▪ वर्ष 2017-18 के बजट अनुमानों में राजस्व घाटा
– बिना उदय के प्रभाव के – 1528 करोड़ रुपये घाटा
– उदय के प्रभाव सहित – 13528 करोड़ रुपये घाटा
▪ वर्ष 2017-18 का राजकोषीय घाटा 24753.53 करोड़ रुपये जो जीएसडीपी का 2.99 प्रतिशत है।
▪ वर्ष 2017-18 के बजट में कुल राजस्व आय 130162 करोड़ रुपये रहने की संभावना है।
▪ वर्ष 2016-17 के संशोधित बजट अनुमानों में राज्य के स्वयं का कर राजस्व 59455 करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2017-18 में 69062 करोड़ रुपये अनुमानित है जो 16.16 प्रतिशत अधिक है।
▪ वर्ष 2017-18 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में राज्य की स्वयं की कर राजस्व आय 8.34 प्रतिशत अनुमानित है।
▪ वर्ष 2017-18 के बजट अनुमानों में ब्याज भुगतान के मद में 19626.91 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है जो राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियों का 15.08 प्रतिशत है।
⇥ 2000 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर 1200 करोड़ रुपये की लागत से ग्रामीण गौरव पथ एवं मिसिंग लिंक्स का निर्माण।
⇥ 800 करोड़ रुपये की लागत से 5000 किलोमीटर अधिक लंबाई की ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण के कार्य आरआईडीएफ—23 के अंतर्गत प्रारंभ किये जायेंगे।
⇥ राज्य राजमार्गों को विकसित करने के लिए 1580 करोड़ रुपये की लागत से 796 किलोमीटर लंबाई की 15 परियोजनाओं का कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
⇥ 441 करोड़ रुपये की लागत से 402 किलोमीटर लंबाई की 19 सड़कों को विकसित किये जाने का कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
⇥ राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम के माध्यम से 410 किलोमीटर लंबाई की 8 सड़कों का निर्माण।
⇥ एनसीआरपीबी से ऋण प्राप्त कर अलवर जिले में 968 करोड़ रुपये की लागत से 600 किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कों का विकास कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
⇥ राज्य के 13 जिलों में खनिज महत्व की 220 किलोमीटर लंबाई की 26 सड़कों का विकास 242 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जायेगा।
⇥ प्रधानमंत्राी ग्राम सड़क योजना-द्वितीय चरण के तहत 3465 किलोमीटर लंबाई की ग्रामीण सड़कों के उन्नयन व रखरखाव के कार्य प्रारंभ करवाये जायेंगे।
⇥ एक हजार किलोमीटर लंबाई के राज्य राजमार्गों एवं अन्य सड़कों सुदृढ़ीकरण व नवीनीकरण के कार्य 500 करोड़ रुपये की लागत से करवाये जायेंगे।
⇥ 17 किलोमीटर लंबाई के केकड़ी बाईपास का निर्माण।
⇥ 30 करोड़ रुपये की लागत से शहरी क्षेत्रों की सड़कों के विकास कार्य करवाये जायेंगे।
⇥ भड़ला सौर ऊर्जा पार्क हेतु 45 किलोमीटर लंबाई की डबल लेन सड़क का निर्माण बाप से कानासर तक।
⇥ सार्वजनिक निर्माण विभाग के लिए वर्ष 2017-18 में 6657.32 करोड़ रुपये का प्रावधान, जो वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमानों से 58.47 प्रतिशत अधिक।
⇥ कोटा, अजमेर एवं रणथम्भौर— सवाईमाधोपुर को जयपुर के साथ हवाई सेवा से जोड़ा जायेगा।
⇥ केन्द्र सरकार की रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत जयपुर को जैसलमेर व आगरा से तथा बीकानेर को सीधे नई दिल्ली से हवाई सेवाओं से जोड़ने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन।
⇥ हवाई पट्टियों के नवीनीकरण एवं मरम्मत हेतु 16.54 करोड़ रुपये का प्रावधान
⇥ आरएसआरडीसी द्वारा सिंधीकैंप बस अड्डे के विकास कार्य को शीघ्र पूर्ण किया जायेगा।
⇥ 2500 गांव-ढाणियों का शुद्ध पेयजल से लाभान्वित किया जायेगा।
⇥ लंबित 5 हजार 292 करोड़ रुपये लागत की 9 वृहत परियोजनाओं को आगामी वर्ष में प्राथकिता के आधार पर पूर्ण किया जायेगा।
⇥ नवीन पेयजल परियोजनाओं की घोषणाः-
– पंचायत समिति प्रतापगढ़, पीपलखूंट एवं अरनोद के 554 गांवों को जाखम बांध से जलापूर्ति योजना -912.55 करोड़ रुपये
– पंचायत समिति कुशलगढ़ एवं सज्जनगढ के 399 गांव तथा 395 ढाणियों के लिए पेयजल योजना-684 करोड़ रुपये
– बूँदी क्लस्टर डिस्ट्रीब्यूशन पेयजल परियोजना, जिससे बरड़ क्षेत्रा के 34 गाँवों तथा 25 ढाणियों में निवास करने वाली 97 हजार से अधिक की आबादी लाभान्वित होगी-लागत 80. 80 करोड़ रुपये।
– चाकन बांध से इन्द्रगढ़ पेयजल परियोजना के तहत बूंदी जिले के इन्द्रगढ़ एवं सुमेरगंज मंडी तथा 45 गाँव व 6 ढाणियों में निवास करने वाली 70 हजार से अधिक की आबादी लाभान्वित होगी – लागत 73.93 करोड़ रुपये।
– डीडवाना शहर जिला नागौर की शहरी जल योजना का पुनर्गठन दो चरणों में किया जायेगा-लागत लगभग 32 करोड़ रुपये
⇥ बारां जिले की अंता तहसील के 17 गाँव तथा तहसील मांगरोल के 30 गाँवों को पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु लगभग 105 करोड़ रुपये की योजना।
⇥ 500 अतिरिक्त जनता जल योजनाओं के सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रारंभ किये जायेंगे।
⇥ 137 करोड़ रुपये की लागत से 1175 सोलर मय डिफ्लोराइडेशन यूनिट के कार्य हाथ में लिये जायेंगे।
⇥ हैड-वर्क्स के नवीनीकरण एवं डिग्गियों के सुधार कार्य 100 करोड़ रुपये की लागत से।
