राजस्थान में लोक देवताओं और महापुरूषों के पैनोरमा भाग—1
1.गुरू जम्भेश्वर जी पेनोरमा
नागौर के पीपासर में निर्मित हो रहे इस पैनोरमा में गुरू जम्भेश्वर जी की शिक्षा और आदर्श को चित्रों, वीडियो और विविध दृश्य माध्यमों से प्रदर्शित किया जाएगा।
कौन है गुरू जम्भेश्वर?
गुरू जम्भेश्वर या जाम्भो जी महाराज राजस्थान के बिश्नोई संप्रदाय के संस्थापक थे। इन्होंने 1485 में बिश्नोई पंथ की स्थापना की। इन्होंने समराथल धोरा पर विक्रम संवत के अनुसार कार्तिक माह में 8 दिन तक तपस्या की थी। इनका जन्म नागौर के पीपासर गांव में सन् 1451 में हुआ था। इनके पिताजी लोहट जी पंवार तथा माता हंसा देवी (केसर) प्रतिष्ठित राजपूत परिवार से आते थे. जाम्भोजी के ज्ञान को शब्दवाणी में संग्रहित किया गया, जिसमें सिर्फ 120 शब्द हैं. बिश्नोई समाज 29 नियमों का पालन करना है, इसलिए बिश्नोई कहलाता है. यह समाज वन्य जीव और प्रकृति प्रेमी है. जोधपुर के खेजड़ली में 1730 में अमृता देवी के साथ 363 बिश्नोई लोगों ने पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था.
2.तेजाजी पेनोरमा
नागौर के खरनाल में लोकदेवता तेजा जी के पैनोरमा का निर्माण किया जा रहा है.
कौन है तेजा जी?
वीर तेजाजी का जन्म विक्रम सवंत 1130 में नागौर जिले के खरनाल गांव में हुआ. उन्हें सांपो का देवता माना जाता है और उनकी थान पर सांप के काटे का इलाज किया जाता है और तांत बांधी जाती है. उनका विवाह पेमल से हुआ और लाछा गुजरी की गायों की रक्षा के बाद सांप के डसने से उनकी मृत्यु हुई.
3. वीर अमर सिंह राठौड़ पेनोरमा
नागौर में वीर अमर सिंह राठौड़ के पेनोरमा का निर्माण हुआ है.
कौन है अमर सिंह राठौड़?
अमरसिंह राठौड़ का जन्म 11 दिसम्बर 1613 को हुआ और मुगलों से लड़ते हुए 25 जुलाई 1644 को उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया। वीर अमर सिंह राठौड़ शाहजहां के सूबेदार थे और उनके पास नागौर की सूबेदारी थी. किसी बात पर शाहजहां के भाई सलावत खां से संघर्ष होने पर उन्होंने सलावत खां का गला काट दिया. शाहजहां ने उन्हे षडयंत्रपूर्वक मरवाने के लिए दिल्ली बुलाया और एक गेट बनवाया जिसमें प्रवेश के लिए अमर सिंह राठौड़ को झुकना पड़ता लेकिन अमर सिंह राठौड़ ने इससे इंकार किया और जब वे इस गेट से युक्ति पूर्वक प्रवेश कर रहे थे तो धोखे से उनकी हत्या कर दी गई. इस गेट को आज भी अमरसिंह गेट के नाम से जाना जाता है.
4. राणा सांगा पेनोरमा
भरतपुर जिले के खानवा में राणा सांगा का पैनोरमा निर्मित किया गया है.
कौन है राणा सांगा?
राणा सांगा मेवाड़ के सिसोदिया वंश के शासक थे. उनका पूरा नाम संग्राम सिंह था. उनका जन्म 12 अप्रेल 1482 को मालवा में हुआ और मृत्यु 30 जनवरी 1528 को काल्पी में हुई. उन्होंने 1508 से 1527 तक मेवाड़ पर शासन किया. अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने मुस्लिम आक्रमणकारियों से सफलतापूर्वक अपने साम्राज्य की रक्षा की. वे अपने समय के सबसे शक्तिशाली हिंदू राजा थे. 1527 में एक विश्वासघाती के कारण राणा सांगा को खानवा के मैदान में बाबर से पराजित होना पड़ा. इसी युद्ध में बुरी तरह घायल हो जाने के कारण उनकी मृत्यु हुई.
5. बाबा रामदेव पेनोरमा
जैसलमेर में बाबा रामदेव के पैनोरमा का निर्माण किया जा रहा है.
कौन है बाबा रामदेव?
बाबा रामदेव को रामसा पीर और रूणिचा का धणी भी कहा जाता है. इनके पिता का नाम अजमलजी और माता का नाम मैनादे था. ये तंवर राजपूत थे. ये हिंदु मुस्लिम एकता के परिचायक थे. जैसलमेर के रूणिचा में इनका विख्यात मंदिर विद्यमान है. रामदेव जी के चम्त्कारों को पर्चा कहा जाता है. रामदेवरा में माघ शुक्ला दशमी तथा भाद्रपद शुक्ला दशमी को बड़े मेले लगते हैं.
काम के नोट्स: