राजस्थान के इतिहास के परीक्षापयोगी बिन्दु (भाग-2)
- कुमारपाल प्रबन्ध तथा अन्य जैन ग्रंथों से अनुमानित है कि चित्तौड़ का किला व चित्रांग तालाब मौर्य राजा चित्रांगद का बनवाया हुआ है।
- चित्तौड़ से कुछ दूर मानसरोवर नामक तालाब पर राज मान का, जो मौर्यवंशी माना जाता है, वि. सं. 770 का शिलालेख कर्नल टाॅड को मिला, जिसमें माहेश्वर, भीम, भोज और मान ये चार नाम क्रमशः दिये हैं।
- कोटा के निकट कणसवा (कसुंआ) के शिवालय से 795 वि. सं. का शिलालेख मिला है, जिसमें मौर्यवंशी राजा धवल का नाम है।
- शिलालेखों के आधार पर हम कह सकते हैं कि छठी शताब्दी में मण्डोर के आस-पास प्रतिहारों का राज्य था और फिर वही राज्य आगे चलकर राठौड़ों को प्राप्त हुआ।
- पांचवीं या छठी शताब्दी में मेवाड़ और आसपास के भू-भाग में गुहिलों का शासन स्थापित हो गया।
- दसवीं शताब्दी में अर्थूंणा तथा आबू में परमार शक्तिशाली बन गये।
- वर्तमान बीकानेर और जोधपुर का क्षेत्र महाभारत काल में ‘जांगल देश’ कहलाता था। इसी कारण बीकानेर के राजा स्वयं को ‘जंगलधर बादशाह’ कहते थे।
- वर्तमान अजमेर और नागौर का मध्य भाग सपादलक्ष कहलाता था, जिस पर चैहानों का अधिकार था।
- अलवर राज्य का उत्तरी भाग कुरु देश, दक्षिणी और पश्चिमी मत्स्य देश और पूर्वी भाग शूरसेन देश के अन्तर्गत था। भरतपुर और धौलपुर राज्य तथा करौली राज्य का अधिकांश भाग शूरसेन देश के अन्तर्गत थे।
- शूरसेन राज्य की राजधानी मथुरा, मत्स्य राज्य की विराटनगर और कुरु राज्य की इन्द्रप्रस्थ थी।
- उदयपुर राज्य का प्राचीन नाम ‘शिव’ था, जिसकी राजधानी ‘मध्यमिका’ थी। आजकल मध्यमिका’ (मज्झमिका) को नगरी कहते हैं। यहाँ पर मेव जाति का अधिकार रहा, जिस कारण इसे मेदपाट अथवा प्राग्वाट भी कहा जाने लगा।
- डूँगरपुर, बाँसवाड़ा के प्रदेश को वाॅगड़ कहते थे।
- जोधपुर के राज्य को मरु अथवा मारवाड़ कहा जाता था। जोधपुर के दक्षिणी भाग को गुर्जरत्रा कहते थे।
- सिरोही के हिस्से को अर्बुद (आबू) देश कहा जाता था।
- जैसलमेर को माड तथा कोटा और बूँदी को हाड़ौती पुकारा जाता था।
- झालावाड़ का दक्षिणी भाग मालव देश के अन्तर्गत गिना जाता था।
- 1800 ई. में सर्वप्रथम जाॅर्ज थाॅमस ने इस प्रान्त के लिए ‘राजपूताना’ नाम का प्रयोग किया था।
- प्रसिद्ध इतिहास लेखक कर्नल जेम्स टाॅड ने 1829 ई. में अपनी पुस्तक ‘एनल्स एण्ड एण्टीक्वीटीज आफ राजस्थान’ में इस राज्य का नाम ‘रायथान’ अथवा ‘राजस्थान’ रखा।
काम के नोट्स: