Historical Monuments of Alwar: Bhartrihari Temple

भर्तृहरि 

उज्जैन के राजा और महान योगी भर्तृहरि ने अपने अंतिम दिनों में अलवर को ही अपना तपस्या स्थल चुना। अलवर शहर से 35 किलोमीटर दूर स्थित यह तपस्या स्थल ‘भर्तृहरि’ के नाम से विख्यात है। प्राकृतिक स्थल होने के साथ ही यह ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी है। यहां बनी भर्तृहरि की समाधि पर नित्य बड़ी संख्या में दर्शनार्थी अपने श्रद्धासुमन चढ़ाने आते हैं। हर वर्ष भाद्र और बैशाख माह में यहां भर्तृहरि का मेला लगता है। मेले के अवसर पर राज्य के अतिरिक्त देश के अन्य भागों से भी बड़ी संख्या में जन एकत्रित होते हैं।

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