अलवर का भौगोलिक स्थिति
राजस्थान प्रान्त के उत्तर पूर्व में स्थित अलवर जिला 27 डिग्री 4′ से 28 डिग्री 4′ उत्तरी अक्षांश और 76 डिग्री 7′ से 77 डिग्री 13′ पूर्वी देशान्तर तक फैला हुआ है। उत्तर से दक्षिण में करीब 137 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम में करीब 110 किलोमीटर क्षेत्र में पसरे इस जिले का क्षेत्रफल 8382 वर्ग किलोमीटर है। इसके उत्तर में हरियाणा और पूर्व में भरतपुर की सीमाएं लगती हैं जबकि पश्चिम में जयपुर और दक्षिण में यह जयपुर, दौसा तथा सवाईमाधोपुर की सीमाओं को छूता है।
राजस्व प्रशासन की दृष्टि से यह जिला 14 उपखण्डों और 16 तहसीलों में बंटा हुआ है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज की दृष्टि से चौदह पंचायत समितियां और 512 ग्राम पंचायतें हैं। जिलें में 2 जिला परिषद, 6 नगर पालिकाएं, 2 नगर विकास न्यास (अलवर व भिवाड़ी) में स्थित है। जिलें में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कुल 2054 गांव हैं।
अलवर जिला न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से अपितु भौगोलिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्व रखता है। प्राकृतिक बनावट के आधार पर अलवर के तीन भागों में बांटा जा सकता है। 1.मध्य पर्वतीय भाग 2.पूर्वी पठार और 3.पश्चिमी रेतीला भाग। अरावली पर्वत की श्रेणियां उत्तर—पूर्वी कोने से दक्षिण—पश्चिम की ओर फैली हुई है। थानागाजी, राजगढ़, अलवर और उत्तर पूर्व में किशनगढ़ और तिजारा तहसीलों में इसकी शाखाएं फैली हुई हैं। पूर्वी पठार: दक्षिणी पठार का ही एक भाग है जिसका ढाल पूर्व की ओर है। इसमें प्रमुखतया लक्ष्मणगढ़ और रामगढ़ तहसीलें आती हैं। पश्चिमी रेतीले भाग में बहरोड़, बानसूर और मुण्डावर तहसीलों का पश्चिमी भाग है।
जिले की जलवायु शुष्क एवं स्वास्थ्यप्रद है। गर्मियों में यहां भीषण गर्मी और सदियों में तेज सर्दी पड़ती है। जिले का उच्चतम तापमान 47 डिग्री सेंटीग्रेट एवं न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दु तक पहुंच जाता है। यहां का औसत तापमान 26 डिग्री सेंटीग्रेट और औसत वर्षा 61.16 सेंटीमीटर है।
जिले में यों तो अनेक बरसाती नदियां है किन्तु इनमें से साबी, सोता और रूपारेल नदियां प्रमुख हैं। जिले में एक बारहमासी नदी नहीं है। जिले में अनेक छोटी बड़ी झील और बांध बने हुए हैं। इनमें से जयसमन्द, सीलीसेढ़, मंगलसर, मानसरोवर, आगर, जेतपुर , हंस सरोवर, देवती, ट्रेनिंग बांध, रामपुर, जयसागर, हरसोरा, बघेरी खुर्द और विजय सागर आदि प्रमुख रूप से उल्लेखनीय हैं। अलवर जिले की खनिज संपदा की दृष्टिसे अत्यन्त समृद्ध है। यहां पर अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं जिनमें बैराइट, तांबा संगमरमर, फल्सपार, स्लेट, इमारती पत्थर, चूना पत्थर, चर्ट शैल, रैड एवं यलो ओकर, चाइना क्ले और घीया पत्थर आदि प्रमुख रूप से उल्लेखनीय हैं।