घोटिया अम्बा
बांसवाड़ा जिले में महाभारत से सम्बन्धित प्रसिद्ध मंंदिर घोटिया अम्बा स्थित है। यह अत्यंत प्रसिद्ध मंदिर बागीदोरा पंचायत समिति क्षेत्र में आता है। यह स्थल बांसवाड़ा से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। महाभारत की कथा के अनुसार पांडवों ने वनवास के समय अपना कुछ समय घोटिया आम्बा केलापानी स्थल पर गुजारा था। यही पर पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण की सहायता से 88 हजार ऋषियों को रसयुक्त भोजन कराया था। इन्द्र द्वारा प्रदत आम की गुठली को पांडवों ने यहां रोपा था। उस स्थल पर आज भी आम का पेड़ लगा हुआ है। यहां पांडवों के पांच कुण्ड बने हुए हैं तथा घोटेश्वर महादेव के मंदिर में कुन्ती व द्रोपदी सहित पांडवों की मूर्तियां भी स्थगित हैं। घोटेश्वर से लगभग एक किलोमीटर दूर पठार पार करते ही केलापानी का सुरम्य स्थल आ जाता है जहां प्राकृतिक झरने से गोमुख में होता हुआ शिवलिंग पर हर समय पानी गिरता रहता है। यहां स्थित शिव मंदिर में भी पांडवों ने 88 हजार ऋषियों को केले के पत्ते पर भोजन करवाया था। घोटिया अम्बा स्थल पर प्रति वर्ष चैत्र अमावस्या से दूज तक भारी मेला भरता है जो जिले का सबसे बड़ा ग्रामीण मेला है। पचास हजार से भी अधिक स्त्री—पुरूष जिनमें अधिकांश आदिवासी होते हैं, इसमें भाग लेते हैं तथा पांडव कुण्डों मे स्नान कर घोटेश्वर महादेव एवं आम के पेड़े के दर्शन करते हैं।