⇥ ग्रामीण क्षेत्रों में 1483 आरओ प्लांट स्थापित किये जायेंगे।
⇥ आगामी दो वर्ष में जयपुर, अजमेर,उदयपुर, बीकानेर तथा भरतपुर शहर के दो जोनों में गैर-राजस्व जल की मात्रा को 15 से 20 प्रतिशत तक कम करने का कार्य करवाया जायेगा।
⇥ कोटा शहर में चरणबद्ध रूप से 24 घंटे जलापूर्ति हेतु कार्य एनसीआरपीबी से ऋण लेकर लगभग 850 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जायेगा।
⇥ भरतपुर जिले के डीग, कुम्हेर, नगर, कामां तथा नदबई, धौलपुर जिले के बाड़ी, सवाईमाधोपुर जिले के गंगापुर सिटी एवं चुरू जिले के रतनगढ़ व राजलदेसर कस्बे में पीपीपी मोड पर प्रथम चरण में 30 आरओ प्लांट
⇥ चरणबद्ध रूप से शहरी पेयजल योजनाओं का संचालन एवं संधारण एनर्जी कंजर्वेशन मॉडल के आधार पर विद्युत व्यय कम करने के लिए किया जायेगा।
⇥ आगामी दो वर्षों में जयपुर, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर व भरतपुर शहर में चरणबद्ध रूप से 120 करोड़ रुपये की लागत से स्काडा सिस्टम की स्थापना बेहतर आॅनलाइन पर्यवेक्षण हेतु की जायेगी।
⇥ जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए आगामी वर्ष में 8 हजार 647 करोड़ 21 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 15.68 प्रतिशत अधिक है।
⇥ गत तीन वर्षों में विद्युत उत्पादन में 5086 मेगावाट क्षमता की वृद्धि
⇥ वर्ष 2017-18 में स्थापित किये जायेंगेः-
– 400 केवी के 2 जीएसएस
– 220 केवी के 6 जीएसएस
– 132 केवी के 15 जीएसएस
– 33 केवी के 200 जीएसएस
⇥ आगामी दो वर्षों में 1 लाख नये कृषि कनेक्शन
⇥ वितरण निगमों के संघठनात्मक ढाचों का पुनर्गठन कर नये उपखंड और वृत्त कार्यालय खोले जायेंगे।
⇥ बूंद-बूंद, फव्वारा एंव डिग्गी आधारित कृषि कनेक्शनों के लिए कनेक्शन की तिथि से 3 वर्ष पश्चात सामान्य श्रेणी में परिवर्तित करने का निर्णय।
⇥ कृषि कनेक्शनों के स्थानान्तरण की वर्तमान सीमा पंचायत समिति से बढ़ाकर जिला क्षेत्र में कहीं भी।
⇥ कृषि उपभोक्ताओं हेतु सिविल लाइबेलिटी की अवधि दो माह करने क निर्णय।
⇥ 88 करोड़ रुपये अग्रेसिव मार्केटिंग के लिए
⇥ विभिन्न पर्यटन स्थलों पर आधारभूत सुविधायें, संरक्षण, सौदर्यकरण एवं जीर्णोद्धार के कार्य 36 करोड़ रुपये की लागत से करवाये जायेंगे।
⇥ 13 करोड़ रुपये की लागत से 8 संग्रहालयों के संरक्षण एवं विकास कार्य।
⇥ अजमेर व भरतपुर में दो-दो, कोटा व नागौर में एक-एक पुरातत्व स्थल के संरक्षण कार्य- 6.46 करोड़ रुपये की लागत से।
⇥ खेतड़ी के फतेहविलास महल के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण के कार्य पूर्ण कराने तथा आधारभूत सुविधाओं का विकास ।
⇥ मौलाना अब्दुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक में उपलब्ध हस्थलिखित ग्रंथों एवं दुर्लभ रिकार्डस का डिजिटाइजेशन कार्य।
⇥ चित्तौड़गढ़ किले के संरक्षण एवं योजनाबद्ध विकास के लिए एएसआई की सहभागिता से चित्तौड़गढ़ फोर्ट डवलपमेंट आॅथेरिटी का गठन किया जायेगा।
⇥ विभिन्न सांस्कृतिक महत्व के पेनोरमा के कार्य 11 करोड़ रुपये की लागत से करवाये जायेंगे।
⇥ वक्फ की 4 दरगाहों का पर्यटन स्थल के रूप में विकास।
⇥ कला, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के लिए आगामी वर्ष में 156 करोड़ 83 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 49.42 प्रतिशत अधिक है।
⇥ बिहारी जी का मंदिर, गंगा मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, भरतपुर, केशवराय मंदिर, केशवरायपाटन-बूँदी एवं सूर्य मंदिर झालरापाटन में 20 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य।
⇥ दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजनान्तर्गत आगामी वर्ष 20000 वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक स्थलों की यात्रा, जिसमें 5000 को हवाई मार्ग से यात्रा।
⇥ मंदिरों को देय भोगराशि को बढ़ाकर दुगुना किया जायेगा।
⇥ अलवर मंदिर के नाम से विख्यात बनारस-उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे स्थित महादेव मंदिर एवं कुंड के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत के कार्य 1 करोड़ रुपये की लागत से करवाये जायेंगे।
⇥ वृंदावन स्थित श्रीराधा माधव जी मंदिर की स्थापना की शताब्दी के उपलक्ष्य में सौंदर्यकरण, प्रकाश व्यवस्था आदि के लिए 50 लाख रुपये की घोषणा।
⇥ तिरूपति बालाजी तथा बद्रीनाथ में धर्मशालाओं की व्यवस्था की जायेगी।
⇥ आकल वुड फॉसिल पार्क में वुड फॉसिल को संरक्षित करने, इनका बेहतर प्रदर्शन करने एवं पर्यटन की आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु 10.90 करोड़ रुपये की योजना।
⇥ 10 करोड़ रुपये की लागत से डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आस पास के क्षेत्र में ग्रासलैण्ड का विकास किया जायेगा।
⇥ प्रोजेक्ट लेपर्ड प्रारंभ किया जायेगा। वर्ष 2017-18 में 7 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ रणथम्भोर, सरिस्का, जवाई, मुकुंदरा वन्य अभ्यारण्य व झालाना आरक्षित वनक्षेत्रा में सुरक्षा हेतु आई सिक्योरिटी सिस्टम लगाये जायेंगे।
⇥ 25 लाख बड़े पौधे तैयार करने हेतु 2 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ 5 स्मृति वनों का विकसित किये जाने हेतु 3 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ आबू पर्वत स्थित ट्रेवर्स टैंक का इको टूरिज्म का विकास।
⇥ बिठुजा औद्योगिक क्षेत्र बाड़मेर में एक सामूहिक कास्टिक सोडा रिकवरी प्लांट की 6 करोड़ रुपये की लागत से स्थापना की जायेगी।
⇥ सीईटीपी भिवाड़ी पर 6 एमएलडी आरओ प्लांट की स्थापना।
⇥ सभी विभागों से संबंधित स्वीकृतियों एवं अनुपालना रिपोर्टस की सुविधा सिंगल विंडो पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जायेगी।
⇥ सीआईपीईटी जयपुर में 51.32 करोड़ रुपये की लागत से हाई लर्निंग सेंटर की स्थापना।
⇥ कपड़ा व कृषि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आयात—निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की सहभागिता से दो नये केन्द्रों की स्थापना।
⇥ आरएफसी द्वारा युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना के तहत ब्याज अनुदान के लिए ऋण सीमा 90 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ 50 लाख रुपये।
⇥ रिको द्वारा उद्यमियों को प्रदत्त समस्त सेवाओं का प्रबंधन आॅनलाइन किया जायेगा।
⇥ रिको द्वारा 5 औद्योगिक क्षेत्रों में अग्निशमन केन्द्र स्थापित किये जायेंगे।
⇥ जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर तथा वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा में उद्यमिता शिक्षण केन्द्र खोला जायेगा।
⇥ युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग अथवा स्टार्ट अप्स के माध्यम से पब्लिक प्रॉक्योरमेंट के तहत पूर्व अनुभव एवं टर्नओवर के निर्धारित मापदण्ड में शिथिलता।
⇥ खनन पट्टों के आवंटन, रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट एवं एक्सेस आरसीसी के ठेकों के सभी कार्य ई आॅक्शन के माध्यम से किये जाने का निर्णय।
⇥ प्रदेश में खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के कल्याणार्थ जनोपयोगी कार्यों पर 500 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा।
⇥ आगामी दो वर्ष में संभाग स्तर पर ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट का आयोजन।
⇥ आगामी वर्ष सॉयल हेल्थ कार्ड में दर्शाई गई सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दुरूस्त करने के लिए एक लाख किसानों को मिनिकिट का वितरण।
⇥ 1.50 लाख मैटिंक टन यूरिया, 20000 मैटिंक टन डीएपी का अग्रिम भंडारण।
⇥ किसानों को फव्वारा संयंत्र हेतु देय अनुदान में 5 प्रतिशत की वृद्धि।
⇥ गौण मण्डी, छीपा बड़ौद एवं हरनावदा शाहजी को सम्मिलित कर पृथक मंडी।
⇥ उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय झालावाड़ में फारेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ के नये पाठयक्रम।
⇥ कोटा, भीलवाड़ा एवं उदयपुर कृषि खंडों के जिलों में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना प्रारंभ की जायेगी।
⇥ उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को डिजिटाइज्ड करने हेतु भौतिक सत्यापन के लिए जीओ टैगिंग करवायी जायेगी।
⇥ 1180 किसान सेवा केन्द्र-कम-विलेज-नोलेज सेंटर पर बिजली पानी फर्नीचर के लिए 5.40 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ प्रधानमंत्राी फसल बीमा योजना के तहत खरीफ में 53 लाख कृषकों के 73 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल का तथा रबी में 30 लाख कृषकों के 29 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल का बीमा किया गया।
⇥ कृषि विभाग के लिए आगामी वर्ष में 3 हजार 156 करोड़ 61 लाख रुपये का प्रावधान
⇥ फसली ऋण योजना के तहत ब्याज अनुदान- 370 करोड़ रुपये एवं सहकारी बैंकों को क्षतिपूर्ति ब्याज अनुदान-150 करोड़ रुपये।
⇥ सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को ईएमवी रूपे किसान डेबिट कार्ड उपलब्ध करवाये जायेंगे।
⇥ सहकारी बैंकों द्वारा संचालित सहकार किसान कल्याण योजना के तहत आगामी वर्ष भी 2 प्रतिशत अनुदान।
⇥ एसडीएलबी एवं पीएलडीबी द्वारा वितरित लॉंग टर्म सहकारी कृषि ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान हेतु 10 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ 20 क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाये जायेंगे।
⇥ 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं लैंप्स में गोदाम एवं भवन निर्माण हेतु 10 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाये जायेंगे।
⇥ झालरापाटन क्रय विक्रय सहकारी समिति में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण-3.50 करोड़ रुपये की लागत।
⇥ स्पिनफैड के कर्मचारी-श्रमिकों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु 50 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से सहकारी क्षेत्र में भी आवश्यकतानुसार अन्नपूर्णा भंडार प्रारंभ किये जायेंगे।
⇥ भेड़पालकों के लिए अविका कवच योजना पुनः प्रारंभ की जायेगी।
⇥ आगामी वर्षों में सभी शेष 4160 ग्राम पंचायतों में नवीन पशु चिकित्सा उप-केन्द्र खोले जायेंगे।
⇥ 8 पंचायत समिति व 2 तहसील मुख्यालय पर संचालित पशु चिकित्सा संस्थानों को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया जायेगा।
⇥ जयपुर, कोटा, जोधपुर एवं उदयपुर के बहुद्देश्यीय पशु चिकित्सालयों में कलर डोपलर मशीन एवं अन्य उपकरण।
⇥ संभागीय मुख्यालयों को टेलीमेडिसन के माध्यम से बीकानेर विश्वविद्यालय से जोड़ा जायेगा।
⇥ 1600 पशु चिकित्सा उपकेन्द्रों में फर्नीचर, उपकरण आदि हेतु 8 करोड़ रुपये तथा 1500 पशु चिकित्सा संस्थानों में बिजली पानी हेतु 7.50 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ 200 पशु चिकित्सा संस्थानों के भवनों का निर्माण – 49.40 करोड़ रुपये की लागत से।
⇥ 900 पशु चिकित्साधिकारी एवं 4000 पशुधन सहायकों के रिक्त पदों को भरा जायेगा।
⇥ 1000 नवीन महिला दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया जायेगा।
⇥ राज्य की शेष बची पंजीकृत महिला दुग्ध समितियों को मिल्को टेस्टर।
⇥ गंभीरी बाँध —जिला चित्तौड़गढ़ पर 5 करोड़ रुपये की लागत से क्षेत्रीय फिश ब्रीड बैंक की स्थापना।
⇥ पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी विकास विभाग के लिए आगामी वर्ष में 822 करोड़ 37 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 17.47 प्रतिशत अधिक है।
⇥ आगामी दो वर्षों में 36 लघु सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य 56.70 करोड़ रुपये की लागत से।
⇥ चंबल नहर वितरण प्रणाली में 125 करोड़ रुपये की लागत से सुधार के कार्य करवाये जायेंगे।
⇥ भाखड़ा सिंचाई प्रणाली, सिद्धमुख नहर प्रणाली तथा अमर सिंह नहर शाखा में 18 करोड़ रुपये की लागत से लाईनिंग के कार्य।
⇥ माही , पाचना, चवली, छापी, गंभीरी, जवाई, भाखड़ा फेज-2 एवं गंग नहर फेज-3 के नहर प्रणाली क्षेत्रों में पक्के खाळों का निर्माण।
⇥ परवन बहुद्देश्यीय सिंचाई परियोजना पर आगामी वर्ष में 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ बूंदी जिले के गरड़दा बांध का पुनर्निर्माण प्रारंभ किया जायेगा।
⇥ धौलपुर लिफ्ट परियोजना पर कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
⇥ जल संसाधन विभाग के लिए आगामी वर्ष में 3 हजार 313 करोड़ 8 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है,जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 11.14 प्रतिशत अधिक है।
⇥ सहयोग एवं उपहार योजना के तहत पुत्रियों के विवाह पर देय अनुदान एवं प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर दुगुना किया जायेगा।
⇥ मुख्यमंत्राी विशेषयोग्यजन सम्मान पेंशन योजना के तहत आयु को आधार ना मानकर सभी पात्रा विशेषयोग्यजनों को समान रूप से 750/- रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जायेगी।
⇥ मुख्यमंत्राी एकल नारी सम्मान पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु की विधवा पेंशनर को 1000/- रुपये प्रतिमाह तथा 75 वर्ष से अधिक आयु की विधवा पेंशनर को 1500/- रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जायेगी।
⇥ राजकीय छात्रावास से दो या दो किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित स्कूलों एवं महाविद्यालयों में अध्ययन हेतु जाने पर छात्रावास द्वारा साईकिल उपलब्ध करवाई जायेगी।
⇥ लावारिश व निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर दाह संस्कार कराने वाली स्वयंसेवी संस्था को इस हेतु 5 हजार रुपये की सहायता।
⇥ अस्थि विशेषयोग्यजन को विद्यालय/महाविद्यालय में नियमित अध्ययन हेतु निःशुल्क मोटराईज्ड ट्राईसाईकिल उपलब्ध करवायी जायेगी।
⇥ सुखद दांपत्य जीवन योजना के अंतर्गत विशेषयोग्यजन युवक-युवतियों को देय आर्थिक सहायता बढ़ाकर 50000/- रुपये प्रति दंपत्ति।
⇥ राज्य में संचालित मानसिक विमंदित, मूकबधिर एवं नेत्राहीन श्रेणियों की आवासीय एवं गैर-आवासीय विद्यालयों के संचालन करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं में कार्यरत कार्मिकों के मानदेय एवं अन्य व्यय में वृद्धि।
⇥ संयुक्त सहायता अनुदान के तहत पात्रा विशेषयोग्यजनों को कृत्रिम अंग/उपकरण के लिए देय राशि को बढ़ाकर 10000/- रुपये किया गया।
⇥ एससी/एसटी वर्ग के मेधावी बच्चों के लिए निजी मेडिकल कालेज/विश्वविद्यालय में एमबीबीएस एवं पीजी अध्ययन के लिए वित्तीय सहायता के लिए योजना लायी जायेगी।
⇥ मेहरड़ा गुजरवास जिला झुंझुनूं, केकड़ी-अजमेर, कुचामनसिटी-नागौर व कोटा में आदर्श छात्रावास देवनारायण योजना के तहत आवासीय विद्यालय 30 करोड़ रुपये की लागत से खोले जायेंगे।
⇥ बालगृह का निर्माण प्रथम चरण में 8 जिलों में 8.80 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जायेगा।
⇥ राज्य के आर्थिक पिछड़ा वर्ग के मेधावी छात्रा-छात्राओं के लिएः-
– राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा में प्रत्येक संवर्ग की घोषित मेरिट में प्रथम 100 छात्रा-छात्राओं को एकमुश्त 15 हजार रुपये और प्रशस्ती पत्र
– आईआईटी, आईआईएम, एआईआईएमएस, एनएलयू, आईआईएससी में प्रवेश पाने वाले प्रथम 100 छात्रा-छात्राओं को 25 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता एवं प्रशस्ति पत्र
– राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा में चयन होने के उपरांत सभी सेवाओं को मिलाकर वरीयताक्रम में आये प्रथम 100 प्रतियोगियों को 30 हजार रुपये एकमुश्त सहायता राशि।
– आल इंडिया सर्विस में चयन होने के उपरांत वरीयताक्रम में आने वाले राजस्थान के प्रथम 50 प्रतियोगियों को 50 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता राशि।
– राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित परिणाम के तहत दसवीं की परीक्षा मे 90 प्रतिशत से अधिक अंक आये हों, ऐसी कुल 100 छात्राओं को वरीयताक्रमानुसार स्कूटी तथा प्रशस्ति पत्रा और इसी प्रकार से 12वीं की राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की विज्ञान, कला, वाणिज्य परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक आए हों, प्रत्येक संवर्ग की ऐसी 100-100 छात्राओं कुल 300 को वरीयताक्रमानुसार स्कूटी तथा प्रशस्ति पत्र।
⇥ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए आगामी वर्ष में 5 हजार 596 करोड़ 80 लाख रुपये का प्रावधान।
⇥ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वर्क परफॉर्मेंश के आधार पर प्रतिमाह 250 से 500 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
⇥ समेकित बाल विकास सेवाओं के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आधारभूत सुविधाओं हेतु आगामी वर्ष में 40 करोड़ रुपये का प्रावधान
⇥ राजकीय भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के रख रखाव व सुदृढ़ीकरण हेतु 30 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ मुख्यमंत्राी राजश्री योजना के तहत समस्त भुगतान भामाशाह प्लेटफार्म के माध्यम से।
⇥ राज्य के 15 जिलों में उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए अपराजिता-वन स्टॉप क्राइसिस मैनेजमेंट फॉर वूमन स्थापित किये जायेंगे।
⇥ लिंग आधारित भेदभाव एवं महिलाओं के प्रति हिंसा न करने तथा महिलाओं में जागृति लाने की दृष्टि से 7 जिलों में चिराली योजना लागू की जायेगी।
⇥ महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 1 हजार 904 करोड़ 51 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 17.06 प्रतिशत अधिक है।
⇥ जनजाति क्षेत्र के 4 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वाणिज्य संकाय तथा एक विद्यालय मे विज्ञान संकाय खोला जायेगा।
⇥ उदयपुर एवं कोटा में संचालित एवं बारां में निर्माणाधीन बहुद्देश्यीय छात्रावासों के संचालन का पूर्ण व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
⇥ जनजाति क्षेत्राीय विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावास से दो या दो किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित स्कूलों एवं महाविद्यालयों में अध्ययन हेतु जाने पर छात्रावास द्वारा साईकिल उपलब्ध करवाई जायेगी।
⇥ कक्षा 10 एवं 12 में अध्ययनरत छात्रा-छात्राओं की कैरियर काउंसलिंग करवाई जायेगी।
⇥ एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय, निवाई, दानवाव एवं सीमलवाड़ा की क्षमता को 300 से बढ़ाकर 480 किया जायेगा।
⇥ डूंगरपुर में निर्मित 2 एवं बांसवाड़ा में निर्मित 1 छात्रावास भवन में कालेज छात्रावास का संचालन।
⇥ तीरंदाजी अकादमी उदयपुर, बालिका खेल छात्रावास आबूरोड़ एवं प्रतापगढ़ तथा बालक खेल छात्रावास प्रतापगढ़ एवं डूंगरपुर की क्षमता 50 से बढ़ाकर 75.
⇥ जनजाति क्षेत्र के क्रमोन्नत 74 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 44.79 करोड़ रुपये की लागत से अतिरिक्त कक्षा कक्ष, लैबोरेट्री तथा अन्य आधारभूत सुविधाओं का निर्माण करवाया जायेगा।
⇥ सिंचाई सुविधाओं के विकास हेतु 19 एनीकटों का निर्माण/जीर्णोद्धार तथा 6 नहरों का विस्तार/जीर्णोद्धार करवाया जायेगा।
⇥ 38 सामुदायिक जलोत्थान सिंचाई योजनाओं की क्रियान्वित सौर उर्जा के माध्यम से की जायेगी।
⇥ जनजाति क्षेत्राीय विकास विभाग के लिए आगामी वर्ष में 596 करोड़ 82 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
⇥ श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में निम्न कार्य करवाये जायेंगेः-
– गुरूद्वारा बूढाजोहड़, रायसिंह नगर, जिला श्रीगंगानगर में स्थित झील का पर्यटन स्थल के रूप में सौंदर्यकरण एवं पेनोरमा निर्माण।
– गुरूद्वारा श्री चरणकमल साहिब, नारायणा में सन 1707 में श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के नारायणा स्थित दादू धाम, दूदू में प्रवास करने की याद में श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के पेनोरमा का निर्माण।
⇥ मुख्यमंत्री जनसहभागिता विद्यालय विकास योजना की तर्ज पर मदरसा जन-सहभागिता योजना लागू की जायेगी।
⇥ संभाग मुख्यालय, कोटा में बालिका फुटबाल, भरतपुर में बालक कुश्ती तथा बीकानेर में साइक्लिंग अकादमी खोली जायेगी।
⇥ झुंझुनूं में वाॅलीबाल अकादमी की स्थापना।
⇥ विशिष्ठ श्रेणी एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 60 वर्ष से अधिक आयु के खिलाड़ियों के लिए पेंशन योजना।
⇥ जनजाति समुदाय हेतु राज्य स्तरीय खेल एवं सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया जायेगा।
⇥ जोधपुर, करौली एवं अलवर में इंडोर गेम्स के लिए 4.50 करोड़ रुपये के आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाये जायेंगे।
⇥ सवाईमानसिंह स्टेडयम में एस्ट्रोटर्फ, मेडिटेशन सेंटर एवं टेंनिंग टेंक को सिंथेटिक्स बनाने संबंधी कार्यों के लिए 6.35 करोड़ रुपये का व्यय।
⇥ प्रदेश के विभिन्न स्टेडियमों में 3.90 करोड़ रुपये के विकास कार्य करवाये जायेंगे।
⇥ स्टेडियमों के ढांचागत सुधार के लिए पीपीपी योजना लायी जायेगी।
⇥ निजी क्षेत्र में खेल अकादमी स्थापित करने के लिए राज्य सरकार आगामी वर्ष में एक व्यापक नीति लायेगी।
⇥ युवा मामले एवं खेल विभाग के लिए आगामी वर्ष में 106 करोड़ 8 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 24.30 प्रतिशत अधिक है।
⇥ 105 ग्राम पंचायतों में, जहां निजी अथवा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है, एक-एक राजकीय माध्यमिक विद्यालय को उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्न्त किया जायेगा।
⇥ ऐसी ग्राम पंचायतें जहां निजी उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित है, में संचालित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 10 में 40 से अधिक नामांकन होने पर उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया जायेगा।
⇥ कला संकाय वाले 112 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान संकाय प्रारंभ की जायेगी।
⇥ कला एवं वाणिज्य संकाय वाले 26 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान संकाय प्रारंभ की जायेगी।
⇥ 54 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गणित, 23 में जीव विज्ञान तथा 190 में कृषि विषय खोले जायेंगे।
⇥ राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 29.69 करोड़ रुपये की लागत से कंप्यूटर, मल्टी फंक्शनल प्रिंटर तथा इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी।
⇥ शिक्षाकर्मियों, पैराटीचर्स एवं मदरसा पैराटीचर्स के मासिक मानदेय में 1 जुलाई 2017 से 10 प्रतिशत की वृद्धि।
⇥ 50 माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की जायेगी।
⇥ 133 विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष, पुस्तकालय कक्ष, कंप्यूटर कक्ष,आर्ट एवं क्राफ्ट कक्ष, विज्ञान प्रयोगशाला, पेयजल सुविधा एवं शौचालय निर्माण के कार्य 74 करोड़ रुपये की लागत से करवाये जायेंगे।
⇥ 58 नवीन विद्यालय भवन एवं 1134 कक्षा कक्ष का निर्माण 114.48 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जायेगा।
⇥ राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 3.60 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जायेगा।
⇥ आगामी वर्ष से कला एवं वाणिज्य संकाय में अध्ययनरत मेधावी बच्चों के लिए पृथक से प्रतिभा खोज परीक्षा करवा चिन्हित उत्कृष्ट बच्चों को पुरस्कृत किया जायेगा।
⇥ आगामी वर्ष में 8 नवीन राजकीय महाविद्यालय खोले जायेंगे।
⇥ 7 राजकीय महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर स्तर पर क्रमोन्नत किया जायेगा।
⇥ 3 महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर के नये विषय प्रारंभ किये जायेंगे।
⇥ 11 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के नये विषय प्रारंभ किये जायेंगे।
⇥ 5 राजकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय प्रारंभ की जायेगी।
⇥ 8 पुनर्गठित महाविद्यालयों के लिए 48 करोड़ रुपये की लागत से भवन का निर्माण।
⇥ संभागीय मुख्यालयों पर चयनित राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट साईंस लैब की स्थापना।
⇥ 10 राजकीय महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों हेतु क्राउड सोर्स्ड सोशल प्लेटफॉर्म फॉर एजूकेशन की स्थापना की जायेगी।
⇥ राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर, गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय बाँसवाड़ा, पंडित दीन दयाल उपाध्याय शेखावटी विश्वविद्यालय सीकर एवं महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर के भवन निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ उच्च शिक्षा के लिए आगामी वर्ष में 1 हजार 399 करोड़ 42 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 11.01 प्रतिशत अधिक है।
⇥ सोसायटी एक्ट के संचालित 8 इंजीनियरिंग कॉलेज को ढांचागत सुविधाओं के लिए दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 7.10 करोड़ रुपये किया गया।
⇥ करौली व धौलपुर मे खोले गये इंजीनियरिंग कॉलेज को 1-1 करोड़ रुपये की राशि दी जायेगी।
⇥ राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज भरतपुर को बालिका छात्रावास एवं अकादमिक ब्लाक के निर्माण हेतु 6 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान।
⇥ आगामी 2 वर्षों में 34 महाविद्यालयों में इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंट्रेक्शन सेल की स्थापना की जायेगी।
⇥ 50 चिकित्सा संस्थानों को 50 डेंटल चेयर एक्सरे मशीन हेतु 2.50 करोड़ रुपये।
⇥ धौलपुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से नवीन चिकित्सालय भवन एवं क्वाटर्स के निर्माण।
⇥ सात जिला चिकित्सालयों पर स्थापित
ब्लड बैंक्स को ब्लड कॉम्पोनेंट सेपरेशन यूनिट में क्रमोन्नत।
⇥ 2 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को पीएचसी में, 6 पीएचसी को सीएचसी में तथा 1 सीएचसी को सेटेलाईट अस्पताल में क्रमोन्नत।
