना जुलाई, 1961 में युनाइटेड किंगडम में की गई। पीटर बेनीसन इसके संस्थापक थे। इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है। यह संस्था ​लीगल एडवोकेसी, मीडिया, अपील कैम्पैन, रिसर्च और मानवाधिकारों की पैरवी करने का काम प्रमुखता से करती है। आज पूरी दुनिया में 70 लाख से ज्यादा लोग इसके सदस्य और समर्थक हैं। वर्तमान में कुमी नाइडू इसके सेक्रेट्री जनरल के पद पर कार्यरत हैं।

कौनसी परीक्षाओं में है उपयोगी: 

सिविल सेवा परीक्षा- सीडीएस परीक्षा CDS exam (8 नवम्बर), एनडीए NDA Exam (6 सितम्बर), सीएपीएफ CAPF Exam (20 दिसम्बर), एएससी सीजीएल टीयर-2 SSC CGL Tier-2, एसएससी सीएचएसएल SSC CHSL, एसएससी एसआई SSC ASI और ट्रांसलेटर परीक्षा, यूजीसी नेट UGC NET 


**सभी तिथियां संभावित है और इनमें बदलाव हो सकता है।

करेंट अफेयर्स सामान्य ज्ञान:

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