rajasthan gk-castle and forts architecture in Rajasthan in hindi part-3


राजस्थान में दुर्ग स्थापत्य भाग—3


क्र.  
दुर्ग
निर्माता
विशेषता
1.
माधोराज पुरा का किला
सवाई माधव सिंह प्रथम
जयपुर जिले में फागी के पास स्थित।
मराठों पर विजय के उपरान्त बनवाया गया।
माधोराजपुरा कस्बे को नवां शहर भी कहा जाता है।
2.
गागरोन दुर्ग
झालावाड़ जिले में  मुकुन्दपुरा पहाड़ी पर काली सिन्ध व आहू नदियों के संगम पर स्थित।
जल दुर्ग।
खींची शासकों की शौर्य गाथाओं का साक्षी।
ढोढ राजपूतों के कारण ढोढगढ़ व धूलरगढ़ भी कहा जाता है।
मिठ्ठे साहब की दरगाह भी स्थित
महाराजा जैतसिंह के शासन में हमीममुद्दीन चिश्ती (मिठ्ठे साहब) यहाँ आये।
गागरोन दुर्ग का प्रथम साका अचलदास के शासन काल में 1430 ई. में हुआ।
दूसरा साका महमूद खिलजी के समय अचलदास के पुत्र पाल्हणसिंह के काल में 1444 ई. में हुआ।
खिलजी के विजय के उपरान्त इसका नाम मुस्तफाबाद रख दिया।
औरंगजेब द्वारा निर्मित बुलन्द दरवाजा, शत्रुओं पर पत्थर की वर्षा करने वाला विशाल होकूली, मृत्युदण्ड देने के लिए पहाड़ी से गिराया जाने वाला स्थान गिदकराई स्थित है।
यहाँ पर मनुष्य की नकल करने वाले राय तोते प्रसिद्ध।
कालीसिंध व आहू नदियों का संगम सांभल जी कहलाता है।
3.
जालौर का किला
प्रतिहार वंश के नागभट्ट प्रथम
➤ सूकड़ी नदी के किनारे स्थित।
➤ गिरी दुर्ग।
➤ प्राचीन काल जाबालीपुर तथा जालुद्दर नाम से जाना जाता था।
➤ अरब आक्रमणों को रोकने के लिए इसका निर्माण किया गया।
➤ जालौर किले के पास सोनलगढ़ पर्वत होने के कारण यहाँ के  चौहान सोनगिरी चौहान कहलाये।
➤ इस किले में मशहूर सन्त पीर मलिक शाह की दरगाह स्थित है।
➤ सोनगिरी चौहान शासक कानहडदे के समय अलाउद्दीन के आक्रमण के समय जालौर का प्रसिद्ध साका हुआ था।
4.
सिवाना दुर्ग
वीरनारायण पंवार
➤ बाड़मेर में स्थित।
➤ वीरनारायण पंवार राजा भोज का पुत्र था।
➤ 1305 ई. में इस दुर्ग पर अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण किया तब इस दुर्ग का सांतलदेव शासक था।
➤ अलाउद्दीन ने विजय उपरान्त इस दुर्ग का नाम खैराबाद या ख्रिजाबाद कर दिया।
5.
रणथम्भौर दुर्ग
8वीं शताब्दी के लगभग
अजमेर के चौहान शासकों द्वारा
➤ सवाई माधोपुर जिले में स्थित।
➤ गिरी दुर्ग।
➤ सात पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है।
➤ इसका वास्तविक नाम रवन्तहपुर था।
➤ रन की घाटी में स्थित नगर कालान्तर में  रणस्तम्भुपर से रणथम्भौर हो गया।
➤ 1301 ई. में अलाउद्दीन ने इस पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया।
➤ उस समय यहाँ का शासक हम्मीर था।
➤ इस युद्ध में रणथम्भौर का प्रथम साका हुआ था।
➤ दुर्ग में त्रिनेत्र गणेश, मन्दिर, हम्मीर महल, अन्धेरी दरवाजा, वीर सैमरूद्दीन की दरगाह, सुपारी महल, बादल महल, 32 खम्भों की छतरी, पुष्पक महल, गुप्त गंगा, जौरा-भौरा आदि स्थित है।
6.
मण्डौर दुर्ग
➤ जोधपुर जिले में स्थित
बौद्ध शैली से निर्मित दुर्ग
यह प्राचीन मारवाड़ राज्य की राजधानी थी।
➤ इस दुर्ग में चूना-गारे के स्थान पर लोहे की किलों का प्रयोग किया गया है।
7.
बसन्ती दुर्ग
महाराणा कुम्भा
➤ चित्तौड़गढ़ जिले में पिण्डवाड़ा में  निर्मित।
➤ दिवारों के निर्माण में सूखी चिनाई का प्रयोग।
➤ निर्माण का उद्देश्य पश्चिमी सीमा व सिरोही के मध्य तंग रास्ते की सुरक्षा।
➤ दुर्ग के दतात्रेय मुनि व सूर्य का मन्दिर प्रसिद्ध।
8.
तिजारा का किला
राव राजा बलवन्त सिंह (1835)
➤ अलवर जिले में तिजारा में निर्मित
➤ पूर्वी दिशा में एक बारहदरी तथा हवा महल का निर्माण करवाया गया
9.
केसरोली दुर्ग
यदुवंशी शासक
➤ अलवर जिले में केसरोली में निर्मित।
10.
किलोणगढ़
राव भीमोजी
➤ बाड़मेर में स्थित दुर्ग।
11.
बनेड़ा का किला
➤ भीलवाड़ा जिले में स्थित।
12.
शेरगढ़ दुर्ग
राजा मालदेव
➤ धौलपुर जिले में चंबल नदी के किनारे स्थित।
➤ शेरशाह सूरी ने इसका पुनर्निर्माण करवाकर इसका नाम शेरगढ़ रखा।

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