⇥ 3 नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किये जायेंगे।
⇥ 7 चिकित्सा संस्थाओं की शैययाओं में बढ़ोतरी।
⇥ बिलाड़ा जिला जोधपुर में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना की जायेगी।
⇥ 14 चिकित्सालयों में महिलाओं में स्तन कैंसर की जांच एवं समुचित ईलाज करवाने हेतु कार्यक्रम प्रारंभ किया जायेगा।
⇥ जिला चिकित्सालय करौली में आईपीडी भवन निर्माण 4 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से।
⇥ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए आगामी वर्ष में 6 हजार 315 करोड़ 38 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 8.21 प्रतिशत अधिक है।
⇥ सवाईमानसिंह चिकित्सालय जयपुर में हार्ट ट्रांस्प्लांट की सुविधा हेतु 20 करोड़ रुपये।
⇥ जोधपुर के मथुरा दास माथुर अस्पताल में ट्रोमा अस्पताल का निर्माण।
⇥ चिकित्सा महाविद्यालय जोधपुर में 10 करोड़ रुपये की लागत से कैथ लेब मशीन की स्थापना।
⇥ मेडिकल कालेज परिसर कोटा के द्वितीय तल का निर्माण 29.39 करोड़ रुपये की लागत से।
⇥ मेडिकल कालेज कोटा में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 8 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ मेडिकल कालेज कोटा एवं जोधपुर में सिलिकोसिस के उपचार हेतु पृथक विंग की स्थापना।
⇥ सवाईमानसिंह मेडिकल कालेज जयपुर, आरएनटी मेडिकल कालेज, उदयपुर एवं झालावाड़ मेडिकल कालेज में वर्चुअल ट्रेनिंग एड्स तथा स्म्यिूलेटर्स पर आधारित शिक्षा के लिए स्किल लैब्स की स्थापना।
⇥ राजस्थान यूनिवर्सिटी आॅफ हेल्थ साइंसेज में एक अत्याधुनिक परपैजेलिक ट्रीटमेंट विंग की स्थापना।
⇥ चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए आगामी वर्ष में 2 हजार 574 करोड़ 86 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 33.40 प्रतिशत अधिक।
⇥ 10 क्षार सूत्र शल्य चिकित्सा इकाई प्रारंभ की जायेगी।
⇥ धौलपुर एवं जयपुर में नये पंच कर्म केन्द्र खोले जायेंगे। साथ ही जैसलमेर व बाड़मेर में आंचल प्रसूता केन्द्र खोले जायेंगे।
⇥ डाॅ. एस.आर. राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर में 6 विभागों में 6-6 सीटों पर स्नातकोत्तर पाठयक्रम।
⇥ राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, उदयपुर में तीन स्नातक विभागों को स्नातकोत्तर विभागों में क्रमोन्नयन।
⇥ 13 जिलों में संचालित आयुर्वेद चिकित्सालयों को भी जिला आयुर्वेद चिकित्सालय का दर्जा दिया जायेगा।
⇥ जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ तथा टोंक में नवीन जिला आयुर्वेद चिकित्सालय खोले जायेंगे।
⇥ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के
कम्प्यूटराइजेशन हेतु वर्ष 2017-18 में 18.51 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2017-18 में 397.91 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ बेरोजगार युवकों / युवतियों को अक्षत योजना के तहत दी जा रही सहायता राशि में वृद्धि।
⇥ देश के प्रथम राजकीय कौशल विश्वविद्यालय ‘राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी‘ की जामडोली, जयपुर में स्थापना।
⇥ 18 पंचायत समितियों में नवीन राजकीय आईटीआई प्रारंभ की जायेंगी।
⇥ 69 आईटीआई में मशीनरी एवं उपकरण उपलब्ध कराने हेतु 146.19 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ राजकीय कारागृह आईटीआई जयपुर में आगामी सत्रा से 2 नये ट्रेड इलेक्ट्रिशियन एवं कम्प्यूटर आॅपरेटर एंड प्रोग्रामिंग अस्स्टिेंट खोले जायेंगे।
⇥ राजकीय आईटीआई धौलपुर, झालावाड़ एवं राजसमन्द में मैकेनिक मोटर व्हीकल ट्रेड खोला जायेगा।
⇥ नीमराणा में जापान इंडिया मैन्यूफेक्चरिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की जायेगी।
⇥ श्रम एवं रोजगार विभाग के लिए आगामी वर्ष में 1 हजार 7 करोड़ 44 लाख रुपये का प्रावधान, जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 21.32 प्रतिशत अधिक।
⇥ राज्य के 71 राजकीय माॅडल विद्यालयों में स्टार्ट अप्स बूट्स क्लब की स्थापना।
⇥ राज्य में बायोटेक्नोलॉजी एंड रूरल टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेशन की स्थापना।
⇥ आगामी वर्ष में अन्नापूर्ण रसोई योजना को राज्य की सभी नगरीय निकायों में प्रारंभ किया जायेगा।
⇥ प्रदेश के 29 शहर अमृत योजना के तहत चयनित हैं। इस योजना के तहत 3223.94 करोड़ रुपये के 95 प्रोजेक्ट चिन्हित
⇥ राज्य की 179 नगरीय निकायों में वर्ष 2017-18 में 357 करोड़ रुपये की लागत से गौरव पथ निर्माण के कार्य करवाये जायेंगे।
⇥ आगामी वर्ष में राज्य के सभी 190 शहरों में 625 स्थानों पर वाई फाई सुविधा।
⇥ ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक जल स्रोतों में महात्मा गांधी नरेगा योजना से जल संरक्षण
संरचनाओं का निर्माण किया जायेगा तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की अन्य योजनाओं के कन्वर्जेन्स से ग्रामीण महिलाओं के लिए सामुदायिक महिला स्नानागार का निर्माण।
⇥ गुरू गोलवलकर जन-भागीदारी विकास योजना में प्रावधान को बढ़ाकर 125 करोड़ रुपये।
