Important Questions For RAS and Rpsc- Exam Question series-4


राजस्थान वन्य जीव एवं संरक्षण
1.राज्य का ऐसा कौनसा पहला बाघ परियोजना क्षेत्र है जहां कोर एरिया का क्षेत्रफल 300 वर्ग किलोमीटर है
अ. सरिस्का बाघ परियोजना
ब. रणथम्भौर बाघ परियोजना
स. दर्रा अभयारण्य
द. वन विहार अभयारण्य
उत्तर:अ. सरिस्का बाघ परियोजना
व्याख्या: सरिस्काबाघ अभयारण्य भारत में सब से प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है. यह राजस्थान के राज्य के अलवर जिले में स्थित है. यह क्षेत्र पूर्व अलवर राज्य का हिस्सा था. यह 1955 में इसे वन्यजीव आरक्षित भूमि घोषित किया गया था. 1978 में बाघ परियोजना योजना रिजर्व का दर्जा दिया गया.

2.सुमेल कीजिए
क. चित्तौड़गढ़ मृगवन                1.1969
ख. सज्जनगढ़ मृगवन (उदयपुर)        2.1984
ग. माचिया सफारी पार्क (जोधपुर)      3.1958
घ. पुष्कर मृगवन (अजमेर)           4.1985
   क. ख. ग. घ.
अ. 3   4  1  2
ब. 2   1  4  3
स. 4   3  2  1
द. 1   2  3  4

उत्तर:द. 1   2  3  4
व्याख्या:
चित्तौड़गढ़ मृगवन: 1971 में प्रारंभ यह मृगवन 35 हैक्टेयर में फैला हुआ है। यह मृगवन हिरण प्रजाति के जानवरों का प्रमुख केंद्र है। दुर्ग पर आने वाले लाखों देशी-विदेशी पर्यटक ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ यहां पर भ्रमण के लिए आते हैं।
सज्जनगढ़ मृगवन: सज्जनगढ़ किले के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है.सज्जनगढ़ किला, जिसे मानसून महलभी कहा जाता है, उदयपुर के पहाड़ी इलाके में स्थित एक भव्य किला है। यह 1874 में महाराणा सज्जन सिंह ने बनाया था। सज्जन सिंह ने इस महल को चित्तौड़गढ़ में अपने पैतृक घर देखने और मानसून के बादलों को देखने के लिए बनाया था, इसलिए इस जगह का नाम मानसून महलथा। महल, वर्तमान में, राजस्थान सरकार के वन विभाग के स्वामित्व में है और पर्यटकों के लिए खुला है। इस जगह से पूरे शहर के सुंदर दृश्य का अनुभव हो सकता है।
माचिया सफारी पार्क: जोधपुर के कायलाना झील के पास यह 1985 में शुरू किया गया था। इसका क्षेत्रफल 600 हैक्टेयर के लगभग है। जोधपुर स्थित मछिया सफारी छिपकलियों, रेगिस्तानी लोमड़ियों, नीले बैलों, नेवलों, खरगोशों, जंगली बिल्लियों और बंदरों का प्राकृतिक निवास है। इसके अलावा, पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियों को देखने का एक आदर्श स्थान है। पार्क में एक किला भी है।
पुष्कर मृगवन: पावन तीर्थस्थल पुष्कर के पास प्राचीन पंचकुण्ड के निकट पहाड़ी क्षेत्र में यह मृगवन विकसित किया गया है। विकास के बाद 1985 में इसमें कुछ हिरण छोड़े गए थे

