Corona Virus Related GK and Facts- कोरोना महामारी सामान्य ज्ञान-4

Corona Virus Related GK and Facts- कोरोना महामारी सामान्य ज्ञान-4

हमने कोरोनावायरस पर सामान्य ज्ञान की एक श्रृंखला शुरू की हैं, जिसकी पहली कड़ी में हमने कोरोना वायरस की आधारभूत जानकारी और दूसरी कड़ी में इलाज के बारे में तीसरी कड़ी में कोरोना वायरस से सम्बन्धित शब्दावली उपलब्ध करवाई। चौथी कड़ी में कोरोना से जुड़े संस्थान के बारे में परीक्षा उपयोगी सामान्य अध्ययन आसान भाषा में उपलब्ध करवा रहे हैं, इस श्रृंखला की कड़ी में चौथी पोस्ट:


– कुलदीप सिंह चौहान
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कोरोना वायरस से संबंधी सामान्य ज्ञान और संस्थान 

क्या होता है टीकाकरण?

हमारे शरीर में वायरस या बैक्टिरिया से लड़ने की स्वभाविक क्षमता होती है। जब रोग कारक सूक्ष्म जीव शरीर में प्रवेश करते हैं तो शरीर में मौजूद प्रतिरक्षी उनसे लड़ते हैं लेकिन लड़ाई में सफल नहीं होने पर शरीर रोगग्रस्त हो जाता है, अगर वह सफलतापूर्वक लड़ लेता है तो वह रोगाणु के प्रति एक प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है जो कुछ समय से लेकर जीवनभर तक के लिये हो सकती है. 

शरीर के इस गुणधर्म का प्रयोग चिकित्सक एवं चिकित्सा विज्ञानी वैक्सिन पद्धति के तौर पर करते हैं। इस पद्धति में शरीर में अप्राकृतिक तरीके से किसी वायरस विशेष के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित की जाती है। इस प्रक्रिया में शरीर में मृत अथवा निष्क्रीय वायरस या बैक्टिरिया को प्रवेश करवाया जाता है तो शरीर में मौजूद कोशिकायें उसके विरूद्ध लड़ने के लिये प्रतिरक्षी उत्पन्न करती है और इस प्रक्रिया में शरीर भी बीमार नहीं होता है। इससे उस बैक्टिरिया या वायरस के प्रति शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो जाती है। 

बड़े पैमाने पर फैलने वाली बीमारियों के लिये अक्सर वैक्सीन प्रोग्राम तैयार किया जाता है। जैसे हैजा, क्षय, चेचक, हेपेटाइटिस को दुनिया भर में टीके द्वारा ही समाप्त किया गया है। फिलहाल पूरी दुनिया में कोविड—19 का टीका भी तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में एडवर्ड जेनर ने 1798 में चेचक के टीके का प्रयोग सर्वप्रथम किया था। 

टीबी या क्षय रोग से बचाव के लिये बीसीजी (बेसीलस केलेमेंट गुअेरिन) का ​टीका लगाया जाता है। 

डीपीटी का टीका डिप्थीरिया, काली खांसी व​ टिटनेस से बचाव के लिये लगाया जाता है। 

इसके अतिरिक्त पोलियो के लिये ओरल वैक्सीन, मीजल्स, रूबैला, रोटावायरस(हैजा), हेपेटाइटिस बी, न्यूमोकोकल निमोनिया के लिये भी टीके लगाये जाते हैं। 

क्या है मिशन इंद्रधनुष?

नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों जैसे  पोलियो, खसरा-रूबेला, रोटा वायरस, डिप्थीरिया, टिटनेस, काली खांसी, टीबी, न्यूमोनिया, जापानी इंसेफ्लाईटिस से बचाव के लिए  संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। कोई भी बच्चा और गर्भवती महिला टीकाकरण अभियान से वंचित ना रहें इसके लिए मिशन इंद्रधनुष शुरू किया गया है। सत्ताईस राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के दो सौ बहत्तर जिलों में मिशन इंद्रधनुष चलाया जा रहा है। इस अभियान का मकसद टीकाकरण की दर को सौ फीसदी तक पहुंचाना है।

भारत में 1985 में टीकाकरण कार्यक्रम चालू किया गया था। इसके तहत 12 बीमारियों के लिये निशुल्क टीके लगाये जाते हैं। 

क्या होती है टेली​मेडिसिन?

दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके दूर इलाकों में स्थिति रागी तक डॉक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने की प्रणाली को टेलीमेडिसीन कहा जाता है। इस प्रणाली में डॉक्टर व मरीज एक दूसरे से दूर होते हैं लेकिन विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक दूसरे को देख सकते हैं, बातचीत कर सकते हैं। डॉक्टर रोगी की जांच रिपोर्ट भी देख सकता है। 

सीएसआईआर क्या काम करता है?

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) एक अनुसंधान एवं विकास संगठन है। पूरे भारत में सीएसआईआर की 38 राष्‍ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 दूरस्‍थ केन्‍द्र, 3 इनोवेशन कॉम्‍प्‍लेक्‍स और 5 यूनिटों का सक्रिय नेटवर्क है। सीएसआईआर रेडियो और अंतरिक्ष भौतिकी, महासागर विज्ञान, भूभौतिकी, रसायन, औषधी, जीनोमिकी, जैवप्रौद्योगिकी और नैनोप्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। शिमागो इंस्टिट्यूशन्‍स रैंकिंग वर्ल्‍ड रिपोर्ट 2014 के अनुसार विश्‍वभर के 4851 संस्‍थानों में सीएसआईआर का स्‍थान 84वां स्थान है और यह 100 अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थानों में अकेला भारतीय संगठन है। एशिया में सीएसआईआर 17वें और देश में पहले स्‍थान पर है। फिलहाल इसके महानिदेशक डॉक्टर शेखर सी मांडे हैं। 

सीएसआईआर के निम्नलिखित लैब् कोरोना सर्विलांस मे कार्यरत हैं—
1. सेंटर फॉर मॉलीक्यूलर बॉयोलॉजी, हैदराबाद
2. इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एण्ड इंटीग्रेटिव, नई दिल्ली
3. इंस्टीट्यूट आफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़
4. इंडियन इंस्टीट्यूट आफ कैमिकल बायोलॉजी, कोलकाता

आईसीएमआर क्या काम करती है?

इण्डियन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल रिसर्च, नई दिल्ली में स्थित है और यह भारत में जैव चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाली देश की शीर्ष संस्था है। वर्तमान में बलराम भार्गव इस संस्था के महानिदेशक हैं। 

एनसीडीसी क्या काम करती है?

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल नई दिल्ली स्थि​त संस्थान है। यह देश में संक्रामक रोगों पर नियंत्रण के लिये सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में कार्य करता है। 

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी पुणे में स्थित है। यह वायरस से सम्बन्धित शोध करने वाला देश का शीर्ष संस्थान है। यह आईसीएमआर से सम्बद्ध है। 

कोविड—19 के दौरान चर्चा में रहे व्यक्तित्व

रणदीप गुलेरिया- AIIMS एआआईएमएस के डायरेक्टर
ट्रेडोस गेब्रेसिएस- विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक, इन पर कोविड के खराब प्रबंधन के आरोप लग रहे हैं।
एंटोनियो गुटेरेस – संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव
एंथोनी फॉकी- अमेरिकी एलर्जी और संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक
अजय भल्ला- केन्द्रीय गृह सचिव
राजीबा गौबा- केबीनेट सचिव
के. सुब्रह्मण्यम- मुख्य आर्थिक सलाहकार
शक्तिकांत दास- रिजर्व बैंक आफ इंडिया के गवर्नर
अल्बर्ट कामू- साहित्य के नोबल पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार जिनकी पुस्तक द प्लेग में फ्रेंच अल्जीरिया के ओरान शहर में फैले ब्यूबोनिक प्लेग महामारी का वर्णन है।
निर्मला सीतारमण- केन्द्रीय वित्त मंत्री
एस.एन. प्रधान- एनडीआरएफ महानिदेशक
लव अग्रवाल- संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय जो प्रतिदिन प्रेस ब्रीफिंग का काम करते हैं।
राजीव कुमार- नीति आयोग उपाध्यक्ष
अमिताभ कांत- सीईओ, नीति आयोग
थॉमस बाख- इंटरनेशनल ओलिम्पिक कमेटी के अध्यक्ष
सौम्या स्वामीनाथन- विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक 

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काम के नोट्स:

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