⇥ आगामी वर्ष में 5 हजार से अधिक की आबादी वाले गाँवों को समग्र रूप से आधुनिक सुविधायें उपलब्ध कराने की दृष्टि से स्मार्ट विलेज के रूप में विभागों की विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध वित्तीय एवं अन्य संसाधनों के कन्वर्जेस से करके विकसित किया जायेगा।
⇥ सभी अटल सेवा केन्द्रों पर ई-मित्र सर्विस एटीएम स्थापित किये जायेंगे।
⇥ आगामी वर्ष में सभी प्रमुख विभागों में फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू किया जायेगा।
⇥ सभी ब्लाॅक मुख्यालय एवं नगर निकाय मुख्यालय को फाइबर से कनेक्ट किया जाएगा।
⇥ अटल सेवा केन्द्रों पर युवाओं को इंटरनेट की सुविधा देने के लिए चरणबद्ध रूप से वाई—फाई।
⇥ आगामी वर्ष में 8 लाख लोगों को आईटी ट्रेनिंग दी जायेगी।
⇥ आगामी वर्ष सभी जिलों को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स से जोड़ा जायेगा।
⇥ राज्यव्यापी इंटीग्रेटेड आईटी इनेबल्ड हेल्थ प्रोजेक्ट की स्थापना।
⇥ खनन से संबंधित कार्यों के लिए इंटीग्रेटेड आईटी इनेबल्ड हेल्थ प्रोजेक्ट को
डवलप किया जायेगा।
⇥ संपूर्ण राशन वितरण प्रणाली का आई टी इनेबलमेंट किया जायेगा।
⇥ 6 संभागीय मुख्यालयों पर साइबर फोरेंसिक सेल प्रारंभ किये जायेंगे।
⇥ आगामी वर्ष में भी न्याय आपके द्वार अभियान जारी रखा जायेगा।
⇥ 289 उपखण्ड कार्यालयों के आधुनिकीकरण हेतु 29 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ निर्माणाधीन उप-तहसील, तहसील तथा उपखण्ड कार्यालयों एवं आवास निर्माण हेतु 125 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ राजस्व कार्यालयों के लिए नाकारा वाहन के बदले नये वाहन उपलब्ध कराने हेतु 8.33 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ तकनीकी रूप से सुदृढ़ किये जाने के लिए भू-प्रबंध विभाग का पुनर्गठन।
⇥ RESCO के माध्यम से विभागों में नियोजित भूतपूर्व सैनिकों की पारिश्रमिक में 800 रुपये प्रतिमाह से 1600 रुपये प्रतिमाह तक की वृद्धि।
⇥ सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय के तत्वाधान में Forensic Science Wing की स्थापना।
⇥ ग्राम मोरवानिया, तहसील गिरवा जिला उदयपुर में नवीन पुलिस टेंनिंग स्कूल की स्थापना।
⇥ कांस्टेबल के रिक्त पदों के विरूद्ध पुलिस विभाग में 5500 कांस्टेबलों की भर्ती।
⇥ 3 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 10 उप-पुलिस अधीक्षक कार्यालय तथा 20 पुलिस थाना भवनों का निर्माण 50 करोड़ रुपये की लागत से
⇥ 5 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आवास एवं 15 उप-पुलिस अधीक्षक आवास का निर्माण 12 करोड़ रुपये की लागत से।
⇥ 30 उप-कारागृहों में 4 करोड़ रुपये की लागत से CC TV स्थापित किये जायेंगे।
⇥ जिला कारागृह डूँगरपुर एवं उप-कारागृह अकलेरा-झालावाड़ के नवीन भवन निर्माण हेतु 28.81 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ विभिन्न कारागृहों में बंदी बैरक, चारदीवारी एवं शौचालय आदि के निर्माण हेतु 16.62 करोड़ रुपये का प्रावधान।
⇥ गृह विभाग के लिए आगामी वर्ष में 5 हजार 653 करोड़ 69 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान से 11.83 प्रतिशत अधिक
⇥ निम्न न्यायालय खोले जायेंगेः-
– पोकरण जिला जैसलमेर, कोटपुतली जिला जयपुर एवं बारां में एक-एक अपर जिला एवं सैशन न्यायालय।
– भुसावर जिला भरतपुर, भीनमाल, सांचोर जिला जालौर एवं सपोटरा जिला करौली में एक-एक सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्टेंट।
– जयपुर में POSCO Act के तहत एक विशिष्ट न्यायालय।
– करौली, सिरोही, बाड़मेर, धौलपुर, जालौर, जैसलमेर, प्रतापगढ़ में पारिवारिक न्यायालय।
– प्रतापगढ़ तथा करौली में एक-एक मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण।
⇥ राज्य के समस्त जिलों को नागरिक सुरक्षा जिला घोषित कर, क्रियाशील किया जायेगा, जिस पर 6.14 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आयेगा।
⇥ राज्य कर्मचारियों द्वारा अपने यात्रा व चिकित्सा बिल के online प्रस्तुतीकरण की व्यवस्था को IFMS से जोड़ा जायेगा।
⇥ राज्य सिविल पेंशनर्स के मेडिकल पुनर्भरण दावों के online प्रस्तुतीकरण एवं दावों के e-payment की व्यवस्था।
⇥ निर्माण विभागों के लेन-देन से संबंधित प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां, कार्यादेश, G-schedules, measurement book आदि को online system
से व बिल तैयार करने की प्रक्रिया से भी जोड़ा जायेगा।
⇥ manual receipts को भी e-mode पर लाया जायेगा।
⇥ 11 नवीन उपकोष कार्यालय की स्थापना।
⇥ 17 नवीन उप-कोष भवनों का निर्माण 8.50 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जायेगा।
⇥ सातवें वेतन आयोग की सिफिरिशों के परिप्रेक्ष्य में राज्य कर्मचारियों को देय लाभ हेतु गठित राज्यस्तरीय कमेटी की सिफारिशें प्राप्त होने पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा।
⇥ 50 वर्ष से अधिक आयु के अराजपत्रित कर्मचारियों को तीन वर्ष में एक बार निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की सुविधा।
⇥ कार्य प्रभारित कर्मचारी के लिए पृथक से सेवा नियम बनाये जाकर पात्राता अनुसार स्क्रीनिंग उपरान्त स्टोरमुंशी के पद पर पदस्थापित किया जायेगा।
⇥ कार्यप्रभारित कर्मचारी के लिए पृथक से सेवा नियम बनाये जाकर नये पदनाम दिये जायेंगे।