3.पक्षियों के संरक्षण के लिए विश्वविख्यात अभयारण्य कौनसा है
अ.केवलादेव घना पक्षी विहार, भरतपुर
ब.वन विहार अ​भयारण्य
स.सीता माता अभयारण्य
द. ताल छापर अभयारण्य
उत्तर:अ.केवलादेव घना पक्षी विहार, भरतपुर
व्याख्या: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान स्थित एक विख्यात पक्षी अभयारण्य है। इसको पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था। इसमें हजारों की संख्या में दुर्लभ और विलुप्त जाति के पक्षी पाए जाते हैं, जैसे साईबेरिया से आये सारस, जो यहाँ सर्दियों के मौसम में आते थे।
4.सीता माता अभयारण्य स्थित है
अ.डूंगरपुर में
ब.बूंदी में
स.प्रतापगढ़
द. अलवर में
उत्तर: स. प्रतापगढ़
व्याख्या: सीता माता वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में में स्थित है। 2 नवम्बर 1979 को राजस्थान सरकार द्वारा इसे एक संरक्षित वन क्षेत्र के रूप में घोषित कर दिया गया। यहाँ बहुत घने जंगल है. 422.95 वर्ग किलोमीटर में फैला यह अभयारण्य प्रतापगढ़ का मुख्य आकर्षण है।
5.राजस्थान में ऐसा कौनसा पक्षी अभयारण्य है जिसे विश्व धरोहर घोषित किया गया है
अ.सरिस्का अभयारण्य
ब.रणथम्भौर अभयारण्य
स.मरू राष्ट्रीय अभयारण्य
द.केवलादेव अभयारण्य
उत्तर:द.केवलादेव अभयारण्य
व्याख्या: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान स्थित एक विख्यात पक्षी अभयारण्य है। इसको पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था। इसमें हजारों की संख्या में दुर्लभ और विलुप्त जाति के पक्षी पाए जाते हैं, जैसे साईबेरिया से आये सारस, जो यहाँ सर्दियों के मौसम में आते थे। इसे 1985 में विश्व धरोहर घोषित किया गया.
6.चीतों के संरक्षण हेतु राजस्थान में राष्ट्रीय अभयारण्य है
अ.रणथम्भौर और सरिस्का
ब.रणथम्भौर और जैसलमेर
स.भरतपुर और सरिस्का
द.जैसलमेर और भरतपुर
उत्तर:अ.रणथम्भौर और सरिस्का
व्याख्या: राजस्थान में इसके अलावा देश में पहली बार चीता संरक्षण प्रोजेक्ट राज्य के आठ अभयारण्यों में चलाया जा रह है। यह अभयारण्य हैंप्रस्ताव के अनुसार, परियोजना तेंदुए के आठ अभयारण्य में – उदयपुर में जयसमंद अभयारण्य, चित्तौड़गढ़ के बस्सी अभयारण्य, बारां में शेरगढ़ अभयारण्य, कुंभलगढ़ अभयारण्य- राउली टॉडगढ़ अभयारण्य, माउंट आबू अभयारण्य-सुंधामाता संरक्षण रिजर्व (सिरोही और जालोर), झालाना संरक्षण रिजर्व जयपुर, जवाई संरक्षण रिजर्व, पाली और खेतड़ी संरक्षण रिजर्व, झुनझुनू में है।
7.निम्नाकिंत को सुमेलित कीजिए
क. वन्य जीव विहार                 1.सरिस्का
ख. केवला देव उद्यान                2.जैसलमेर
ग. मरू राष्ट्रीय उद्यान                3.भरतपुर
घ. टाइगर रिजर्व                    4.जयसमन्द
   क. ख. ग. घ.
अ. 1   2  3  4
ब. 4   3  2  1
स. 3   1  2  4
द. 1   4  2  3
उत्तर:ब. 4   3  2  1
8. रामसागर वन विहार स्थित है:
अ.बांसवाड़ा
ब. धौलपुर
स. कोटा
द. भरतपुर
उत्तर:द. भरतपुर
9.दर्रा वन्य जीव अभयारण्य स्थित है:
अ.कोटा
ब.जैसलमेर
स.उदयपुर
द.सिरोही
उत्तर:अ.कोटा
10.स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात वन्य जीवों के संरक्षण की आधार शिला रखी गई थी
अ. 7 नवम्बर, 1952
ब. 7 नवम्बर, 1953
स. 7 नवम्बर 1954
द. 7 नवम्बर 1955
उत्तर:द. 7 नवम्बर 1955
व्याख्या: राजस्थान में सर्वप्रथम 7 नवम्बर 1955 को वन विहार, सरिस्का व दर्रा को वन्य जीव आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया था.


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