नीलकंठ
अलवर जिले के दर्शनीय स्थलों में नीलकण्ठ भी एक सुरम्य दर्शनीय और धार्मिक स्थान है। कनिंघम के अनुसार अलवर शहर से दक्षिण पश्चिम में कोई 61 किलोमीटर दूर स्थित नीलकण्ठ कछवाह राज्य की स्थापना से पूर्व बडगूर्जर नरेशों की राजधानी था। यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य बड़ा अनुपम है। इस स्थल पर ‘नीलकण्ठेश्वर’ का मन्दिर है। यहां भगवान शिव की पूजा होती है। मन्दिर के एक शिलालेख के अनुसार बड़गुर्जर राजा अजयपाल ने विक्रम सम्वत 1010 के पूर्व यह मन्दिर बनवाया था। मन्दिर में स्थापित शिवलिंग की पूजा—अर्चना के लिए आज भी यहां अनेकों भक्त और सैलानी आते हैं। मन्दिर के आस—पास असंख्य खण्डित मूर्तियां भी बिखरी हुई हैं। मन्दिर से करीब सौ गज की दूरी पर एक विशाल जैन मन्दिर के खण्डहर हैं जिनमें लगभग 16 फुट लम्बी और 6 फुट चौड़ी एक दिगम्ब जैन तीर्थंकर की मूर्ति है। स्थानीय लोगों में यह स्थान नौगजा के नाम से भी जाना जाता है।