भर्तृहरि बाबा का मेला
अलवर—जयपुर मार्ग पर सरिस्का से तीन किलोमीटर पूर्व—दक्षिण दिशा में भर्तृहरि बाबा का स्थान स्थित है। यहां प्रतिवर्ष भादवा शुक्ल अष्टमी को लक्खी मेला लगता है। वैसे वर्ष में यहां दो बार मेला लगता है तथा श्रावण तथा भादवा के महीनों में अष्टमी के दिन यहां मेले अपने पूरे उफान पर रहता है। भादवा सूदी को लगने वाला मेला प्रधान माना जाता है। इस मेले में अलवर के अलावा जयपुर, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली गुजरात के अलावा पूरे भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेने आते है। इस मेले में नाथ सम्प्रदाय के साधु महात्मा भी बड़ी संख्या में आते हैं। इस मेले के को इस सम्प्रदाय के संत समागम के तौर पर भी जाना जाता है। यहां भर्तृहरि बाबा की समाधि है जिस पर अखण्ड जोत जलती रहती है। मेले के अवसर पर श्रद्धालु अपनी मनौती के अनुसार सवामनी और भोग प्रसादी का भी आयोजन करते हैं।