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Folk Cultrure of Barmer
Ras Notes
बाड़मेर की लोकसंस्कृति बाड़मेर की लोकसंस्कृति पूरी दुनिया में विख्यात है। आधुनिकता की चकाचौंध से कोसो दूर तनाव रहित जन जीवन हर किसी को उल्लासित करता है। यहां के लोक संगीत की स्वर लहरियों की कोई सानी नहीं है। यहां के लोक कलाकार भूंगड़े खां, आमद फकीर, धोधे खां, समन्दर खां, गाजी खां, हाकम खां,…
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Districts of Rajasthan: Barmer
Ras Notes
बाड़मेर (Barmer) बाड़मेर जिला (Barmer) पश्चिमी राजस्थान के थार मरूस्थल का एक विशाल भू—भाग है। यहां का अद्वितीय नैसर्गिक मरूस्थलीय सौन्दर्य एवं लोक संगीत लहरियां प्रत्येक पर्यटक का मन मोह लेती हैं। जिले का मुख्यालय बाड़मेर नगर (Barmer City) है, जबकि अन्य मुख्य कस्बे बालोतरा, गुड़ामलानी, बायतु, सिवाना, जसोल, चोहटन और धोरीमन्ना हैं। बाड़मेर (Barmer):…
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Fairs and Festivals of Barmer
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बाड़मेर के मेले एवं त्योहार नाकोड़ा तीर्थ यह जैन सम्प्रदाय का एक प्रमुख तीर्थ है जो बालोतरा से 9 किलोमीटर पश्चिम को मेवानगर में नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर के रूप में अवस्थित है। यहां पर प्रति वर्ष जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान के जन्मदिवस पौष बदी दशम् (दिसम्बर माह) को विशाल मेला नाकोड़ा ट्रस्ट की ओर से…
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Various Historical Monuments of Barmer
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बाड़मेर का जैन मंदिर बाड़मेर में स्थित श्री पार्श्वनाथ का जैन मंदिर भी सुंदर एवं दर्शनीय है। यह शहर के पश्चिमी भाग में स्थित पहाड़ियों पर 12वीं शताब्दी में निर्मित हुआ बताया जाता है। मंदिर में शिल्पकला के अतिरिक्त कांच एवं चित्रकला के आकार का रूप दर्शनीय हैं। इस जैन मंदिर के अलावा बाड़मेर में…
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Historical Monuments of Barmer: Nagnechi Mata Temple
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नागणेची माता का मंदिर (Nagnechi Mata Temple ) पचपदरा नामक स्थान नमक के लिए विख्यात है। बाड़मेर—जोधपुर सड़क मार्ग का यह मध्यवर्ती स्थान है। इस स्थान पर पंवारों, चौहानों, गोहिलों एवं राठौड़ों ने अपना शासन किया था। यहां जैन मंदिर के अलावा पचपदरा के समीपवर्ती ग्राम नागोणा में नागनेची माता का मंदिर बना हुआ है।…
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Historical Places of Barmer: Fort Sivana
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सिवाना दुर्ग (Fort Sivana) सिवाना का किला इतिहास प्रसिद्ध रहा है। यह किला सिवाना तहसील एवं पंचायत समिति मुख्यालय पर ही एक उंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इसका निर्माण पंवार राजा भोज के पुत्र श्री वीरनारायण ने करवाया था। अलाउद्दीन खिलजी, राव मल्लीनाथ, तेजपाल, राव मालदेव, राव चंद्रसेन, अकबर, कल्ला रायमलात, मोटाराजा, उदयसिंह महाराज,…
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Short Notes for RPSC Exams: Barmer
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परीक्षापयोगी शॉर्टनोट्स:बाड़मेर (Barmer) बाड़मेर (Barmer) की स्थापना बाहड़ शासक राव परमार ने की। बाड़मेर (Barmer) का नाम भी इसी शासक के बनाये हुए किले के नाम पर पड़ा बाड़मेर यानि बाड़ का पहाड़ी किला पड़ा। भारत—पाकिस्तान को बांटने वाली रेडक्लिफ रेखा बाड़मेर (Barmer) के बाखासर गांव (शाहगढ़) तक फैली हुई है। रेडक्लिफ रेखा की बाड़मेर…
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Historical Monuments of Barmer: Mallinath Temple
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मल्लीनाथ का मंदिर (Mallinath Temple) यह स्थान बालोतरा से लगभग दस किलोमीटर दूर लूनी की तलहटी में है। यहां राव मल्लीनाथ ने चिर समाधि ली थी। समाधि स्थल पर भक्तजनों द्वारा निर्मित मल्लीनाथ का मंदिर और उनकी चरण पादूकाएं दर्शनीय है। इस स्थान पर प्रति वर्ष चैत्र मास में पन्द्रह दिन का विशाल पशु मेला…
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Historical Monuments of Barmer: Viratara Mata Temple
Ras Notes
वीरातरा माता का मंदिर (Viratara Mata Temple) बाड़मेर से लगभग 48 किलोमीटर दूर चौहटन एवं चौहटन से करीब दस किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में लाख एवं मुदगल के वृक्षों के बीच रमणीय पहाड़ों की एक घाटी में वीरातरा माता का मंदिर विद्यमान है। इसे चार सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। इस स्थान पर एक…
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Historical Places of Barmer: Kapaleshwar MahadevTemple
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कपालेश्वर महादेव (Kapaleshwar Mahadev) बाड़मेर के चौहटन कस्बे में यह स्थान विद्यमान है जो बाड़मेर से करीब 55 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। चौहटन की विशाल पहाड़ी के बीच कपालेश्वर महादेव के 13वीं शताब्दी के देवालय आज भी सुन्दर शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध हैं। बताया जाता है कि पांडवों ने अपने…