क्र.
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दुर्ग
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निर्माता
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विशेषता
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1.
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माधोराज पुरा का किला
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सवाई माधव सिंह प्रथम
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➤ जयपुर जिले में फागी के पास स्थित।
➤ मराठों पर विजय के उपरान्त बनवाया गया।
➤ माधोराजपुरा कस्बे को नवां शहर भी कहा जाता है।
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2.
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गागरोन दुर्ग
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➤ झालावाड़ जिले में मुकुन्दपुरा पहाड़ी पर काली सिन्ध व आहू नदियों के संगम पर स्थित।
➤ जल दुर्ग।
➤ खींची शासकों की शौर्य गाथाओं का साक्षी।
➤ ढोढ राजपूतों के कारण ढोढगढ़ व धूलरगढ़ भी कहा जाता है।
➤ मिठ्ठे साहब की दरगाह भी स्थित
महाराजा जैतसिंह के शासन में हमीममुद्दीन चिश्ती (मिठ्ठे साहब) यहाँ आये।
➤ गागरोन दुर्ग का प्रथम साका अचलदास के शासन काल में 1430 ई. में हुआ।
➤ दूसरा साका महमूद खिलजी के समय अचलदास के पुत्र पाल्हणसिंह के काल में 1444 ई. में हुआ।
➤ खिलजी के विजय के उपरान्त इसका नाम मुस्तफाबाद रख दिया।
➤ औरंगजेब द्वारा निर्मित बुलन्द दरवाजा, शत्रुओं पर पत्थर की वर्षा करने वाला विशाल होकूली, मृत्युदण्ड देने के लिए पहाड़ी से गिराया जाने वाला स्थान गिदकराई स्थित है।
➤ यहाँ पर मनुष्य की नकल करने वाले राय तोते प्रसिद्ध।
➤ कालीसिंध व आहू नदियों का संगम सांभल जी कहलाता है।
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3.
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जालौर का किला
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प्रतिहार वंश के नागभट्ट प्रथम
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➤ सूकड़ी नदी के किनारे स्थित।
➤ गिरी दुर्ग।
➤ प्राचीन काल जाबालीपुर तथा जालुद्दर नाम से जाना जाता था।
➤ अरब आक्रमणों को रोकने के लिए इसका निर्माण किया गया।
➤ जालौर किले के पास सोनलगढ़ पर्वत होने के कारण यहाँ के चौहान सोनगिरी चौहान कहलाये।
➤ इस किले में मशहूर सन्त पीर मलिक शाह की दरगाह स्थित है।
➤ सोनगिरी चौहान शासक कानहडदे के समय अलाउद्दीन के आक्रमण के समय जालौर का प्रसिद्ध साका हुआ था।
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4.
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सिवाना दुर्ग
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वीरनारायण पंवार
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➤ बाड़मेर में स्थित।
➤ वीरनारायण पंवार राजा भोज का पुत्र था।
➤ 1305 ई. में इस दुर्ग पर अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण किया तब इस दुर्ग का सांतलदेव शासक था।
➤ अलाउद्दीन ने विजय उपरान्त इस दुर्ग का नाम खैराबाद या ख्रिजाबाद कर दिया।
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5.
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रणथम्भौर दुर्ग
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8वीं शताब्दी के लगभग
अजमेर के चौहान शासकों द्वारा
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➤ सवाई माधोपुर जिले में स्थित।
➤ गिरी दुर्ग।
➤ सात पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है।
➤ इसका वास्तविक नाम रवन्तहपुर था।
➤ रन की घाटी में स्थित नगर कालान्तर में रणस्तम्भुपर से रणथम्भौर हो गया।
➤ 1301 ई. में अलाउद्दीन ने इस पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया।
➤ उस समय यहाँ का शासक हम्मीर था।
➤ इस युद्ध में रणथम्भौर का प्रथम साका हुआ था।
➤ दुर्ग में त्रिनेत्र गणेश, मन्दिर, हम्मीर महल, अन्धेरी दरवाजा, वीर सैमरूद्दीन की दरगाह, सुपारी महल, बादल महल, 32 खम्भों की छतरी, पुष्पक महल, गुप्त गंगा, जौरा-भौरा आदि स्थित है।
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6.
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मण्डौर दुर्ग
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➤ जोधपुर जिले में स्थित
बौद्ध शैली से निर्मित दुर्ग
यह प्राचीन मारवाड़ राज्य की राजधानी थी।
➤ इस दुर्ग में चूना-गारे के स्थान पर लोहे की किलों का प्रयोग किया गया है।
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7.
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बसन्ती दुर्ग
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महाराणा कुम्भा
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➤ चित्तौड़गढ़ जिले में पिण्डवाड़ा में निर्मित।
➤ दिवारों के निर्माण में सूखी चिनाई का प्रयोग।
➤ निर्माण का उद्देश्य पश्चिमी सीमा व सिरोही के मध्य तंग रास्ते की सुरक्षा।
➤ दुर्ग के दतात्रेय मुनि व सूर्य का मन्दिर प्रसिद्ध।
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8.
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तिजारा का किला
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राव राजा बलवन्त सिंह (1835)
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➤ अलवर जिले में तिजारा में निर्मित
➤ पूर्वी दिशा में एक बारहदरी तथा हवा महल का निर्माण करवाया गया
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9.
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केसरोली दुर्ग
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यदुवंशी शासक
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➤ अलवर जिले में केसरोली में निर्मित।
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10.
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किलोणगढ़
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राव भीमोजी
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➤ बाड़मेर में स्थित दुर्ग।
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11.
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बनेड़ा का किला
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➤ भीलवाड़ा जिले में स्थित।
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12.
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शेरगढ़ दुर्ग
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राजा मालदेव
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➤ धौलपुर जिले में चंबल नदी के किनारे स्थित।
➤ शेरशाह सूरी ने इसका पुनर्निर्माण करवाकर इसका नाम शेरगढ़ रखा।
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